पटना: राज्य में कोरोना पूरी तरह बेकाबू है. हर दिन 10 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो रहे हैं. महामारी का सबसे ज्यादा प्रकोप राजधानी पटना में है. शहर में संक्रमण से जुड़े लोगों की संख्या लगातार बढ़ रह रही है. ऐसे में राजधानी के निजी अस्पतालों द्वारा सरकारी सहयोग न मिलने का हवाला देकर संक्रमण से जुड़े मरीजों के ठीक ना होने की गारंटी जैसे पोस्टरों को अस्पताल के गेट पर चिपकाने का कार्य कर रहे हैं.
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निजी अस्पतालों की मिल रही शिकायत
वहीं, निजी अस्पतालों पर संक्रमित मरीजों के परिजनों से चिकित्सीय खर्च की राशि ज्यादा वसूली के गंभीर आरोप लग रहे हैं. अब ऐसे अस्पतालों को प्रशासन ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह का आपत्तिजनक कार्य अस्वीकार्य है. दरअसल, इन दिनों संक्रमण से जुड़े मामले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं और इसी कड़ी में अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढ़ी हुई है. राजधानी में सरकार की तरफ से चिन्हित निजी अस्पतालों में जरूरी संसाधनों के साथ-साथ ऑक्सीजन की आपूर्ति भी की जा रही है. बावजूद इसके निजी अस्पताल अपने काम में लापरवाही बरत रहे हैं.
प्रशासन ने दी कार्रवाई की चेतावनी
जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित कुछ निजी अस्पतालों के द्वारा दवा और ऑक्सीजन खत्म होने का बहाना बनाकर मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज करने की धमकी दी जाती है. इस मामले के साथ- साथ इलाज के खर्च के नाम पर उन मरीजों से निजी अस्पताल प्रबंधन द्वारा ज्यादा वसूली की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए ऐसे अस्पतालों को चेतावनी जारी की गई है. जिसमें कहा गया है कि आगे से शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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