पटना: जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) और विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Speaker Vijay Sinha) के बीच की लड़ाई अब बीजेपी और जेडीयू के बीच की जंग बन गई है. इस विवाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की एंट्री मारने से दोनों खेमों में तलवारें खिंच गई हैं. आलम ये है कि स्पीकर भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. मंगलवार को उन्होंने बिहार विधानसभा की कार्यवाही में भी हिस्सा नहीं लिया.
बीजेपी-जेडीयू में तनातनी: पूरे घटनाक्रम के बाद जेडीयू ने सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया कि हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. इसके जवाब में बीजेपी की तरफ से भी पलटवार किया गया. एक तरफ जहां विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी विधायकों ने दूसरी पाली में विपक्ष के साथ मिलकर सरकार को घेरा.
रिश्तों में खटास बढ़ी: वैसे यह पहला मौका नहीं है जब बीजेपी और जेडीयू के रिश्तो में तल्खी आई हो. ललन सिंह ने जब बीजेपी कार्यकर्ताओं को जेडीयू में शामिल कराया था, तब भी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि हम भी चाहें तो रोज जेडीयू के 50 कार्यकर्ताओं को बीजेपी में शामिल करा सकते हैं लेकिन हमलोग ऐसा नहीं करेंगे.
अलग-थलग पड़ा जेडीयू: विधानसभा अध्यक्ष के प्रति मुख्यमंत्री के रवैये को लेकर जेडीयू अलग-थलग पड़ चुका है. स्पीकर के मसले पर तमाम दल एक साथ दिख रहे हैं. बीजेपी ने भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाया है. दूसरी पाली में सदन के अंदर तब अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई, जब विपक्षी सदस्य हंगामा कर रहे थे और उसके साथ बीजेपी विधायकों ने भी शोर-शराबा शुरू कर दिया.
बीजेपी के तेवर भी गरम: विपक्ष के तल्ख तेवर के बाद बीजेपी के तेवर में भी तल्खी आई है. अब बीजेपी नेता भी जेडीयू के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. बीजेपी विधायक पवन जायसवाल ने कहा कि घटना दुखद है और विधानसभा में आसन सबसे ऊपर है. अध्यक्ष को लेकर ऐसा व्यवहार कतई उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि बीजेपी और जेडीयू के शीर्ष नेताओं को बैठकर विवाद को दूर करना चाहिए, क्योंकि पूरे घटनाक्रम से बिहारवासियों के बीच नकारात्मक संदेश गया है.
'जो हुआ, ठीक नहीं हुआ': वहीं बीजेपी विधायक प्रेम शंकर भी कहते हैं कि सदन के अंदर अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बीच जो घटनाक्रम हुआ, वह खेदजनक है. ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए, इससे लोकतंत्र कमजोर होता है. हालांकि जेडीयू नेता और मंत्री जमा खान कहते हैं कि बार-बार एक ही मामले को उठाए जाने से ये स्थिति उत्पन्न हुई है लेकिन सब ठीक हो जाएगा.
स्पीकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे: उधर, आरजेडी प्रवक्ता रामानुज प्रसाद ने कहा कि मुख्यमंत्री संसदीय प्रणाली को तार-तार कर रहे हैं. सदन के अंदर अध्यक्ष को खुलेआम धमकाया जा रहा है हम लोग इसे किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेंगे. मुख्यमंत्री को इसके लिए सदन में माफी मांगनी चाहिए.
बीजेपी-जेडीयू में तल्खी का अंजाम: वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के विवाद से लोकतंत्र को नुकसान पहुंचा है. अगर ऐसी घटना संसद में होती तो कल्पना कीजिए देश में क्या संदेश गया होता. इस घटना से बीजेपी और जेडीयू के बीच तल्खी बढ़ गई है और बीजेपी अब किसी भी सूरत में बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है. वे कहते हैं कि जिस दौर में दोनों दलों के बीच रिश्ते हैं, उसका नतीजा कुछ भी हो सकता है.
जब विधानसभा में भड़क गए नीतीश : दरअसल, लखीसराय में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा (Misbehave with Speaker Vijay Sinha in Lakhisarai) के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले को लेकर विपक्षी दलों और बीजेपी के विधायक लगातार सदन में हंगामा कर रहे थे. ऐसे में सोमवार को सीएम ने सदन में कहा कि मामले में कार्रवाई की जा रही है. बार-बार इस तरह से इस मुद्दे को सदन में उठाना सही नहीं है. हम न किसी को फंसाते हैं और न किसी को बचाते हैं. विशेषाधिकार समिति जो रिपोर्ट पेश करेगी, हम उस पर जरूर विचार करेंगे और देखेंगे की कौन सा पक्ष सही है. इस दौरान सीएम और विधानसभा अध्यक्ष (Debate Between CM Nitish Kumar and Speaker Vijay Sinha ) के बीच तीखी बहस हुई थी.
स्पीकर पर बिफरे नीतीश: सीएम ने इस दौरान सदन में कहा था कि सिस्टम संविधान से चलता है. किसी भी क्राइम की रिपोर्ट कोर्ट में जाता है. सदन में नहीं जाता है. कृपया करके ज्यादा मत करिए जो चीज जिस का अधिकार है, उसको करने दीजिए. किसी तरह का भ्रम है तो बातचीत की जाएगी. इस मामले को अकारण आगे बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है. आप संविधान देख लीजिए संविधान क्या कहता है.
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