ETV Bharat / state

PMCH की बड़ी लापरवाही: नस जोड़े बिना चढ़ाया प्लास्टर, जहर फैलने पर युवक का काटा पैर

पीएमसीएच में बड़ी लापरवाही सामने आई है. सड़क हादसे में एक युवक का पैर टूट गया था. डॉक्टर ने नस को बिना जोड़े प्लाटर चढ़ा दिया. बाद में जब दर्द बढ़ा तो डॉक्टर ने युवक के पैर की जांच की. लेकिन देर हो चुकी थी और पैर में जहर फैल चुका था. उसकी जान बचाने के लिए पैर काटना पड़ा.

लापरवाही की दर्द
लापरवाही की दर्द
author img

By

Published : Dec 29, 2020, 10:40 AM IST

Updated : Dec 29, 2020, 11:33 AM IST

पटना: पीएमसीएच बिहार का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित अस्पताल है और यहां दूरदराज इलाके से गरीब और लाचार मरीज अच्छे इलाज की उम्मीद में यहां पहुंचते हैं. पीएमसीएच में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है, यहां डॉक्टर की लापरवाही की वजह से एक मां को कहना पड़ रहा है कि 'इससे अच्छा होता...बेटे की जान ही ले लेते.'


दरअसल, पटना के फुलवारीशरीफ के 21 नंबर गली में रहने वाले 18 वर्षीय मोहम्मद आरिफ ऑटो के चपेट में आने से गंभीर रूप से जख्मी हो गया. परिजनों ने जब उसे डॉक्टरों को दिखाया तो नस कटने की बात कहकर आरिफ को पीएमसीएच रेफर कर दिया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

नस जोड़े बिना चढ़ाया प्लास्टर
पीड़ित युवक आरिफ की मां हलीमा खातून ने बताया कि, दीपावली के पूर्व वह अपने बच्चे को लेकर पीएमसीएच आई थी. यहां किसी ने उन्हें हड्डी विभाग में पहुंचा दिया. जहां एक जूनियर डॉक्टर ने बिना जांच पड़ताल किए पांव पर प्लास्टर चढ़ा दिया और वार्ड में भर्ती करा दिया.

पीड़ित युवक का परिवार
पीड़ित युवक का परिवार

''जब मेंरे बच्चे के पांव में दर्द बहुत ज्यादा बढ़ गया तब मैंने डॉक्टरों से दिखाया. प्लास्टर लगने के 5 दिन बाद जब डॉक्टरों ने देखा, तो पाया कि पैर में इंफेक्शन बहुत ज्यादा फैल चुका है. ऐसे में डॉक्टरों ने कहा कि आरिफ की जान बचाने के लिए घुटने के नीचे से पैर काटना जरूरी है. इसके बाद सर्जरी कर आरिफ का पैर काटना पड़ा.'' - हलीमा खातून, आरिफ की मां

जूनियर डॉक्टर की लापरवाही
हलीमा खातून ने बताया कि जिस डॉक्टर ने उनके बेटे के पांव पर प्लास्टर चढ़ाया था. उसे उन्होंने उस दिन के बाद से आज तक नहीं देखा है और वह उसे पहचानती भी नहीं है. उन्होंने कहा कि बड़े उम्मीद के साथ यहां पीएमसीएच में अपने इकलौते बेटे को इलाज कराने पहुंची थी. लेकिन अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर की लापरवाही की वजह से उनके बेटे का एक पैर ही खत्म हो गया और वह अपाहिज हो गया.

पीड़ित युवक
पीड़ित युवक

चंदा मांगकर करा रही है बेटे का इलाज
मां हलीमा खातून ने बताया कि बच्चे के पिता मानसिक रोगी है और उन्हें इस घटना की सही जानकारी भी नहीं दी गई है. वह चंदा मांगकर अपने पति को पालने के साथ बेटे का इलाज भी करा रही है. उन्होंने बताया कि जख्म अभी पूरी तरह ठीक नहीं हुआ है. लेकिन डॉक्टर लगातार डिस्चार्ज करने का दबाव बना रहे हैं. उन्होंने ने भी ठान रखा है कि जब तक बेटे का जख्म पूरी तरह ठीक नहीं होता है. वह अस्पताल से नहीं जाएंगी.

