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AES, डेंगू, वायरल फीवर के बाद अब बिहार में स्वाइन फ्लू की दस्तक, बचाव से संभव है इलाज, जानिये क्या कहते हैं डॉक्टर

पटना सहित पूरे बिहार में लोग अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण से बचे हुए हैं, यह राहत की बात है. चिंता की वजह एच1एन1 (स्वाइन फ्लू) वायरस का एक्टिव हो जाना है. इस सीजन में अब AES, डेंगू, वायरल फीवर के बाद लोग स्वाइन फ्लू के वायरस से संक्रमित पाये गये हैं. जानिए इन अलग-अलग बीमारियों के बचाव के लिए क्या सलाह दे रहे हैं विशेषज्ञ...

AES, डेंगू, वायरल फीवर के बाद अब स्वाइन फ्लू की दस्तक
AES, डेंगू, वायरल फीवर के बाद अब स्वाइन फ्लू की दस्तक
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Published : Sep 12, 2021, 12:33 AM IST

पटना: कोरोना के बाद पूरा बिहार वायरल फीवर (Viral Fever) के चपेट में है. वायरल फीवर के तहत चमकी, इंसेफलाइटिस, डेंगू, टाइफाइड इत्यादि बीमारियां निकल कर आ रही हैं. ऐसे में इन सब बीमारियों के बीच प्रदेश में अब स्वाइन फ्लू (Swine Flu) ने भी दस्तक दे दी है. चिंता की वजह एच1एन1 (स्वाइन फ्लू) वायरस का एक्टिव हो जाना है. जिससे स्वास्थ्य जगत में हड़कंप मच गया है.

ये भी पढ़ें : Doctor Advice: वायरल फीवर के ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल में शामिल हो कोरोना का एंटीबॉडी और एंटीजन टेस्ट

पहले से कोरोना, वायरल फीवर समेत कई बीमारियों को लेकर लोगों के भी मन में भय बना है. इन सब बीमारियों के लक्षण भी कुछ मिलते जुलते हैं. जैसे कि बुखार रहना, गले में खराश आना और नाक से सुरसुराहट रहना. ऐसी स्थिति में ईटीवी भारत आपको बता रहा है कि इन बीमारियों के प्रमुख लक्षण कौन-कौन से हैं. कैसे इन बीमारियां एक दूसरे से अलग है साथ ही इन बीमारियों से बचाव का उपाय क्या है.

पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि फीवर के अभी बहुत सारे जो मामले सोसाइटी में मिल रहे हैं. उसमें यह देखने को मिल रहा है कि अधिकांश मामले फ्लू के हैं. इसके अलावा प्रदेश में डेंगू, टाइफाइड का भी प्रकोप बढ़ा है. वहीं कोरोना संक्रमण का भय अभी भी बना हुआ है. इसी बीच स्वाइन फ्लू के भी मामले मिले हैं. जिस वजह से सतर्क रहने की जरुरत है.

देखें वीडियो

'इन सभी बीमारियों में जो फ्लू का बुखार होता है. उसमें तेज बुखार के साथ- साथ सर्दी, खांसी, छींक, आंखों में पानी शरीर में दर्द इत्यादि लक्षण होते हैं. यदि स्थिति गंभीर हो जाए तो सांस लेने में तकलीफ की शिकायत आती है. कई बार डायरिया के मामले भी डिहाइड्रेशन की वजह भी सामने आते हैं. उन्होंने कहा कि फ्लू का बुखार अगर ब्रेन पर चढ़ जाता है तो चमकी का अटैक कर देता है.' :- डॉ. दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ चिकित्सक

डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि कोरोनावायरस के मामले में जो टिपिकल पैटर्न है. उसमें हाय फीवर के साथ-साथ सांस लेने में तकलीफ, चेस्ट में एक प्रकार का तनाव महसूस होता है. इसमें सांस लेने की शिकायत तेजी से बढ़ती है. तीसरी जो बुखार सबसे अधिक तेज फैल रहा है. टाइफाइड में बुखार तेजी से चढ़ता है और बहुत धीरे-धीरे नीचे आता है. इसमें पेट के लक्षण ज्यादा नजर आते हैं. भूख कम लगती है और उल्टी आती है. कई बार पेट में दर्द की भी शिकायत रहती और दस्त रहता है.

'डेंगू के फीवर में बुखार के साथ-साथ सर में काफी तेज दर्द रहता है. आंखों के पीछे तेज दर्द रहता है. आगे चलकर जब यह भरता है तो शरीर में कई जगह लाल लाल निशान बनने लगते हैं.' :- डॉ. दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ चिकित्सक

स्वाइन फ्लू के बारे में बताते हुए डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि इसके लक्षण सामान्य फ्लू के जैसे ही होते हैं. स्वाइन फ्लू और सामान्य फ्लू दोनों एक ही ग्रुप के एक ही परिवार के वायरस हैं. इसमें भी सर्दी, खांसी, बुखार के अलावा आंखों से पानी आना, नाक से पानी बहना शामिल है.

डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि इन बीमारियों के ट्रीटमेंट का प्रोटोकॉल है. अगर किसी को इस प्रकार का फीवर आता है तो सबसे पहले कोरोना जांच कराएं. कोरोना जांच के साथ-साथ एंटीबॉडी टेस्ट भी कराएं ताकि यह पता चले कि कहीं यह पोस्ट कोविड-19 इफेक्ट तो नहीं क्योंकि मल्टी सिस्टमैटिक इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम की भी कुछ मामले सामने आए हैं. डेंगू की जांच के लिए बहुत आसानी से किट उपलब्ध है.

डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि प्रोटोकॉल के तहत कोरोना जांच के बाद यह पता लगाया जाए कि यह कौन सी बीमारी है. इसके लिए ब्लड टेस्ट होता है. जिसमें फ्लू से लेकर डेंगू टाइफाइड मलेरिया इत्यादि सभी बीमारियों का पता चल जाता है. डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि इन बीमारियों से बचाव का उपाय यह है कि अगर जरा भी इस प्रकार के कुछ लक्षण महसूस होते हैं. बुखार 1 दिन से अधिक रह रहा है तो चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें. इसके अलावा खुद को आइसोलेट करें.

ये भी पढ़ें:वायरल फीवर का कहर: SKMCH और केजरीवाल के बाद अब सदर अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं पीड़ित बच्चे

पटना: कोरोना के बाद पूरा बिहार वायरल फीवर (Viral Fever) के चपेट में है. वायरल फीवर के तहत चमकी, इंसेफलाइटिस, डेंगू, टाइफाइड इत्यादि बीमारियां निकल कर आ रही हैं. ऐसे में इन सब बीमारियों के बीच प्रदेश में अब स्वाइन फ्लू (Swine Flu) ने भी दस्तक दे दी है. चिंता की वजह एच1एन1 (स्वाइन फ्लू) वायरस का एक्टिव हो जाना है. जिससे स्वास्थ्य जगत में हड़कंप मच गया है.

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पहले से कोरोना, वायरल फीवर समेत कई बीमारियों को लेकर लोगों के भी मन में भय बना है. इन सब बीमारियों के लक्षण भी कुछ मिलते जुलते हैं. जैसे कि बुखार रहना, गले में खराश आना और नाक से सुरसुराहट रहना. ऐसी स्थिति में ईटीवी भारत आपको बता रहा है कि इन बीमारियों के प्रमुख लक्षण कौन-कौन से हैं. कैसे इन बीमारियां एक दूसरे से अलग है साथ ही इन बीमारियों से बचाव का उपाय क्या है.

पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि फीवर के अभी बहुत सारे जो मामले सोसाइटी में मिल रहे हैं. उसमें यह देखने को मिल रहा है कि अधिकांश मामले फ्लू के हैं. इसके अलावा प्रदेश में डेंगू, टाइफाइड का भी प्रकोप बढ़ा है. वहीं कोरोना संक्रमण का भय अभी भी बना हुआ है. इसी बीच स्वाइन फ्लू के भी मामले मिले हैं. जिस वजह से सतर्क रहने की जरुरत है.

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'इन सभी बीमारियों में जो फ्लू का बुखार होता है. उसमें तेज बुखार के साथ- साथ सर्दी, खांसी, छींक, आंखों में पानी शरीर में दर्द इत्यादि लक्षण होते हैं. यदि स्थिति गंभीर हो जाए तो सांस लेने में तकलीफ की शिकायत आती है. कई बार डायरिया के मामले भी डिहाइड्रेशन की वजह भी सामने आते हैं. उन्होंने कहा कि फ्लू का बुखार अगर ब्रेन पर चढ़ जाता है तो चमकी का अटैक कर देता है.' :- डॉ. दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ चिकित्सक

डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि कोरोनावायरस के मामले में जो टिपिकल पैटर्न है. उसमें हाय फीवर के साथ-साथ सांस लेने में तकलीफ, चेस्ट में एक प्रकार का तनाव महसूस होता है. इसमें सांस लेने की शिकायत तेजी से बढ़ती है. तीसरी जो बुखार सबसे अधिक तेज फैल रहा है. टाइफाइड में बुखार तेजी से चढ़ता है और बहुत धीरे-धीरे नीचे आता है. इसमें पेट के लक्षण ज्यादा नजर आते हैं. भूख कम लगती है और उल्टी आती है. कई बार पेट में दर्द की भी शिकायत रहती और दस्त रहता है.

'डेंगू के फीवर में बुखार के साथ-साथ सर में काफी तेज दर्द रहता है. आंखों के पीछे तेज दर्द रहता है. आगे चलकर जब यह भरता है तो शरीर में कई जगह लाल लाल निशान बनने लगते हैं.' :- डॉ. दिवाकर तेजस्वी, वरिष्ठ चिकित्सक

स्वाइन फ्लू के बारे में बताते हुए डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि इसके लक्षण सामान्य फ्लू के जैसे ही होते हैं. स्वाइन फ्लू और सामान्य फ्लू दोनों एक ही ग्रुप के एक ही परिवार के वायरस हैं. इसमें भी सर्दी, खांसी, बुखार के अलावा आंखों से पानी आना, नाक से पानी बहना शामिल है.

डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि इन बीमारियों के ट्रीटमेंट का प्रोटोकॉल है. अगर किसी को इस प्रकार का फीवर आता है तो सबसे पहले कोरोना जांच कराएं. कोरोना जांच के साथ-साथ एंटीबॉडी टेस्ट भी कराएं ताकि यह पता चले कि कहीं यह पोस्ट कोविड-19 इफेक्ट तो नहीं क्योंकि मल्टी सिस्टमैटिक इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम की भी कुछ मामले सामने आए हैं. डेंगू की जांच के लिए बहुत आसानी से किट उपलब्ध है.

डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि प्रोटोकॉल के तहत कोरोना जांच के बाद यह पता लगाया जाए कि यह कौन सी बीमारी है. इसके लिए ब्लड टेस्ट होता है. जिसमें फ्लू से लेकर डेंगू टाइफाइड मलेरिया इत्यादि सभी बीमारियों का पता चल जाता है. डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि इन बीमारियों से बचाव का उपाय यह है कि अगर जरा भी इस प्रकार के कुछ लक्षण महसूस होते हैं. बुखार 1 दिन से अधिक रह रहा है तो चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें. इसके अलावा खुद को आइसोलेट करें.

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