ETV Bharat / state

कोविड के नाम पर हो रही लूट, पटना DM ने अस्पताल कर्मचारियों पर की कार्रवाई

डीएम कुमार रवि ने सभी प्राइवेट अस्पतालों को पक्का पुर्जा देने, उचित फीस रखने, खर्च की विवरणी स्पष्ट करने का निर्देश दिया है. वहीं सभी दंडाधिकारी को प्राइवेट अस्पतालों की प्रभावी निगरानी एवं निरीक्षण कर प्रतिवेदित करने का जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है.

action
action
author img

By

Published : Aug 19, 2020, 8:12 AM IST

पटनाः प्राइवेट अस्पतालों पर जिला प्रशासन प्रभावी तौर से मॉनिटरिंग करते नजर आ रहे है और इसी कड़ी में डीएम कुमार रवि के आदेश पर कड़ी कार्रवाई हुई है. अनुचित, अवैध एवं मनमानी फीस रखने एवं मरीजों से जबरन फीस की वसूली करने के आरोप में जेडीएम हॉस्पिटल, कंकड़बाग के डायरेक्टर सहित पांच व्यक्तियों पर कंकड़बाग थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई है.

जेडीएम हॉस्पिटल पर कार्रवाई
डीएम ने सभी प्राइवेट अस्पतालों को पक्का पुर्जा देने, उचित फीस रखने, खर्च की विवरणी स्पष्ट करने का निर्देश दिया है. वहीं सभी दंडाधिकारी को प्राइवेट अस्पतालों की प्रभावी निगरानी एवं निरीक्षण कर प्रतिवेदित करने का जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है.

कोविड के नाम पर अस्पताल में लूट
दरअसल जेडीएम हॉस्पिटल कंकड़बाग में मनमानी फीस रखने एवं मरीजों से जबरन फीस की वसुली करने तथा मरीजों/परिजनों को प्रताड़ित करने संबंधी लिखित शिकायत को गंभीरता से देखते हुए डीएम कुमार रवि ने अनुमंडल पदाधिकारी सदर तनय सुल्तानिया को टीम गठित कर इस पूरे मामले के जांच करने का आदेश दिया . वहीं अनुमंडल पदाधिकारी सदर ने तीन अधिकारियों सहायक अनुमंडल पदाधिकारी सदर, जिला कार्यक्रम समन्वयक पटना एवं थानाध्यक्ष कंकड़बाग की टीम गठित कर त्वरित जांच करने का भी आदेश दिया.

मरीजों को किया गया मानसिक रूप से प्रताड़ित
वहीं जेडीएम अस्पताल पहुंची जांच टीम ने अस्पताल प्रशासन के कर्मियों तथा मरीजों एवं उसके परिजनों से पूछताछ की. जांच के क्रम में पाया गया कि अस्पताल प्रशासन की ओर से कच्चा बिल देकर मरीज एवं उसके परिजन को 6 लाख 34 हजार 200 रुपये का भुगतान करने को कहा गया. मरीज के परिजन की ओर से पक्का बिल एवं खर्च का आइटमवार विवरणी की मांग करने पर अस्पताल प्रशासन ने मरीज को जोर जबरदस्ती कर हॉस्पिटल में बंद कर दिया और मरीज एवं उनके परिजनों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया.

भारतीय दंड संहिता
वहीं जिलाधिकारी ने कोविड-19 महामारी की गंभीरता को देखते हुए संबंधित अस्पताल के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं तथा महामारी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया. जिसके फलस्वरूप जिला कार्यक्रम समन्वयक, जिला क्रियान्वयन इकाई, कंकड़बाग के पुलिस निरीक्षक, सह थानाध्यक्ष को इस आशय से संबंधित प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया. तब जाकर जेडीएम हॉस्पिटल, पूर्वी इंदिरानगर, कंकड़बाग के मैनेजिंग डायरेक्टर, डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन सहित 5 व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 341, 342, 406, 420, 120 (बी), 34 तथा महामारी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई.

