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पटना: निर्माण कार्य के दौरान हिंसक झड़प के बाद अधिकारियों ने घटनास्थल का किया दौरा

सोमवार को महत्वाकांक्षी गंगा उद्भव परियोजना के निर्माणस्थल पर हिंसक झड़प हो गई. जिसमें सात लोग घायल हो गए. इस पूरे मामले में मंगलवार को डीसीएलआर जांच करने घटनास्थल पहुंचे.

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Published : Apr 28, 2020, 8:00 PM IST

पटना: महत्वाकांक्षी गंगा उद्भव परियोजना के निर्माणस्थल पर हुई हिंसक झड़प के बाद जिला प्रशासन की टीम जांच करने पहुंची. इस टीम में डीसीएलआर कलीमुद्दीन अहमद, एसडीपीओ संजय कुमार, सीओ रामप्रवेश राम, बीडीओ संजय कुमार राय सहित हाथीदह और मरांची थाना की संयुक्त पुलिस शामिल थी.

आपसी वर्चस्व को लेकर लड़ाई
बता दें कि सोमवार को ठेकेदारी विवाद में आपसी वर्चस्व को लेकर दो गुटों में हुई हिंसक झड़प में सात व्यक्ति घायल हो गये थे, जिसके बाद अधिकारियों ने जायजा लिया और प्रोजेक्ट के पूरा होने तक निर्माणस्थल पर एक पुलिस पिकेट स्थापित करने का निर्देश दिया गया है.

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घटनास्थल पर पहुंचे अधिकारी

थानाध्यक्ष की लापरवाही आई सामने
इस झड़प को नियंत्रित करने में मरांची थानाध्यक्ष की घोर लापरवाही सामने आई है. घटना के दौरान थानाध्यक्ष अनिल कुमार को ग्रामीण फोन करते रहे, लेकिन उन्होंने किसी का फोन नहीं उठाया. 300 गज की दूरी तय करने में पुलिस को एक घंटा लग गया. इस वजह से विवाद ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया.

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हिंसक झड़प के बाद अधिकारियों का दौरा

एक पक्ष को मिला था वर्क आर्डर
वहीं, इस प्रोजेक्ट के निर्माण में लगी कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के सीनियर मैनेजर शिव शक्ति धारी सिन्हा ने स्पष्ट किया कि एक ही पक्ष को वर्क आर्डर मिला है. वो भी सिर्फ बैचिंग प्लांट बनाने का, जबकि सोमवार को दोनों पक्ष ये दावा कर रहे थे कि दोनों के पास वर्क आर्डर है.

पटना: महत्वाकांक्षी गंगा उद्भव परियोजना के निर्माणस्थल पर हुई हिंसक झड़प के बाद जिला प्रशासन की टीम जांच करने पहुंची. इस टीम में डीसीएलआर कलीमुद्दीन अहमद, एसडीपीओ संजय कुमार, सीओ रामप्रवेश राम, बीडीओ संजय कुमार राय सहित हाथीदह और मरांची थाना की संयुक्त पुलिस शामिल थी.

आपसी वर्चस्व को लेकर लड़ाई
बता दें कि सोमवार को ठेकेदारी विवाद में आपसी वर्चस्व को लेकर दो गुटों में हुई हिंसक झड़प में सात व्यक्ति घायल हो गये थे, जिसके बाद अधिकारियों ने जायजा लिया और प्रोजेक्ट के पूरा होने तक निर्माणस्थल पर एक पुलिस पिकेट स्थापित करने का निर्देश दिया गया है.

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घटनास्थल पर पहुंचे अधिकारी

थानाध्यक्ष की लापरवाही आई सामने
इस झड़प को नियंत्रित करने में मरांची थानाध्यक्ष की घोर लापरवाही सामने आई है. घटना के दौरान थानाध्यक्ष अनिल कुमार को ग्रामीण फोन करते रहे, लेकिन उन्होंने किसी का फोन नहीं उठाया. 300 गज की दूरी तय करने में पुलिस को एक घंटा लग गया. इस वजह से विवाद ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया.

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हिंसक झड़प के बाद अधिकारियों का दौरा

एक पक्ष को मिला था वर्क आर्डर
वहीं, इस प्रोजेक्ट के निर्माण में लगी कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के सीनियर मैनेजर शिव शक्ति धारी सिन्हा ने स्पष्ट किया कि एक ही पक्ष को वर्क आर्डर मिला है. वो भी सिर्फ बैचिंग प्लांट बनाने का, जबकि सोमवार को दोनों पक्ष ये दावा कर रहे थे कि दोनों के पास वर्क आर्डर है.

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