पटना: जिले में उत्तर बिहार को जोड़ने वाली दीघा रेल पुल के दोहरीकरण का काम युद्ध स्तर पर शुरू हो गया है. इस पुल के दोहरीकरण हो जाने से उत्तर बिहार की ओर जाने वाले यात्रियों को सहूलियत होगी.
पहले ट्रेनों को पाटलिपुत्र या सोनपुर में सिंगल ट्रैक होने के कारण रोक कर रखा जाता था. वहीं, दोहरीकरण हो जाने के बाद ट्रेनों को रोकना नहीं पड़ेगा, जिससे यात्री भी समय से अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच सकेंगे.
मेंटनेस रखने का मिलेगा समय
सिंगल ट्रैक होने के कारण एक ही ट्रैक से अप और डाउन लाइन की ट्रेनें आती-जाती हैं. इस वजह से ट्रेनों को रोकना पड़ता था और पुल के दोहरीकरण के बाद इस रूट पर ट्रेनों की लेट होने से निजात भी मिलेगी. इसके साथ ही पटरियों के रखरखाव करने का भी समय मिलेगा.
कोरोना वायरस के कारण पूरा नहीं हो सका लक्ष्य
इस दोहरीकरण कार्य को पूरा करने का लक्ष्य 2020 रखा गया था. लेकिन पूर्व मध्य रेल इस कार्य को पूरा करवाने में नाकाम साबित हुआ. जिसकी अवधि बढ़ाकर 2021 नवंबर तक कर दिया गया है. 2020 में कोरोना वायरस में जहां पूरा देश दुनिया महामारी से जुझता रहा, वहीं, रेलवे भी अपना लक्ष्य पूरा करने में लाचार दिखा.
करोड़ों की लागत से पुल निर्माण का कार्य
130 से 135 करोड़ की लागत से पूरा होने वाले दीघा रेलवे ब्रिज दोहरीकरण का काम युद्ध स्तर पर शुरू है. दोहरीकरण के काम पूरा हो जाने के बाद ट्रेनों की आवाजाही में आसानी होगी. इसके साथ ही यात्री समय से अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच पाएंगे. वहीं ट्रेनों में इजाफा होने से यात्रियों को आने-जाने में सहूलियत होगी.
दोहरीकरण का काम पूरा हो जाने और रेलगाड़ियों को चलाने में सहूलियत होगी. इसके साथ ही पटना और सोनपुर के बीच दोहरीकरण का कार्य जो है पुल के दोनों छोर से चल रहा है. इस कार्य को 2021 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. -राजेश कुमार, मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी ,पूर्व मध्य रेल