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बिहार के 16 जिले बाढ़ से प्रभावित, पीड़ितों के बीच वितरित किये गए 200 करोड़ रुपये- आपदा मंत्री

आपदा मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि बिहार सरकार की ओर से बनाए गए नियमों के तहत बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावित परिवार को 6 हजार रुपये आपदा राहत के रूप में दिया जाता है. उन्होंने बताया कि बिहार में अब तक 200 करोड़ से अधिक की राशि बाढ़ पीड़ितों के बीच वितरित की जा चुकी है.

आपदा मंत्री
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Published : Aug 8, 2020, 4:01 PM IST

पटना: आपदा मंत्री लक्ष्मेश्वर राय के अनुसार इस साल बिहार में कुल 16 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. जिसमें सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, खगड़िया, समस्तीपुर, सिवान, मधुबनी, मधेपुरा, सहरसा और सारण जिले हैं, जिसमें 124 प्रखंड बाढ़ ग्रस्त हैं.

बाढ़ प्रभावित पंचायतों की संख्या 1 हजार 199
इन जिले में प्रभावित लोग की संख्या लगभग 71 लाख 16 हजार 748 है. वहीं, निस्क्रमिट जनसंख्या 4 लाख 95 हजार 336 है. बाढ़ प्रभावित इलाके में कुल 6 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. राहत शिविरों में लगभग 11 हजार 793 लोग हैं. आपदा मंत्री ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न बाढ़ प्राभावित इलाके में बिहार सरकार के सहयोग से आपदा विभाग 1420 सामुदायिक रसोई का संचालन करवा रही है. जिसमें 10 लाख 20 हजार 221 लोग प्रतिदिन भोजन कर रहे हैं.

इतने लोगों की हो चुकी है मौत
आपदा विभाग के आंकड़े के अनुसार बिहार में बाढ़ के कारण कुल 23 लोगों की मौत हुई है. जिसमें दरभंगा में 9, पश्चिम चंपारण में 4, सिवान में 2, मुजफ्फरपुर 6 और सारण में 2 की मौत हुई है. जबकि 36 जानवरों की मौत डूबने से हुई है.

200 करोड़ रुपये बाढ़ पीड़ितों के बीच किये गये वितरित
आपदा मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि बिहार सरकार की ओर से बनाए गए नियमों के तहत बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावित परिवार को 6 हजार रुपये आपदा राहत के रूप में दिया जाता है. इन पैसों से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में के लोग अपने लिए बर्तन कपड़े और जरूरी बुनियादी सुविधा के सामान खरीदते हैं. राज्य सरकार पीएफएमएस के माध्यम से जीआर वितरण कर रही है. अब तक कुल सवा दो सौ करोड़ रुपये बाढ़ पीड़ित परिवारों को दिये जा चुकें हैं.

इन जिले के पीड़ितों को मिला राहत राशि

प्रभावित जिलालाभुकों की संख्या
किशनगंज110
दरभंगा 25,5720
मुजफ्फरपुर67,244
पूर्वी चंपारण26,087
सारण 392
समस्तीपुर17,123
  • इस प्रकार अब तक कुल 37,5547 बाढ़ पीड़ित परिवार के बीच 200 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष से पीड़ितों को दिये जा चुके हैं.

सीएम नीतीश खुद रख रहे मामले पर नजर
आपदा मंत्री लक्ष्मेश्वर राय की मानें तो बिहार सरकार आपदा विभाग कोरोना और बाढ़ को लेकर बिहार में हाई अलर्ट पर हैं. दोनों मामले की सीएम नीतीश कुमार खुद से देखरेख कर रहे हैं. बता दें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित इलाका गंडक का हवाई सर्वेक्षण भी किया था.

बिहार में हर साल बाढ़ की त्रासदी
गौरतलब है कि बिहार के कई जिले को लगभग हर साल बाढ़ से दो-चार होना पड़ता है. जानकारों की माने तो बिहार की भौगोलिक परिस्थिति की ही कुछ ऐसी है कि प्रदेश के कई जिले को बाढ की त्रासदी झेलनी पड़ती है. बिहार में सात जिले ऐसे हैं, जो नेपाल से सटे हैं. ये जिले हैं– पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज. नेपाल पहाड़ी इलाका वाला देश है. इन इलाके में जब बारिश होती है तो उसका पानी नदियों के जरिए बिहार के निचले मैदानी इलाके में आ जाती है.