दोषी के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई
जिलाधिकारी ने सभी प्राइवेट अस्पतालों को उचित फीस रखने, पक्का बिल देने तथा अस्पताल में आइटमवार फीस की सूची प्रर्दशित करने की सख्त हिदायत दी है. साथ ही इसके लिए पीपीई किट, आईसीयू, वेंटिलेटर, डायग्नोस्टिक टेस्ट, रूम फी, बेड फी आदि का उचित मूल्य रखने तथा मरीजों को पक्का पुर्जा देने का निर्देश दिया है, जिलाधिकारी ने दंडाधिकारियों को निजी अस्पतालों की सतत एवं प्रभावी निरीक्षण एवं निगरानी करने तथा दोषी के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

पटनाः प्राइवेट अस्पतालों पर जिला प्रशासन प्रभावी तौर से मॉनिटरिंग करते नजर आ रहे है और इसी कड़ी में डीएम कुमार रवि के आदेश पर कड़ी कार्रवाई हुई है. अनुचित, अवैध एवं मनमानी फीस रखने एवं मरीजों से जबरन फीस की वसूली करने के आरोप में जेडीएम हॉस्पिटल, कंकड़बाग के डायरेक्टर सहित पांच व्यक्तियों पर कंकड़बाग थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई है.

जेडीएम हॉस्पिटल पर कार्रवाई
डीएम ने सभी प्राइवेट अस्पतालों को पक्का पुर्जा देने, उचित फीस रखने, खर्च की विवरणी स्पष्ट करने का निर्देश दिया है. वहीं सभी दंडाधिकारी को प्राइवेट अस्पतालों की प्रभावी निगरानी एवं निरीक्षण कर प्रतिवेदित करने का जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है.

कोविड के नाम पर अस्पताल में लूट
दरअसल जेडीएम हॉस्पिटल कंकड़बाग में मनमानी फीस रखने एवं मरीजों से जबरन फीस की वसुली करने तथा मरीजों/परिजनों को प्रताड़ित करने संबंधी लिखित शिकायत को गंभीरता से देखते हुए डीएम कुमार रवि ने अनुमंडल पदाधिकारी सदर तनय सुल्तानिया को टीम गठित कर इस पूरे मामले के जांच करने का आदेश दिया . वहीं अनुमंडल पदाधिकारी सदर ने तीन अधिकारियों सहायक अनुमंडल पदाधिकारी सदर, जिला कार्यक्रम समन्वयक पटना एवं थानाध्यक्ष कंकड़बाग की टीम गठित कर त्वरित जांच करने का भी आदेश दिया.

मरीजों को किया गया मानसिक रूप से प्रताड़ित
वहीं जेडीएम अस्पताल पहुंची जांच टीम ने अस्पताल प्रशासन के कर्मियों तथा मरीजों एवं उसके परिजनों से पूछताछ की. जांच के क्रम में पाया गया कि अस्पताल प्रशासन की ओर से कच्चा बिल देकर मरीज एवं उसके परिजन को 6 लाख 34 हजार 200 रुपये का भुगतान करने को कहा गया. मरीज के परिजन की ओर से पक्का बिल एवं खर्च का आइटमवार विवरणी की मांग करने पर अस्पताल प्रशासन ने मरीज को जोर जबरदस्ती कर हॉस्पिटल में बंद कर दिया और मरीज एवं उनके परिजनों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया.

भारतीय दंड संहिता
वहीं जिलाधिकारी ने कोविड-19 महामारी की गंभीरता को देखते हुए संबंधित अस्पताल के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं तथा महामारी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया. जिसके फलस्वरूप जिला कार्यक्रम समन्वयक, जिला क्रियान्वयन इकाई, कंकड़बाग के पुलिस निरीक्षक, सह थानाध्यक्ष को इस आशय से संबंधित प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया. तब जाकर जेडीएम हॉस्पिटल, पूर्वी इंदिरानगर, कंकड़बाग के मैनेजिंग डायरेक्टर, डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन सहित 5 व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 341, 342, 406, 420, 120 (बी), 34 तथा महामारी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई.

दोषी के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई
जिलाधिकारी ने सभी प्राइवेट अस्पतालों को उचित फीस रखने, पक्का बिल देने तथा अस्पताल में आइटमवार फीस की सूची प्रर्दशित करने की सख्त हिदायत दी है. साथ ही इसके लिए पीपीई किट, आईसीयू, वेंटिलेटर, डायग्नोस्टिक टेस्ट, रूम फी, बेड फी आदि का उचित मूल्य रखने तथा मरीजों को पक्का पुर्जा देने का निर्देश दिया है, जिलाधिकारी ने दंडाधिकारियों को निजी अस्पतालों की सतत एवं प्रभावी निरीक्षण एवं निगरानी करने तथा दोषी के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.