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कोरोना से पति की हुई मौत तो गर्भवती पत्नी को ससुरालवालों ने घर से निकाला, मामला पहुंचा महिला हेल्पलाइन

महिलाओं के साथ हो रही हिंसा की शिकायतों के निवारण के लिए महिला हेल्पलाइन पूरी तरह से अलर्ट है. महिला हेल्पलाइन के मुताबिक कोरोना काल में लगातार घरेलु हिंसा के मामले में बढ़ोतरी हो रही है.

महिला हेल्पलाइन
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Published : Aug 21, 2021, 5:54 PM IST

पटना: कोरोना काल में घरेलू हिंसा (Domestic Violence In Corona) के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. हर दिन महिलाएं हिंसा की शिकार होकर महिला हेल्पलाइन (Women Helpline) पहुंच रही हैं. एक मामला ऐसा भी आया जिसमें एक महिला के पति की मृत्यु कोरोना के कारण हो गई थी. उस वक्त पत्नी गर्भवती थी. आरोप है कि पति की मौत के बाद पत्नी को ससुरालवालों ने घर से निकाल दिया. महिला मदद मांगने महिला हेल्पलाइन पहुंच गई. अब मामले की सुनवाई की जा रही है.

यह भी पढ़ें- लॉकडाउन ने बढ़ाई पति-पत्नी में दूरियां, घरेलू हिंसा को देखते हुए न्यायालय ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

बदलते वक्त के साथ अब शिकायतों में भी बदलाव आया है. महिला हेल्पलाइन में पिछले महीने कुल 59 मामले दर्ज हुए थे. जिनमें घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना, दूसरी शादी, दहेज के लिए हत्या, संपत्ति विवाद और यौन उत्पीड़न के मामले दर्ज किए गए थे. महिला हेल्पलाइन द्वारा 8 जगहों पर होम विजिट कर पीड़ितों की मदद की गई थी.

देखें वीडियो

वहीं इस महीने की बात करें तो महिला हेल्पलाइन में कुल 27 मामले अबतक दर्ज हुए हैं. करोना काल के दौरान छेड़खानी के मामले में कहीं न कहीं कमी जरूर आई है. कोरोना काल के दौरान भी महिला हेल्पलाइन द्वारा वर्चुअल माध्यम से और होम विजिट कर कई मामलों का निष्पादन किया गया है.

महिला हेल्पलाइन में कोरोना काल के दौरान घरेलू हिंसा में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वहीं दहेज प्रथा, दूसरी शादी, ससुराल पक्ष द्वारा तंग करने के भी मामले सामने आ रहे हैं. महिला हेल्पलाइन के समक्ष ससुराल पक्ष द्वारा बहू पर जेवर और पैसे मायके ले जाकर रखने की शिकायतें भी आ रही हैं. महिला हेल्पलाइन द्वारा काउंसलिंग के माध्यम से पति-पत्नी और परिवार के बीच आपसी सहमति कराई जाती है. ताकि छोटी-मोटी बातों को सुलझा कर उनका घर बर्बाद होने से बचाया जाए.

महिला आयोग के समक्ष पति का दूसरी महिला से संबंध या फिर दूसरी महिला से विवाह करने के उपरांत महिला को घर वालों ने निकाल दिया है, ऐसा मामला सामने आया है. महिला हेल्पलाइन के अध्यक्ष प्रमिला कुमारी ने बताया कि ताजा मामला आया है कि कोरोना पॉजिटिव होने के वजह से पति की मौत के बाद गर्भवती पत्नी को ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया. इस मामले को लेकर भी महिला हेल्पलाइन काउंसलिंग कर रही है.

यह भी पढ़ें- न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहा महिला हेल्प लाइन सेंटर

बता दें कि बिहार में महिलाओं बच्चों को न्याय दिलाने के लिए आयोग का गठन किया गया है. लेकिन पिछले करीब 10 महीने से महिला और बाल संरक्षण आयोग पूरी तरह से ठप हो गया. ऐसे में महिला बच्चों को लेकर कामकाज पूर्ण रूप से बाधित है. दोनों आयोग भंग होने की वजह से लगभग 700 से अधिक मामले लंबित पड़े हुए हैं.

