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शहरों की तर्ज पर अब गांव में डोर टू डोर होगा कचरा उठाओ, धनरूआ से शुभारंभ

शहरों के तर्ज पर अब गांव में भी डोर टू डोर कचरा उठाओ अभियान (Door To Door Waste Collection) चलाया जाएगा. पटना के धनरूआ प्रखंड के बहरामपुर पंचायत से आज से इसकी शुरुआत हो चुकी है. जिला समन्वयक एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी ने हरी झंडी दिखाकर इस परियोजना की शुरुआत की.

door to door waste collection started in Dhanarua
door to door waste collection started in Dhanarua
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Published : Jul 5, 2022, 3:17 PM IST

पटना: शहर की तरह पंचायतों में भी कचरा उठाओ ( Waste Collection Started In Dhanarua) के लिए हर गांव के हर घर में हरा और नीला डस्टबिन वितरण किया जा रहा है. ऐसे में धनरूआ प्रखंड के बहरामपुर पंचायत (Baharampur Panchayat) में इसकी शुरुआत कर दी गई है. लोहिया स्वच्छता अभियान (Lohiya Swachh Abhiyan Bihar) के जिला समन्वयक एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी और पंचायत के मुखिया ने संयुक्त रूप से इसका शुभारंभ किया.

पढ़ें- डोर-टू-डोर कचरा उठाव रेट में बढ़ोत्तरी की तैयारी, अब 30 नहीं 50 रुपये देना होगा प्रति माह शुल्क

हरामपुर पंचायत से कचरा उठाओ की शुरुआत: गौरतलब है कि गांव में भी अब शहरों की तरह कचरा का उठाव किया जाएगा. कचरा उठाओ के लिए हर गांव के हर घर में हरा और नीला डस्टबिन वितरित किया गया है. वहीं सार्वजनिक स्थलों पर भी बड़े बड़े डस्टबिन लगाए जा रहे हैं. इसके लिए प्रथम फेज में प्रखंड में 4 पंचायतों को चिन्हित किया गया था, जिसमें से बहरामपुर पंचायत से इसकी शुरुआत हो गई है.

जल निस्तारण की भी व्यवस्था: ठोस और गीला कचरा प्रबंधन की कार्य योजना बना दी गई है. इसके अलावा उपयोग के बाद बचे जल का भी निस्तारण किया जाएगा. जल का निस्तारण व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों स्तर पर किया जाना है. घरों से उठाए जाने वाले कचरों के निस्तारण को लेकर पंचायत में विकास कार्य का निर्माण किया गया है जहां गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग निस्तारित किया जाना है.

कचरे से बनेगा कंपोस्ट खाद: इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला एवं स्वच्छता समिति के जिला संयोजक संजय कुमार ने बताया कि जो भी कचरा का उठाव होगा कचरा प्रबंधन में जमा किया जाएगा. उसके बाद कृषि विभाग द्वारा कंपोस्ट खाद बनाया जाएगा. गांव को सुंदर बनाने के लिए चयनित पंचायत के सभी वार्ड के प्रत्येक घर में 2 डस्टबिन दिया जा रहा है.

चेंबर वाटर स्टेबलाइजर का निर्माण: जिला जल एवं स्वच्छता समिति द्वारा ठोस तरल एवं अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अलग-अलग प्रखंडों में विभिन्न पंचायतों को इस योजना से जोड़ा गया है. फिलहाल धनरूआ में 4 पंचायत, मसौढ़ी में 4 पंचायत और पुनपुन में 3 पंचायतों को ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य के लिए प्रत्येक वार्ड में एक सुरक्षाकर्मी और प्रथम ग्राम पंचायत स्तर से एक-एक स्वच्छता पर्यवेक्षक की मदद से पंचायतों को कचरा मुक्त किया जाएगा. तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सोख्ता गड्ढा नालियों का चेंबर वाटर स्टेबलाइजर आदि का निर्माण किया जा रहा है.

