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क्या टीके के बाद भी बरतनी होगी सावधानी? डॉक्टर से जानिए

वर्ष 2020 कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच लोगों को गुजारना पड़ा और वर्ष 2021 के शुरुआत में ही कोरोना वायरस संक्रमण के टीके का मॉक ड्रिल किया गया. इसी कड़ी में ईटीवी भारत ने यह जानने का प्रयास किया कि आखिरकार यह टीका आम लोगों के साथ साथ पहले से किसी रोग से ग्रसित मरीजों के लिए कितना सुरक्षित है.

covid vaccine effect
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Published : Jan 6, 2021, 7:53 PM IST

पटना: बहुत जल्द अब कोरोना वैक्सीन लोगों को मिलना शुरू हो जायेगा. उससे पहले पूरे देश में इसका ड्राई रन किया गया था. ऐसे में आने वाले दिनों में संक्रमण से बचाने वाले इस टीके से क्या कोई साइड इफेक्ट हो सकता है, ये सवाल हर किसी के मन में है. साथ हीे टीका सुरक्षित है या नहीं लोग जानना चाहते हैं. इस मामले को लेकर राजधानी पटना के जाने-माने डॉक्टर तेजस्वी कहते हैं कि यह टीका 70% तक सुरक्षित है और आने वाले इस साल के मध्य तक मुकम्मल लोगों तक यह टीका पहुंच जाएगा.

क्या सावधानियां बरतनी होगी
देशभर में या राजधानी पटना में जहां भी कोरोना वायरस का टीका लगेगा वहां मौजूद डॉक्टर की टीम 30 मिनट तक लोगों की निगरानी करेगी और देखा जायेगा कि आखिरकार टीका लगने के बाद उनके शरीर के सिम्टम्स में किसी प्रकार का बदलाव तो नहीं देखा जा रहा है. कभी-कभी लोगों को कुछ एलर्जी के प्रॉब्लम हो जाते हैं, इसको लेकर भी 30 मिनट तक टीका लगाने वाले व्यक्ति की निगरानी अस्पताल में मौजूद डॉक्टर्स के द्वारा की जायेगी.

ये भी पढ़ें- 'जिस तरीके से वह बिहार में बाहर हुए हैं, बहुत जल्द देश से भी बाहर होंगे'

साइड इफेक्ट होने पर कहां संपर्क करें ?
इस सवाल का जवाब देते हुए डॉ दिवाकर कहते हैं कि टीका लगने के बाद जिस अस्पताल में टीका लगाया जाता है, वहीं 30 मिनट तक लोगों को डॉक्टर के ऑब्जर्वेशन में रखा जाता है और टीकाकरण के बाद अगर कोई आपातस्थिति बनती है तो नजदीकी अस्पताल में टीका लगाने वाले व्यक्ति को भेजकर उसका इलाज कराने की व्यवस्था भी की जाती है या फिर जिस ऐप के जरिए टीकाकरण किया जाएगा, उस ऐप पर संबंधित जानकारी और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जरूरी कांटेक्ट नंबर भी दिए जाएंगे.

वैक्सीन का असर कितने दिनों में होता है?
इस सवाल का जवाब देते हुए डॉ दिवाकर तेजस्वी कहते हैं कि पहले फेज में स्वास्थ्यकर्मियों और बुजुर्गों को यह वैक्सीन दी जाएगी और पहले डोज के लगभग 28 दिन 1 महीने के बाद दूसरा डोज पड़ेगा. वैक्सिंग के दोनों डोज पड़ने के एक महीने बाद इम्यून सिस्टम में वृद्धि होगी.

कितना सुरक्षित है वैक्सीन
डॉ दिवाकर तेजस्वी कहते हैं यह वैक्सीन अत्यंत सुरक्षित है. जहां तक उसके कारगर होने का सवाल है, अभी उसका डाटा आना बाकी है हालांकि कई डॉक्टर्स द्वारा किए गए दो तीन अध्ययनों मे कोविड शीड का औसतन प्रदर्शन 70% रहा है.

कैंसर मरीज वैक्सीन ले सकते हैं ?
इस सवाल का जवाब देते हुए डॉ दिवाकर तेजस्वी कहते हैं कि हमारे यहां जो वैक्सीन अप्रूव हुई है, पहला कोविड शीड है और दूसरा दिए जाने वाला वैक्सीन पूरी तरह से इन एक्टिवेटेड वैक्सीन है और इसी वजह से हाइपरटेंशन, डायबिटीज, कैंसर और अन्य कई बीमारी से ग्रसित मरीजों के लिए भी यह वैक्सीन सुरक्षित है.

वैक्सीन के बाद भी मास्क की जरूरत ?
इस सवाल का जवाब देते हुए डॉक्टर कहते हैं कि वैक्सीन लगने के बाद कुछ दिनों तक वैक्सीनेशन कराए हुए व्यक्ति को मास्क पहनने की आवश्यकता पड़ती है. हालांकि वैक्सीन मॉक ड्रिल के दौरान भी पटना के शास्त्री नगर अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने मॉक ड्रिल के दौरान यह जानकारी दी थी कि वैक्सीनेशन कराए हुए लोगों को कुछ दिन तक मास्क पहनने की जरूरत पड़ेगी.

पटना: बहुत जल्द अब कोरोना वैक्सीन लोगों को मिलना शुरू हो जायेगा. उससे पहले पूरे देश में इसका ड्राई रन किया गया था. ऐसे में आने वाले दिनों में संक्रमण से बचाने वाले इस टीके से क्या कोई साइड इफेक्ट हो सकता है, ये सवाल हर किसी के मन में है. साथ हीे टीका सुरक्षित है या नहीं लोग जानना चाहते हैं. इस मामले को लेकर राजधानी पटना के जाने-माने डॉक्टर तेजस्वी कहते हैं कि यह टीका 70% तक सुरक्षित है और आने वाले इस साल के मध्य तक मुकम्मल लोगों तक यह टीका पहुंच जाएगा.

क्या सावधानियां बरतनी होगी
देशभर में या राजधानी पटना में जहां भी कोरोना वायरस का टीका लगेगा वहां मौजूद डॉक्टर की टीम 30 मिनट तक लोगों की निगरानी करेगी और देखा जायेगा कि आखिरकार टीका लगने के बाद उनके शरीर के सिम्टम्स में किसी प्रकार का बदलाव तो नहीं देखा जा रहा है. कभी-कभी लोगों को कुछ एलर्जी के प्रॉब्लम हो जाते हैं, इसको लेकर भी 30 मिनट तक टीका लगाने वाले व्यक्ति की निगरानी अस्पताल में मौजूद डॉक्टर्स के द्वारा की जायेगी.

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साइड इफेक्ट होने पर कहां संपर्क करें ?
इस सवाल का जवाब देते हुए डॉ दिवाकर कहते हैं कि टीका लगने के बाद जिस अस्पताल में टीका लगाया जाता है, वहीं 30 मिनट तक लोगों को डॉक्टर के ऑब्जर्वेशन में रखा जाता है और टीकाकरण के बाद अगर कोई आपातस्थिति बनती है तो नजदीकी अस्पताल में टीका लगाने वाले व्यक्ति को भेजकर उसका इलाज कराने की व्यवस्था भी की जाती है या फिर जिस ऐप के जरिए टीकाकरण किया जाएगा, उस ऐप पर संबंधित जानकारी और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जरूरी कांटेक्ट नंबर भी दिए जाएंगे.

वैक्सीन का असर कितने दिनों में होता है?
इस सवाल का जवाब देते हुए डॉ दिवाकर तेजस्वी कहते हैं कि पहले फेज में स्वास्थ्यकर्मियों और बुजुर्गों को यह वैक्सीन दी जाएगी और पहले डोज के लगभग 28 दिन 1 महीने के बाद दूसरा डोज पड़ेगा. वैक्सिंग के दोनों डोज पड़ने के एक महीने बाद इम्यून सिस्टम में वृद्धि होगी.

कितना सुरक्षित है वैक्सीन
डॉ दिवाकर तेजस्वी कहते हैं यह वैक्सीन अत्यंत सुरक्षित है. जहां तक उसके कारगर होने का सवाल है, अभी उसका डाटा आना बाकी है हालांकि कई डॉक्टर्स द्वारा किए गए दो तीन अध्ययनों मे कोविड शीड का औसतन प्रदर्शन 70% रहा है.

कैंसर मरीज वैक्सीन ले सकते हैं ?
इस सवाल का जवाब देते हुए डॉ दिवाकर तेजस्वी कहते हैं कि हमारे यहां जो वैक्सीन अप्रूव हुई है, पहला कोविड शीड है और दूसरा दिए जाने वाला वैक्सीन पूरी तरह से इन एक्टिवेटेड वैक्सीन है और इसी वजह से हाइपरटेंशन, डायबिटीज, कैंसर और अन्य कई बीमारी से ग्रसित मरीजों के लिए भी यह वैक्सीन सुरक्षित है.

वैक्सीन के बाद भी मास्क की जरूरत ?
इस सवाल का जवाब देते हुए डॉक्टर कहते हैं कि वैक्सीन लगने के बाद कुछ दिनों तक वैक्सीनेशन कराए हुए व्यक्ति को मास्क पहनने की आवश्यकता पड़ती है. हालांकि वैक्सीन मॉक ड्रिल के दौरान भी पटना के शास्त्री नगर अस्पताल में मौजूद डॉक्टर ने मॉक ड्रिल के दौरान यह जानकारी दी थी कि वैक्सीनेशन कराए हुए लोगों को कुछ दिन तक मास्क पहनने की जरूरत पड़ेगी.

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