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पटनाः एकादशी पर गंगा स्नान के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

बाढ़ के उमा नाथधाम और अलखनाथ धाम के घाट पर उत्तरायण गंगा बहती है. उत्तरायण गंगा घाट पर स्नान का खास महत्व है. यहां आस-पास के इलाके के लोगों के अलावा पूरे बिहार और दूसरे राज्यों से भी भक्त पहुंचते है.

पटना
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Published : Nov 7, 2019, 10:44 AM IST

पटना: जिले के बाढ़ में शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेले की शुरुआत हो जाती है. जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर जारी रहता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना गया है. इस महीने में सभी देवी-देवता पृथ्वी पर उतर आते हैं. इसे त्योहार का महीना भी कहा जाता है.

गुरुवार को होगी एकादशी
कार्तिक माह के दसवीं के उपरांत एकादशी को गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. जैसे-जैसे कार्तिक पूर्णिमा नजदीक आ रही है, श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है. बाढ़ के अलखनाथ घाट पर गंगा स्नान कर पूजा करने के लिए दूर-दराज से महिलाएं पहुंच रहीं हैं. दशमी गुरुवार को 11 बजे तक है, उसके बाद एकादशी का प्रवेश हो जाएगा.

पेश है रिपोर्ट

इस घाट पर स्नान का है खास महत्व
बाढ़ के उमानाथ धाम और अलखनाथ धाम के घाट पर उत्तरायण गंगा बहती है. उत्तरायण गंगा घाट पर स्नान का खास महत्व है. यहां आस-पास के इलाके के लोगों के अलावा पूरे बिहार और दूसरे राज्यों से भी भक्त पहुंचते है. इन घाटों पर पूजा सामग्रियों की दुकानें भी लगाई गई हैं.

पटना: जिले के बाढ़ में शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेले की शुरुआत हो जाती है. जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर जारी रहता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना गया है. इस महीने में सभी देवी-देवता पृथ्वी पर उतर आते हैं. इसे त्योहार का महीना भी कहा जाता है.

गुरुवार को होगी एकादशी
कार्तिक माह के दसवीं के उपरांत एकादशी को गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. जैसे-जैसे कार्तिक पूर्णिमा नजदीक आ रही है, श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है. बाढ़ के अलखनाथ घाट पर गंगा स्नान कर पूजा करने के लिए दूर-दराज से महिलाएं पहुंच रहीं हैं. दशमी गुरुवार को 11 बजे तक है, उसके बाद एकादशी का प्रवेश हो जाएगा.

पेश है रिपोर्ट

इस घाट पर स्नान का है खास महत्व
बाढ़ के उमानाथ धाम और अलखनाथ धाम के घाट पर उत्तरायण गंगा बहती है. उत्तरायण गंगा घाट पर स्नान का खास महत्व है. यहां आस-पास के इलाके के लोगों के अलावा पूरे बिहार और दूसरे राज्यों से भी भक्त पहुंचते है. इन घाटों पर पूजा सामग्रियों की दुकानें भी लगाई गई हैं.

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Body:बाढ़:शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है।कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है मतलब 1 महीने तक लगातार वे पृथ्वी पर रहते हैं। इस महीने को त्यौहार को का महीना भी कहा जाता है लक्ष्मी पूजा छठ पूजा, दीपा पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते।

कार्तिक माह के दसवीं के उपरांत एकादशी को लेकर आज श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी जैसे-जैसे कार्तिक पूर्णिमा नजदीक आ रही है और श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ती जा रही है। सुबह-सुबह दूर-दूर से महिलाएं आकर बाढ़ के अलखनाथ घाट में गंगा स्नान कर पूजा करती हैं और अपने परिवार के लिए सुख और समृद्धि की कामना करती हैं वह स्थानीय लोगों द्वारा पूजा-पाठ सिंगार सहित कई तरह के दुकान लगाए गए। आज दसवीं 11 बजे तक है उसके बाद एकादशी का प्रवेश हो जाएगा।


सुबह से ही गंगा स्नान करने के लिए महिलाओं की भीड़ अलखनाथ घाट,उमानाथ घाट और बाढ़ के विभिन्न घाटों में उमड़ पड़ी है।वहीं महिलाएं स्नान कर पूजा पाठ की और अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। कई महिलाएं लगातार एक महीने तक गंगा स्नान कर पूजा पाठ करती हैं।

उत्तरायण गंगा के तट पर गंगा स्नान का इस महीने में इतना महत्व है कि लोग 1 महीने के लिए बनारस सिमरिया बाढ़ के उमा नाथधाम बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और 1 महीने तक लगातार गंगा स्नान पूजा पाठ करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है जो आषाढ़ महीने का अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है।

वाइट- आनंद मोहन पांडे lअलखनाथ घाट के पुजारी)




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