पटना: सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. सुशांत सिंह के परिजनों के तरफ से बिहार सरकार से सीबीआई जांच की मांग की गई है. हालांकि, बिहार सरकार ने सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी है. लेकिन मामले में डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने बड़ा बयान दिया है.
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने बिहार पुलिस की तरफ से बीएमसी को विरोध पत्र लिखा है. डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने महाराष्ट्र सरकार और बीएमसी पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जब आपने खुद कानून बनाया है कि जो भी दूसरे राज्य से लोग यहां आएंगे उन्हें 14 दिन क्वारंटीन किया जाएगा. तो इसकी भी जानकारी दी जाए जो हजारों लोग प्रतिदिन दूसरे राज्यों से मुंबई पहुंचते हैं, कितने लोगों को क्वारंटीन किया जा रहा है.
IPS अधिकारी के साथ ऐसा सलूक क्यों?- DGP
डीजीपी ने कहा कि देश की 130 करोड़ जनता यह जानना चाहती है कि एक आईपीएस अधिकारी के साथ ऐसा सलूक क्यों किया जा रहा है? महाराष्ट्र पुलिस या सरकार क्या छुपाने की कोशिश कर रही है? उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस और सरकार ने पूरी तरह से कम्युनिकेशन स्किल बंद कर दिया है. वहां के डीजीपी और गृह सचिव से बात नहीं हो पा रही है? देश की जनता सब देख रही है. वह जानती है कि क्यों ऐसा किया जा रहा है.
DGP ने किया विरोध
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने पटना से गए आईपीएस अधिकारी को हाउस अरेस्ट किए जाने का विरोध करते हुए कहा कि देशभर में सीबीआई और ईडी की छापेमारी चलती रहती है. हम लोगों ने खुद झारखंड जाकर दो बड़े अपराधी को गिरफ्तार किया है. उन्होंने कहा कि झारखंड पुलिस की तरफ से इस प्रकार की घटनाएं नहीं सामने आई. लेकिन मुंबई में जो कुछ चल रहा है, वो ठीक नहीं है.
'मुंबई पुलिस के रवैये को देख रहा देश'
बिहार पुलिस के मुखिया गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि मुंबई पुलिस के रवैये को पूरा देश देख रंहा है. बिहार पुलिस के अफसर जाते हैं तो उन्हें गाड़ी मुहैया नहीं करवाई जाती है. उनसे कोई बात नहीं करता है और उन्हें डाक्यूमेंट्स नहीं दिया जाता है. उन्होंने कहा कि जांच में तेजी लाने के लिए बिहार पुलिस ने एक आईपीएस अधिकारी को भेजा गया तो आईपीएस अधिकारी को चोर जैसा व्यवहार कर उन्हें जबरदस्ती होम क्वांरटीन कर दिया जाता है. इसका जवाब दिया जाए कि क्या वह भाग रहे थे? मुंबई बीएमसी चाहती तो सुबह में भी पूछताछ की जा सकती थी. कोई स्कैंडल वहां पर नहीं चल रहा था.
'यह हरकत निंदनीय है'
डीजीपी ने आगे कहा कि एक कैदी की तरह रात में 12 बजे जाकर आईपीएस अधिकारी के हाथ पर बीएमसी वालों ने मोहर लगा दिया. यह कहीं ना कहीं निंदनीय घटना है. उन्होंने कहा कि मैं खुद और गृह सचिव वहां के डीजीपी और गृह सचिव से बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन वहां के लोग कोई भी बात करने को तैयार नहीं है. डीजीपी ने एतराज जताते हुए कहा कि अगर हमारे आईपीएस अधिकारी वहां से निकलते भी हैं तो कोई भरोसा नहीं है कि मुंबई पुलिस केस बनाकर उनको जेल भी भेज सकती है.
'अधिकारी के क्वारंटीन होने से जांच बाधित'
गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि आईपीएस अधिकारी के क्वारंटीन होने से जांच बाधित हो गई है. अन्य चार पुलिसकर्मियों को भी इस बात का डर सता रहा है कि जिस वजह से वह समय-समय पर अपनी लोकेशन चेंज कर रहे हैं. पहली बार ऐसा हो रहा है कि आईपीएस अधिकारी के फेलो कलीग्स या वहां के अधिकारियों ने एक आईपीएस अधिकारी के साथ ऐसा सलूक किया जा रहा है.