ETV Bharat / state

वशिष्ठ नारायण के जूनियर डॉ. अजय कुमार का आरोप- सरकार ने नहीं की देखभाल - वशिष्ठ नारायण सिंह अब दुनिया में नहीं रहे

नेतरहाट स्कूल में वशिष्ठ नारायण के जूनियर रहे मशहूर चिकित्सक डॉ. अजय कुमार ने ईटीवी भारत के साथ अपनी यादें साझा की. उन्होंने कहा कि शिष्ठ नारायण का जीवन गुमनामी में ही गुजर गया. सरकार से जो उन्हें मदद और सम्मान मिलनी चाहिए थी, वो कभी नसीब नहीं हो सका.

डॉ. अजय कुमार
author img

By

Published : Nov 14, 2019, 2:14 PM IST

पटना: बिहार के सपूत और महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह अब दुनिया में नहीं रहे. पीएमसीएच में उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन के बाद पूरे प्रदेश में शोक की लहर है. नेतरहाट स्कूल में वशिष्ठ नारायण के जूनियर रहे मशहूर चिकित्सक डॉ. अजय कुमार ने ईटीवी भारत के साथ अपनी यादें साझा की.

ईटीवी भारत से बातचीत में डॉ. अजय कुमार ने कहा कि वशिष्ठ नारायण की कृति को लोग हमेशा याद रखेंगे. स्कूल की यादें ताजा करते हुए उन्होंने बताया कि वशिष्ठ नारायण आम छात्रों की तरह ही पढ़ाई करते थे. गणित में उनकी अभिरुचि थी. आरंभिक जीवन वशिष्ठ नारायण का तो काफी सुखद रहा लेकिन विदेश से लौटने के बाद उनके जीवन में काफी उतार-चढ़ाव आए.

वशिष्ठ नारायण के जूनियर रहे मशहूर चिकित्सक डॉ. अजय कुमार ने ईटीवी भारत के साथ अपनी यादें साझा की.

शिजोफ्रेनिया रोग से ग्रसित थे वशिष्ठ नारायण
डॉ. अजय कुमार ने बताया कि शादी और फिर तलाक होने के बाद वह डिप्रेशन में रहने लगे और शिजोफ्रेनिया रोग से ग्रसित हो गए. काफी इलाज चला. बीच में हालत में कुछ सुधार भी आया था लेकिन तबीयत उनकी फिर बिगड़ गई. मानसिक रूप से कुछ करने समझने में वो समर्थ नहीं थे. कुछ दिनों बाद वो घर से भाग गये थे. अचानक एक दिन उन्हें किसी अन्य जिले में भटकते देखा गया. सूचना मिलने के बाद परिजन उन्हें घर लेकर आये.

patna
वशिष्ठ नारायण सिंह

सरकार ने नहीं की देखभाल
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में सरकार की जिम्मेदारी बनती थी कि वो वशिष्ठ नारायण की देखभाल करे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. डॉ. अजय ने कहा कि नेतरहाट पुल स्टूडेंट एसोसिएशन ने भी उनके लिए बहुत कुछ करने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली. लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार ने भी कई बार वायदे किए लेकिन उस पर अमल नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का जीवन गुमनामी में ही गुजर गया. सरकार से जो उन्हें मदद और सम्मान मिलनी चाहिए थी, वो कभी नसीब नहीं हो सका.

पटना: बिहार के सपूत और महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह अब दुनिया में नहीं रहे. पीएमसीएच में उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन के बाद पूरे प्रदेश में शोक की लहर है. नेतरहाट स्कूल में वशिष्ठ नारायण के जूनियर रहे मशहूर चिकित्सक डॉ. अजय कुमार ने ईटीवी भारत के साथ अपनी यादें साझा की.

ईटीवी भारत से बातचीत में डॉ. अजय कुमार ने कहा कि वशिष्ठ नारायण की कृति को लोग हमेशा याद रखेंगे. स्कूल की यादें ताजा करते हुए उन्होंने बताया कि वशिष्ठ नारायण आम छात्रों की तरह ही पढ़ाई करते थे. गणित में उनकी अभिरुचि थी. आरंभिक जीवन वशिष्ठ नारायण का तो काफी सुखद रहा लेकिन विदेश से लौटने के बाद उनके जीवन में काफी उतार-चढ़ाव आए.

वशिष्ठ नारायण के जूनियर रहे मशहूर चिकित्सक डॉ. अजय कुमार ने ईटीवी भारत के साथ अपनी यादें साझा की.

शिजोफ्रेनिया रोग से ग्रसित थे वशिष्ठ नारायण
डॉ. अजय कुमार ने बताया कि शादी और फिर तलाक होने के बाद वह डिप्रेशन में रहने लगे और शिजोफ्रेनिया रोग से ग्रसित हो गए. काफी इलाज चला. बीच में हालत में कुछ सुधार भी आया था लेकिन तबीयत उनकी फिर बिगड़ गई. मानसिक रूप से कुछ करने समझने में वो समर्थ नहीं थे. कुछ दिनों बाद वो घर से भाग गये थे. अचानक एक दिन उन्हें किसी अन्य जिले में भटकते देखा गया. सूचना मिलने के बाद परिजन उन्हें घर लेकर आये.

patna
वशिष्ठ नारायण सिंह

सरकार ने नहीं की देखभाल
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में सरकार की जिम्मेदारी बनती थी कि वो वशिष्ठ नारायण की देखभाल करे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. डॉ. अजय ने कहा कि नेतरहाट पुल स्टूडेंट एसोसिएशन ने भी उनके लिए बहुत कुछ करने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली. लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार ने भी कई बार वायदे किए लेकिन उस पर अमल नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का जीवन गुमनामी में ही गुजर गया. सरकार से जो उन्हें मदद और सम्मान मिलनी चाहिए थी, वो कभी नसीब नहीं हो सका.

Intro:बिहार के सपूत और महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण दुनिया में नहीं रहे लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई नेतरहाट से की थी नेतरहाट में वह आम छात्रों की तरह ही पढ़ाई करते थे अपने लिए उन्होंने खुद कोई गोल नहीं बनाए थे लेकिन गणित में उनकी अभिरुचि थी


Body:महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण अब दुनिया में नहीं रहे लेकिन उनकी कृति को लोग लंबे समय तक याद रखेंगे आरंभिक जीवन वशिष्ठ नारायण का तो सुखद रहा लेकिन विदेश से लौटने के बाद उनके जीवन में काफी उतार-चढ़ाव आए और खासतौर पर शादी और फिर तलाक के बाद वह शिजोफ्रेनिया रोग से ग्रसित हो गए


Conclusion:नेतरहाट में वशिष्ठ नारायण के जूनियर रहे डॉ अजय कुमार अपनी व्यथा बताते हुए भावुक हो जाते हैं ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान डॉ राजा ने कहा कि वशिष्ठ नारायण जैसे सप्पू कम पैदा होते हैं और ऐसे महान व्यक्तियों को सरकार ने मरने के लिए छोड़ दिया डॉ अजय ने कहा कि नेतरहाट पुल स्टूडेंट एसोसिएशन ने उनके लिए बहुत कुछ करने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार ने भी कई बार वायदे किए लेकिन उस पर अमल नहीं हो पाया डॉ अजय ने बताया कि शादी के बाद पत्नी से उनकी नहीं बनी और जल्दी तलाक हो गया तलाक के बाद उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहेगी और वह बीमारी से ग्रसित हो गए लेकिन सरकारी स्तर पर उनके इलाज के लिए और उनके पालन-पोषण के लिए कुछ नहीं किया गया
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.