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अंतिम सोमवारी को लेकर शिवालयों में श्रद्धालुओं की उमड़ी भारी भीड़, हर-हर महादेव की गूंज

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Published : Aug 12, 2019, 8:22 AM IST

ऐसा माना जाता है कि उत्तरायण गंगा में स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं. वहीं, पूरे भारतवर्ष में नौ नाथों में से एक नाथ उमानाथ हैं. जिसको लेकर पूरे बिहार से यहां लोग स्नान करने के लिए आते हैं.

उत्तरायण गंगा में स्नान करने श्रद्धालुओं की लगी भीड़

बाढ़: सावन की अंतिम सोमवारी को लेकर अनुमंडल के उमानाथ मंदिर में हजारों भक्तों ने भगवान शिव पर जलाभिषेक किया. गंगा नदी में स्नान करने के बाद भक्तों ने पवित्र जल के साथ बेलपत्र, धतूरा, भांग और चंदन के साथ पूजा अर्चना की. इस दौरान शिवालयों में सुबह से ही भोले शंकर का उद्घोष होता रहा और मंदिरों में घंटियां बजती रहीं.

umanath temple badh
उमानाथ मंदिर, बाढ़

मंदिर प्रशासन ने की विशेष तैयारी
वहीं, सावन की अंतिम सोमवारी को लेकर मंदिर प्रशासन ने विशेष तैयारी की है. श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए कई तरह की व्यवस्था की गई है. मंदिर के आसपास फूल और श्रृंगार की कई दुकानें सजी हैं. बाढ़ में दूर-दूर से हजारों की संख्या में लोग गंगा तट के किनारे बने घाट पर पहुंचे हैं. वहीं, महिलाओं ने पूजा करने के बाद श्रृंगार की कई सामग्रियां भी खरीदी, साथ ही मंदिर प्रशासन की तरफ से भक्तों के लिए लाइट सहित कई अन्य सुविधाओं की व्यवस्था भी की गई है.

उमानाथ मंदिर में अंतिम सोमवारी पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

सदियों पुराना है मंदिर
बता दें कि बाढ़ में उमानाथ उत्तरायण गंगा है. उत्तरायण गंगा पूरे भारतवर्ष में मात्र चार हैं. हरिद्वार, बनारस, बाढ़ और सुल्तानगंज. उत्तरायण गंगा का हिंदू धर्म में काफी महत्व है. ऐसा माना जाता है कि उत्तरायण गंगा में स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं. वहीं, पूरे भारतवर्ष में नौ नाथों में से एक नाथ उमानाथ हैं. जिसको लेकर पूरे बिहार से यहां लोग स्नान करने के लिए आते हैं. इसके साथ ही सावन की सोमवारी में यहां स्नान करना हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस मंदिर में लगी एक मूर्ति वैशाली जिला संग्रहालय में रखी उस मूर्ति से मिलती है जो सात सौ से आठ सौ साल पुरानी बताई जाती है.

बाढ़: सावन की अंतिम सोमवारी को लेकर अनुमंडल के उमानाथ मंदिर में हजारों भक्तों ने भगवान शिव पर जलाभिषेक किया. गंगा नदी में स्नान करने के बाद भक्तों ने पवित्र जल के साथ बेलपत्र, धतूरा, भांग और चंदन के साथ पूजा अर्चना की. इस दौरान शिवालयों में सुबह से ही भोले शंकर का उद्घोष होता रहा और मंदिरों में घंटियां बजती रहीं.

umanath temple badh
उमानाथ मंदिर, बाढ़

मंदिर प्रशासन ने की विशेष तैयारी
वहीं, सावन की अंतिम सोमवारी को लेकर मंदिर प्रशासन ने विशेष तैयारी की है. श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए कई तरह की व्यवस्था की गई है. मंदिर के आसपास फूल और श्रृंगार की कई दुकानें सजी हैं. बाढ़ में दूर-दूर से हजारों की संख्या में लोग गंगा तट के किनारे बने घाट पर पहुंचे हैं. वहीं, महिलाओं ने पूजा करने के बाद श्रृंगार की कई सामग्रियां भी खरीदी, साथ ही मंदिर प्रशासन की तरफ से भक्तों के लिए लाइट सहित कई अन्य सुविधाओं की व्यवस्था भी की गई है.