'महिला आयोग बंद होने की वजह से कहीं ना कहीं महिला हेल्पलाइन में महिलाएं अपनी समस्याओं को लेकर पहुंच रही हैं. वहीं महिला हेल्पलाइन और महिला थाने के बीच सही आपसी समन्वय नहीं होने की वजह से मामले फंस रहे हैं. बहु पक्ष द्वारा अगर महिला हेल्पलाइन में आकर शिकायत दर्ज की जाती है, तो जैसे ही ससुराल पक्ष को पता चलता है तो उनके द्वारा महिला थाने में झूठा मामला दर्ज करवा देते हैं. ऐसी भी समस्याएं आ रही हैं.' -प्रमिला कुमारी, अध्यक्ष, महिला हेल्पलाइन

यह भी पढ़ें- पटना: महिला हेल्पलाइन नंबर कार्यालय में लग रहा शिकायतों का अंबार, नहीं हो पा रहा निपटारा

पटना: कोरोना काल में घरेलू हिंसा (Domestic Violence In Corona) के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है. हर दिन महिलाएं हिंसा की शिकार होकर महिला हेल्पलाइन (Women Helpline) पहुंच रही हैं. एक मामला ऐसा भी आया जिसमें एक महिला के पति की मृत्यु कोरोना के कारण हो गई थी. उस वक्त पत्नी गर्भवती थी. आरोप है कि पति की मौत के बाद पत्नी को ससुरालवालों ने घर से निकाल दिया. महिला मदद मांगने महिला हेल्पलाइन पहुंच गई. अब मामले की सुनवाई की जा रही है.

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बदलते वक्त के साथ अब शिकायतों में भी बदलाव आया है. महिला हेल्पलाइन में पिछले महीने कुल 59 मामले दर्ज हुए थे. जिनमें घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना, दूसरी शादी, दहेज के लिए हत्या, संपत्ति विवाद और यौन उत्पीड़न के मामले दर्ज किए गए थे. महिला हेल्पलाइन द्वारा 8 जगहों पर होम विजिट कर पीड़ितों की मदद की गई थी.

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वहीं इस महीने की बात करें तो महिला हेल्पलाइन में कुल 27 मामले अबतक दर्ज हुए हैं. करोना काल के दौरान छेड़खानी के मामले में कहीं न कहीं कमी जरूर आई है. कोरोना काल के दौरान भी महिला हेल्पलाइन द्वारा वर्चुअल माध्यम से और होम विजिट कर कई मामलों का निष्पादन किया गया है.

महिला हेल्पलाइन में कोरोना काल के दौरान घरेलू हिंसा में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वहीं दहेज प्रथा, दूसरी शादी, ससुराल पक्ष द्वारा तंग करने के भी मामले सामने आ रहे हैं. महिला हेल्पलाइन के समक्ष ससुराल पक्ष द्वारा बहू पर जेवर और पैसे मायके ले जाकर रखने की शिकायतें भी आ रही हैं. महिला हेल्पलाइन द्वारा काउंसलिंग के माध्यम से पति-पत्नी और परिवार के बीच आपसी सहमति कराई जाती है. ताकि छोटी-मोटी बातों को सुलझा कर उनका घर बर्बाद होने से बचाया जाए.

महिला आयोग के समक्ष पति का दूसरी महिला से संबंध या फिर दूसरी महिला से विवाह करने के उपरांत महिला को घर वालों ने निकाल दिया है, ऐसा मामला सामने आया है. महिला हेल्पलाइन के अध्यक्ष प्रमिला कुमारी ने बताया कि ताजा मामला आया है कि कोरोना पॉजिटिव होने के वजह से पति की मौत के बाद गर्भवती पत्नी को ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया. इस मामले को लेकर भी महिला हेल्पलाइन काउंसलिंग कर रही है.

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बता दें कि बिहार में महिलाओं बच्चों को न्याय दिलाने के लिए आयोग का गठन किया गया है. लेकिन पिछले करीब 10 महीने से महिला और बाल संरक्षण आयोग पूरी तरह से ठप हो गया. ऐसे में महिला बच्चों को लेकर कामकाज पूर्ण रूप से बाधित है. दोनों आयोग भंग होने की वजह से लगभग 700 से अधिक मामले लंबित पड़े हुए हैं.

'महिला आयोग बंद होने की वजह से कहीं ना कहीं महिला हेल्पलाइन में महिलाएं अपनी समस्याओं को लेकर पहुंच रही हैं. वहीं महिला हेल्पलाइन और महिला थाने के बीच सही आपसी समन्वय नहीं होने की वजह से मामले फंस रहे हैं. बहु पक्ष द्वारा अगर महिला हेल्पलाइन में आकर शिकायत दर्ज की जाती है, तो जैसे ही ससुराल पक्ष को पता चलता है तो उनके द्वारा महिला थाने में झूठा मामला दर्ज करवा देते हैं. ऐसी भी समस्याएं आ रही हैं.' -प्रमिला कुमारी, अध्यक्ष, महिला हेल्पलाइन

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