"आज से हर वार्ड में कचरा संग्रहण के लिए एक ठेला रिक्शा का शुभारंभ किया गया है. हर घर से कचरा इकट्ठा करेंगे. कचरा प्रसंस्करण केंद्र में इसको ट्रीट किया जाएगा."- संजय कुमार, समन्वयक, जिला जल स्वच्छता समिति

"बहरामपुर पंचायत से इस योजना की शुरुआत हुई है. मेरी शुभकामनाएं हैं. हमारा भारत और हमारा पंचायत स्वच्छ रहे."- अरोमा मोदी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, धनरूआ

"अब हमारे गांव में भी कचरा का उठाव होगा. मेरे लिए यह बहुत खुशी की बात है. डोर टू डोर जाकर कचरा कलेक्ट किया जाएगा."- गुड्डू कुमार, मुखिया, बहरामपुर पंचायत, धनरूआ

पटना: शहर की तरह पंचायतों में भी कचरा उठाओ ( Waste Collection Started In Dhanarua) के लिए हर गांव के हर घर में हरा और नीला डस्टबिन वितरण किया जा रहा है. ऐसे में धनरूआ प्रखंड के बहरामपुर पंचायत (Baharampur Panchayat) में इसकी शुरुआत कर दी गई है. लोहिया स्वच्छता अभियान (Lohiya Swachh Abhiyan Bihar) के जिला समन्वयक एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी और पंचायत के मुखिया ने संयुक्त रूप से इसका शुभारंभ किया.

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हरामपुर पंचायत से कचरा उठाओ की शुरुआत: गौरतलब है कि गांव में भी अब शहरों की तरह कचरा का उठाव किया जाएगा. कचरा उठाओ के लिए हर गांव के हर घर में हरा और नीला डस्टबिन वितरित किया गया है. वहीं सार्वजनिक स्थलों पर भी बड़े बड़े डस्टबिन लगाए जा रहे हैं. इसके लिए प्रथम फेज में प्रखंड में 4 पंचायतों को चिन्हित किया गया था, जिसमें से बहरामपुर पंचायत से इसकी शुरुआत हो गई है.

जल निस्तारण की भी व्यवस्था: ठोस और गीला कचरा प्रबंधन की कार्य योजना बना दी गई है. इसके अलावा उपयोग के बाद बचे जल का भी निस्तारण किया जाएगा. जल का निस्तारण व्यक्तिगत और सामुदायिक दोनों स्तर पर किया जाना है. घरों से उठाए जाने वाले कचरों के निस्तारण को लेकर पंचायत में विकास कार्य का निर्माण किया गया है जहां गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग निस्तारित किया जाना है.

कचरे से बनेगा कंपोस्ट खाद: इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला एवं स्वच्छता समिति के जिला संयोजक संजय कुमार ने बताया कि जो भी कचरा का उठाव होगा कचरा प्रबंधन में जमा किया जाएगा. उसके बाद कृषि विभाग द्वारा कंपोस्ट खाद बनाया जाएगा. गांव को सुंदर बनाने के लिए चयनित पंचायत के सभी वार्ड के प्रत्येक घर में 2 डस्टबिन दिया जा रहा है.

चेंबर वाटर स्टेबलाइजर का निर्माण: जिला जल एवं स्वच्छता समिति द्वारा ठोस तरल एवं अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अलग-अलग प्रखंडों में विभिन्न पंचायतों को इस योजना से जोड़ा गया है. फिलहाल धनरूआ में 4 पंचायत, मसौढ़ी में 4 पंचायत और पुनपुन में 3 पंचायतों को ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के कार्य के लिए प्रत्येक वार्ड में एक सुरक्षाकर्मी और प्रथम ग्राम पंचायत स्तर से एक-एक स्वच्छता पर्यवेक्षक की मदद से पंचायतों को कचरा मुक्त किया जाएगा. तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सोख्ता गड्ढा नालियों का चेंबर वाटर स्टेबलाइजर आदि का निर्माण किया जा रहा है.

"आज से हर वार्ड में कचरा संग्रहण के लिए एक ठेला रिक्शा का शुभारंभ किया गया है. हर घर से कचरा इकट्ठा करेंगे. कचरा प्रसंस्करण केंद्र में इसको ट्रीट किया जाएगा."- संजय कुमार, समन्वयक, जिला जल स्वच्छता समिति

"बहरामपुर पंचायत से इस योजना की शुरुआत हुई है. मेरी शुभकामनाएं हैं. हमारा भारत और हमारा पंचायत स्वच्छ रहे."- अरोमा मोदी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, धनरूआ

"अब हमारे गांव में भी कचरा का उठाव होगा. मेरे लिए यह बहुत खुशी की बात है. डोर टू डोर जाकर कचरा कलेक्ट किया जाएगा."- गुड्डू कुमार, मुखिया, बहरामपुर पंचायत, धनरूआ

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