पटना: बिहार में मानसून (Monsoon In Bihar) ने दस्तक दे दी है. जिसकी वजह से रुक-रुक कर बारिश भी हो रही है. बारिश के कारण कई जिले में जल जनित रोगों की संभावना भी प्रबल हो गई है. बारिश के कारण तापमान में तो गिरावट आई लेकिन मौसम अनुकूल होने के कारण मच्छर जनित बीमारियों की संभावना भी बढ़ गई है.
बारिश के बाद मोहल्लों में जलजमाव के कारण डेंगू और मलेरिया होने की संभावना भी प्रबल है. इसलिए डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियों से बचना है तो डॉक्टरों की सलाह मानकर सावधान रहने की जरूरत है.
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बारिश के कारण मच्छरों का बढ़ा आतंक
बिहार में 12 जून से ही मानसून ने दस्तक दे दी है. राज्य में मानसून पूरी तरह से सक्रिय है. नगर निगम प्रशासन के तरफ से किसी भी मोहल्ले में जलजमाव 3 घंटे से अधिक नहीं रहने का दावा किया जा रहा है. लेकिन बारिश के कारण मच्छरों का आतंक बढ़ने लगा है. इस मौसम में कहीं डेंगू (Dengue) का डंक आपको न मार दें, इसके लिए अभी से सावधान रहने की जरूरत है. डॉक्टरों की मानें तो बरसात के मौसम में मच्छरों को पनपने की ज्यादा संभावना बनती है. क्योंकि बरसात में ही जलजमाव की समस्या होती है. डेंगू के डंक और चिकनगुनिया से भी सभी को बचना आवश्यक है.
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'इस बार मानसून पहले ही आ चुका है. बरसात के मौसम में ही मच्छरों का उत्पत्ति ज्यादा होती है. पानी अभी से जमना शुरू हो गया है. इसलिए लोगों से सलाह है कि अभी से लोग सावधान रहें. साथ ही डेंगू से बचें. डेंगू मलेरिया जैसी बीमारी से लोगों को बचना है तो आसपास इलाके में जलजमाव न होने दें. यदि कहीं जलजमाव हो रहा है तो उसे जल्द दूर करवा दें. जिससे बीमारी से बचा जा सकें.' -डॉ. मनोज कुमार, अधीक्षक, न्यू गार्डिनर हॉस्पिटल
सरकार की ओर से भी किया जा रहा प्रयास
डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि मच्छर के प्रकोप को रोकने के लिए सरकार की ओर से भी प्रयास किया जा रहा है. लेकिन अपनी तरफ से भी लोगों को प्रयास करना जरूरी है. डॉ. मनोज कुमार की मानें तो घर में कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दें. फ्रिज, कूलर, वाशिंग मशीन में अधिक दिनों तक पानी जमा होने न दें.
सुबह और शाम रहें सावधान
डॉ. मनोज कुमार की मानें तो डेंगू के मच्छरों से सुबह या शाम अधिक सावधान रहने की जरुरत है. इसलिए सुबह शाम यदि घर से बाहर निकलते हैं तो फुल आस्तीन के कपड़े पहनें.
पटना में डेंगू का अभी नहीं है कोई केस
डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि राजधानी पटना में अभी एक भी पेशेंट मलेरिया या फिर डेंगू के नहीं आया है. यदि मरीज आते हैं तो उनके इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से पूरी व्यवस्था है. अस्पताल में डॉक्टर तैनात हैं. जिससे मरीजों का इलाज सुचारू रूप से किया सके.
डेंगू से जुड़ी आवश्यक जानकारियां
- दुनिया भर के 100 से अधिक देशों में डेंगू है.
- दुनिया की 40% आबादी, लगभग 3 बिलियन लोग, डेंगू के जोखिम वाले क्षेत्रों में रहते हैं.
- हर साल करीब 400 मिलियन लोग डेंगू से संक्रमित होते हैं.
- डेंगू से लगभग 100 मिलियन लोग गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं और करीब 22,000 लोग डेंगू से मर जाते हैं.
कैसे फैलता है डेंगू
- डेंगू वायरस एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से लोगों में फैलता है. ये उसी प्रकार के मच्छर हैं जो जीका और चिकनगुनिया के वायरस फैलाते हैं.