ईटीवी भारत जब इस मामले को लेकर पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. विमल कारक से पक्ष जानने चाहा, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है और घटना की जानकारी प्राप्त करने के बाद ही इस मामले पर वह कुछ बोल पाएंगे.

पटना: पीएमसीएच बिहार का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित अस्पताल है और यहां दूरदराज इलाके से गरीब और लाचार मरीज अच्छे इलाज की उम्मीद में यहां पहुंचते हैं. पीएमसीएच में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है, यहां डॉक्टर की लापरवाही की वजह से एक मां को कहना पड़ रहा है कि 'इससे अच्छा होता...बेटे की जान ही ले लेते.'


दरअसल, पटना के फुलवारीशरीफ के 21 नंबर गली में रहने वाले 18 वर्षीय मोहम्मद आरिफ ऑटो के चपेट में आने से गंभीर रूप से जख्मी हो गया. परिजनों ने जब उसे डॉक्टरों को दिखाया तो नस कटने की बात कहकर आरिफ को पीएमसीएच रेफर कर दिया.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

नस जोड़े बिना चढ़ाया प्लास्टर
पीड़ित युवक आरिफ की मां हलीमा खातून ने बताया कि, दीपावली के पूर्व वह अपने बच्चे को लेकर पीएमसीएच आई थी. यहां किसी ने उन्हें हड्डी विभाग में पहुंचा दिया. जहां एक जूनियर डॉक्टर ने बिना जांच पड़ताल किए पांव पर प्लास्टर चढ़ा दिया और वार्ड में भर्ती करा दिया.

पीड़ित युवक का परिवार
पीड़ित युवक का परिवार

''जब मेंरे बच्चे के पांव में दर्द बहुत ज्यादा बढ़ गया तब मैंने डॉक्टरों से दिखाया. प्लास्टर लगने के 5 दिन बाद जब डॉक्टरों ने देखा, तो पाया कि पैर में इंफेक्शन बहुत ज्यादा फैल चुका है. ऐसे में डॉक्टरों ने कहा कि आरिफ की जान बचाने के लिए घुटने के नीचे से पैर काटना जरूरी है. इसके बाद सर्जरी कर आरिफ का पैर काटना पड़ा.'' - हलीमा खातून, आरिफ की मां

जूनियर डॉक्टर की लापरवाही
हलीमा खातून ने बताया कि जिस डॉक्टर ने उनके बेटे के पांव पर प्लास्टर चढ़ाया था. उसे उन्होंने उस दिन के बाद से आज तक नहीं देखा है और वह उसे पहचानती भी नहीं है. उन्होंने कहा कि बड़े उम्मीद के साथ यहां पीएमसीएच में अपने इकलौते बेटे को इलाज कराने पहुंची थी. लेकिन अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर की लापरवाही की वजह से उनके बेटे का एक पैर ही खत्म हो गया और वह अपाहिज हो गया.

पीड़ित युवक
पीड़ित युवक

चंदा मांगकर करा रही है बेटे का इलाज
मां हलीमा खातून ने बताया कि बच्चे के पिता मानसिक रोगी है और उन्हें इस घटना की सही जानकारी भी नहीं दी गई है. वह चंदा मांगकर अपने पति को पालने के साथ बेटे का इलाज भी करा रही है. उन्होंने बताया कि जख्म अभी पूरी तरह ठीक नहीं हुआ है. लेकिन डॉक्टर लगातार डिस्चार्ज करने का दबाव बना रहे हैं. उन्होंने ने भी ठान रखा है कि जब तक बेटे का जख्म पूरी तरह ठीक नहीं होता है. वह अस्पताल से नहीं जाएंगी.

ईटीवी भारत जब इस मामले को लेकर पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. विमल कारक से पक्ष जानने चाहा, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहीं है और घटना की जानकारी प्राप्त करने के बाद ही इस मामले पर वह कुछ बोल पाएंगे.

Last Updated : Dec 29, 2020, 11:33 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.