पटनाः हाल के दिनों में पटना के जिलाधिकारी डॉ. चन्द्रशेखर सिंह (DM Chandrashekhar Singh) पूरे एक्शन में नजर आ रहे हैं. गुरुवार को डीएम ने कई विभागों, स्कूलों और स्थलों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने काम में लापरवाही बरतने वाले और काम से गायब रहने वाले सरकारी कर्मियों (Action On Many Staff In Patna) पर कार्रवाई की. पटना डीएम ने राजस्व मामलों की गहन समीक्षा के बाद सात अंचलाधिकारियों के वेतन पर रोक लगा दी. इसके साथ उन्होंने खारिज-दाखिल और परिमार्जन में शिथिलता, लापरवाही या अनियमितता बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है.
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पटना डीएम ने गुरुवार को एक के बाद एक कई समीक्षा बैठकें की. इस बैठक के दौरान पटना डीएम ने पाया कि पूरे जिले में दाखिल खारिज के लिए 5,14,539 आवेदन प्राप्त हुए. जिसमें 4,56,539 आवेदनों (लगभग 89%) को निष्पादित किया गया. परिमार्जन हेतु 1,53,304 आवेदन प्राप्त हुए. जिसमें 1,23,192 आवेदनों(लगभग 81%) को निष्पादित किया गया. डीएम डॉ सिंह ने प्राप्त सभी आवेदनों का ससमय और गुणवत्तापूर्ण पूरा करने का आदेश दिया.
डीएम डॉ सिंह ने कहा कि सभी अंचलाधिकारी राजस्व कर्मचारीवार समीक्षा करें एवं सभी भूमि-सुधार उप समाहर्ता अंचलाधिकारियों के कार्यों की नियमित समीक्षा करें. उन्होंने कहा कि दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन के अनुश्रवण के लिए मुख्यत: भूमि-सुधार उप समाहर्ता उत्तरदायी हैं. डीएम ने मंगलवार एवं वृहस्पतिवार को सभी अंचलों में विशेष शिविर लगाकर राजस्व मामलों को निष्पादित करने का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि वे शनिवार को किसी एक अंचल का निरीक्षण करेंगे एवं राजस्व मामलों के निष्पादन में स्थिति ठीक नहीं रहने पर राजस्व कर्मचारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.
डीएम ने दाखिल-खारिज में खराब प्रदर्शन करने वाले सात अंचलाधिकारियों- पटना सदर, दानापुर, फुलवारीशरीफ, धनरूआ, मनेर, बिहटा एवं संपतचक- का वेतन अवरुद्ध करने का निर्देश दिया. इन अंचलों में 63 दिनों से अधिक 300 से ज्यादा आवेदन लंबित हैं. इस मामले में अथमलगोला, बेलछी, मोकामा, दनियावां एवं बख्तियारपुर ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है, जहां लंबित आवेदनों की संख्या 10 से कम है.
परिमार्जन के आवेदनों के निष्पादन में खराब प्रदर्शन करने वाले पटना सदर, दानापुर, संपतचक एवं धनरूआ के अंचलाधिकारियों का वेतन अवरुद्ध रहेगा. इन अंचलों में 80% से कम आवेदनों का निष्पादन किया गया है. इस मामले में मोकामा, बख्तियारपुर, पुनपुन, घोसवारी, विक्रम, फतुहा, खुसरूपुर एवं दनियावां ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है जहां पर परिमार्जन हेतु प्राप्त लगभग 98% आवेदनों को निष्पादित किया गया है.
डीएम डॉ सिंह ने कहा कि तीस अप्रैल तक दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन में अपेक्षित सुधार नहीं करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी. साथ ही अच्छे प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को प्रशस्ति-पत्र भी दिया जाएगा. डीएम डॉ. सिंह ने समय पर (एक्सपायर्ड) आवेदनों की संख्या शून्य नहीं करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त-से-सख्त कार्रवाई की जाएगी. वर्तमान में दाखिल खारिज में समयपार आवेदनों की संख्या 9,527 है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र-भ्रमण के दौरान दोषी हल्का कर्मचारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि उच्च स्तरीय निर्देश के आलोक में दिनांक 13.04.2022 को जिला स्तरीय जांच दल द्वारा पटना अन्तर्गत सभी प्रखण्डों के विभिन्न पंचायतों में अवस्थित विद्यालयों का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के क्रम में शिक्षकों की अनुपस्थिति, मध्याह्न भोजन योजना का संचालन नहीं किया जाना एवं अन्य गंभीर कमियां पायी गयी थीं. डीएम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निरीक्षी पदाधिकारी से मिले जांच रिपोर्ट के अनुपस्थित पाए गए. शिक्षकों से स्पष्टीकरण कर निरीक्षण तिथि का वेतन/मानदेय स्थगित करना सुनिश्चित करने के आदेश मौके से ही जारी किए पदाधिकारी, पटना डॉ चन्द्रशेखर सिंह ने जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, आईसीडीएस को पटना जिला अन्तर्गत विभिन्न पंचायतों में किए गए आंगनबाड़ी केन्द्रों की जांच एवं प्राप्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर अग्रेतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही डीएम ने तत्काल प्रभाव से एक सेविका एवं तीन सहायिका का मानदेय स्थगित करते हुए इनसे स्पष्टीकरण कर इनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई हेतु निर्देशित किया गया है.
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