पटना: आपदा मंत्री लक्ष्मेश्वर राय के अनुसार इस साल बिहार में कुल 16 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. जिसमें सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, खगड़िया, समस्तीपुर, सिवान, मधुबनी, मधेपुरा, सहरसा और सारण जिले हैं, जिसमें 124 प्रखंड बाढ़ ग्रस्त हैं.

बाढ़ प्रभावित पंचायतों की संख्या 1 हजार 199
इन जिले में प्रभावित लोग की संख्या लगभग 71 लाख 16 हजार 748 है. वहीं, निस्क्रमिट जनसंख्या 4 लाख 95 हजार 336 है. बाढ़ प्रभावित इलाके में कुल 6 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं. राहत शिविरों में लगभग 11 हजार 793 लोग हैं. आपदा मंत्री ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न बाढ़ प्राभावित इलाके में बिहार सरकार के सहयोग से आपदा विभाग 1420 सामुदायिक रसोई का संचालन करवा रही है. जिसमें 10 लाख 20 हजार 221 लोग प्रतिदिन भोजन कर रहे हैं.

इतने लोगों की हो चुकी है मौत
आपदा विभाग के आंकड़े के अनुसार बिहार में बाढ़ के कारण कुल 23 लोगों की मौत हुई है. जिसमें दरभंगा में 9, पश्चिम चंपारण में 4, सिवान में 2, मुजफ्फरपुर 6 और सारण में 2 की मौत हुई है. जबकि 36 जानवरों की मौत डूबने से हुई है.

200 करोड़ रुपये बाढ़ पीड़ितों के बीच किये गये वितरित
आपदा मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने बताया कि बिहार सरकार की ओर से बनाए गए नियमों के तहत बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावित परिवार को 6 हजार रुपये आपदा राहत के रूप में दिया जाता है. इन पैसों से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में के लोग अपने लिए बर्तन कपड़े और जरूरी बुनियादी सुविधा के सामान खरीदते हैं. राज्य सरकार पीएफएमएस के माध्यम से जीआर वितरण कर रही है. अब तक कुल सवा दो सौ करोड़ रुपये बाढ़ पीड़ित परिवारों को दिये जा चुकें हैं.

इन जिले के पीड़ितों को मिला राहत राशि

प्रभावित जिलालाभुकों की संख्या
किशनगंज110
दरभंगा 25,5720
मुजफ्फरपुर67,244
पूर्वी चंपारण26,087
सारण 392
समस्तीपुर17,123
  • इस प्रकार अब तक कुल 37,5547 बाढ़ पीड़ित परिवार के बीच 200 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष से पीड़ितों को दिये जा चुके हैं.

सीएम नीतीश खुद रख रहे मामले पर नजर
आपदा मंत्री लक्ष्मेश्वर राय की मानें तो बिहार सरकार आपदा विभाग कोरोना और बाढ़ को लेकर बिहार में हाई अलर्ट पर हैं. दोनों मामले की सीएम नीतीश कुमार खुद से देखरेख कर रहे हैं. बता दें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित इलाका गंडक का हवाई सर्वेक्षण भी किया था.

बिहार में हर साल बाढ़ की त्रासदी
गौरतलब है कि बिहार के कई जिले को लगभग हर साल बाढ़ से दो-चार होना पड़ता है. जानकारों की माने तो बिहार की भौगोलिक परिस्थिति की ही कुछ ऐसी है कि प्रदेश के कई जिले को बाढ की त्रासदी झेलनी पड़ती है. बिहार में सात जिले ऐसे हैं, जो नेपाल से सटे हैं. ये जिले हैं– पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज. नेपाल पहाड़ी इलाका वाला देश है. इन इलाके में जब बारिश होती है तो उसका पानी नदियों के जरिए बिहार के निचले मैदानी इलाके में आ जाती है.

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