उमानाथ मंदिर में अंतिम सोमवारी पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

सदियों पुराना है मंदिर
बता दें कि बाढ़ में उमानाथ उत्तरायण गंगा है. उत्तरायण गंगा पूरे भारतवर्ष में मात्र चार हैं. हरिद्वार, बनारस, बाढ़ और सुल्तानगंज. उत्तरायण गंगा का हिंदू धर्म में काफी महत्व है. ऐसा माना जाता है कि उत्तरायण गंगा में स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं. वहीं, पूरे भारतवर्ष में नौ नाथों में से एक नाथ उमानाथ हैं. जिसको लेकर पूरे बिहार से यहां लोग स्नान करने के लिए आते हैं. इसके साथ ही सावन की सोमवारी में यहां स्नान करना हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस मंदिर में लगी एक मूर्ति वैशाली जिला संग्रहालय में रखी उस मूर्ति से मिलती है जो सात सौ से आठ सौ साल पुरानी बताई जाती है.

Intro:बाढ़: अंतिम सोमवारी को लेकर शिवालयों में लगी भक्तों की भारी भीड़,गंगा नदी के पवित्र जल धतूरा, भांग एवं चंदन से भक्तों ने की पूजा अर्चना।


Body:बाढ़:सावन की अंतिम सोमवारी को लेकर अनुमंडल के उमानाथ में मंदिर में हजारों भक्तों ने भगवान शिव पर जलाभिषेक किया। गंगा नदी में स्नान करने के बाद पवित्र जल के साथ बेलपत्र, धतूरा, भांग एवं चंदन के साथ पूजा अर्चना की और मंतिया मांगी। शिवालयों में भोले शंकर सुबह से ही उद्घोष होता रहा और मंदिरों में घंटियां बस्ती रही।

सावन की अंतिम सोमवारी को लेकर मंदिर प्रशासन द्वारा विशेष तैयारी की गई। मंदिर को अब रूप से सजाया गया। वहीं श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए कई सुविधाओं का व्यवस्था किया गया । मंदिर के आसपास फूल और सिंगार की दुकानें सजाई गई है जहां भक्त जुटे हुए हैं।

बाढ़ सभी घाटों से दूर दूर से हजारों की संख्या में लोग गंगा तट के किनारे बने घाट पहुंचे।शिवलिंग का जलाभिषेक किया। सभी ने शिवालय में शिव के का जय कार किया। वहीं महिला पूजा करने के बाद कई सिंगार के सामग्रियां भी खरीदी। वहीं मंदिर प्रशासन की तरफ से भक्तों के लिए लाइट सहित कई सुविधाओं की व्यवस्था की गई।



Conclusion:आपको बता दें कि बाद में उमानाथ उत्तरायण गंगा है। उत्तरायण गंगा पूरे भारतवर्ष में मात्र चार हैं।हरिद्वार, बनारस, बाढ़ और सुल्तानगंज में है।उत्तरायण गंगा का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। ऐसा माना जाता है कि उत्तरायण गंगा में स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं।वहीं पूरे भारतवर्ष में नो नाथो में से एक नाथ उमानाथ है। जिसको लेकर पूरे बिहार से यहां लोग स्नान करने के लिए आते हैं और सावन के सोमवारी में यहां स्नान करना हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। उमानाथ मंदिर सात आठ सौ साल पुरानी है।इस मंदिर में लगी एक मूर्ति वैशाली जिला संग्रहालय में रखी उस मूर्ति से मिलती है जो सात सौ से आठ सौ साल पुरानी बताई जाती है।
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