नई दिल्ली: लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद चिराग पासवान की अध्यक्षता में बिहार लोजपा संसदीय बोर्ड की बैठक हुई. बैठक करीब 3 घंटे तक चली. बैठक के बाद बिहार संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष सह विधायक दल के नेता राजू तिवारी ने कहा कि बैठक में सभी सदस्यों ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी राय रखी, चुनावी रणनीति पर चर्चा हुई.
राजू तिवारी ने बताया कि बैठक में तय हुआ है कि बिहार लोजपा संसदीय बोर्ड 143 विधानसभा सीट के लिए संभावित प्रत्याशियों की सूची केंद्रीय संसदीय बोर्ड को जल्द देगा. बिहार चुनाव में गठबंधन को लेकर फैसला लेने के लिए चिराग पासवान को अधिकृत कर दिया गया है.
- बिहार में लोजपा एनडीए में रहकर 43 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है.
- 'बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट विजन' डॉक्यूमेंट को एनडीए के घोषणा पत्र में शामिल कराना चाहती है.
- राज्यपाल कोटा से 12 विधान पार्षदों का विधान परिषद में मनोनयन होना है, उसमें भी वह 2 सीट चाहती है.
बीजेपी मजबूती से लोजपा के साथ है लेकिन जेडीयू लोजपा की मांगों की अनदेखी कर रही है इसलिए लोजपा बिहार में एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने का मन बना रही है.
एनडीए में मांझी की एंट्री
पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी को नीतीश कुमार एनडीए में ले आए हैं. इससे भी चिराग पासवान नाराज बताए जा रहे हैं. जेडीयू और लोजपा के बीच तनातनी काफी बढ़ गई है और सुलह की गुंजाइश अब कम नजर आ रही है. चिराग पासवान सीएम नीतीश के कामकाज पर कई बार सवाल उठा चुके हैं. जेडीयू के तरफ से भी कई बार चिराग पर पलटवार किया जा चुका है.
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वहीं बैठक के अंदर की खबर जो सूत्रों के हवाले से आ रही है वह यह है कि संसदीय बोर्ड के सदस्यों ने कहा कि जेडीयू के नेता कहते हैं कि लोजपा से गठबंधन नहीं है. ऐसे में लोजपा को जेडीयू के खिलाफ प्रत्याशी देना चाहिए. लोजपा कार्यकर्ताओं से सुझाव लेकर आये बोर्ड के सदस्यों ने कहा कि सीएम नीतीश के नाम से प्रदेश की जनता में उत्साह नहीं है. बोर्ड के सदस्यों ने कहा कि नीतीश के नेतृत्व में लोजपा को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. सीएम नीतीश ने कहा था कि कोरोना काल में चुनाव होना चाहिए, उनके इस बात से जनता नाराज है.
सूत्रों के हवाले से जो खबर आ रही है उसके अनुसार, बिहार में लोजपा एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ सकती है. जेडीयू के खिलाफ हर सीट पर उम्मीदवार दे सकती है. केंद्र में लोजपा एनडीए के साथ बनी रह सकती है.