- ये मच्छर आम तौर पर जमा किए हुए पानी के पास अंडे देते हैं, जैसे बाल्टी में, पालतू जानवरों के बर्तन में, फूलदान में आदि.
- ये मच्छर इंसानों को ज्यादा काटते हैं और लोगों के घर के अंदर और बाहर दोनों जगह रहते हैं.
- डेंगू, चिकनगुनिया और जीका फैलाने वाले मच्छर दिन और रात में काटते हैं.
- पहले से ही डेंगू से संक्रमित एक गर्भवती महिला अपने भ्रूण को गर्भावस्था के दौरान या जन्म के समय संक्रमित कर सकती है.
डेंगू से बचने के उपाय
- मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें.
- पूरी तरह से ढकने वाले कपड़े पहनें.
- खिड़कियों और दरवाजों पर जालीदार दरवाजों का उपयोग करें.
- सुबह और शाम को बाहर रहने से बचने की कोशिश करें.
- आसपास पानी जमा न होने दें.
- प्लांट पॉट प्लेटों से अतिरिक्त पानी निकालें.
- मच्छर के अंडों को निकालने के लिए कंटेनर को स्क्रब करें.
- गमलों में लगे पौधों की मिट्टी को ढीला करें.
- एयर कंडीशनिंग यूनिट के नीचे कोई बर्तन न रखें.
डेंगू के लक्षण
- डेंगू का सबसे आम लक्षण हैं, मिचली, उल्टी और बुखार आना.
- आंखों में दर्द, मांसपेशियों, जोड़ों या हड्डी में दर्द होना.
- डेंगू में ज्यादातर लोग लगभग एक सप्ताह में ठीक हो जाते हैं.
डेंगू संक्रमण की गंभीर स्थिति में
- पेट दर्द
- उल्टी- 24 घंटे में कम से कम 3 बार
- नाक या मसूड़ों से खून आना
- खून की उल्टी या मल में खून
- थकान महसूस करना, बेचैनी या चिड़चिड़ापन महसूस करना
डेंगू को लेकर प्रचलित भ्रम
डेंगू से बचाव के लिए सबसे जरूरी है की लोग इस रोग के प्रति जागरूक हों और उन्हे इस रोग से जुड़ी सही जानकारी मालूम हो. डेंगू को लेकर आमलोगों में व्याप्त कुछ भ्रम तथा उनकी असलियत इस प्रकार है-
भ्रम 1
डेंगू को लेकर लोगों में सबसे बडा भ्रम यह है की इसे फैलाने वाले एडीज मच्छर सिर्फ दिन में काटते हैं. यह सत्य है की ये मच्छर दिन में ज्यादा सक्रिय रहते है लेकिन यह इसका मतलब यह नहीं है कि ये शाम या रात में व्यक्ति को नहीं काट सकते.
भ्रम-2
आमतौर पर लोगों को लगता है की एक बार डेंगू होने पर यह दोबारा नहीं हो सकता. लेकिन सही नहीं है. दरअसल डेंगू के चार तरह के वायरस होते हैं. इसके अलग-अलग वायरस एक से ज्यादा बार शरीर को चपेट में ले सकते हैं.
भ्रम- 3
आमतौर पर लोग मानते है की डेंगू सिर्फ मानसून में होता हैत. यह सत्य है की डेंगू के मच्छर मानसून में ज्यादा पनपते हैं, लेकिन गर्मियों में और सामान्य बारिश के बाद भी मच्छरों को पनपने का मौका मिलता है. ज्यादातर डेंगू उन इलाकों में ज्यादा फैलता है जहां पानी इकठ्ठा होता है.
मिथक
प्लेटलेट्स में कमी हमेशा डेंगू के कारण नहीं होती है. इसलिए ऐसा होने पर जांच करवाना जरूरी है.
मिथक
आमतौर पर माना जाता है की एडीज मच्छर किसी भी तापमान में पनप सकते हैं. लेकिन ऐसा है नहीं है. मच्छर की यह प्रजाति सिर्फ उस वातावरण में बढ़ सकती है, जहां तापमान 16 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो.