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Opposition Unity: शरद पवार और उद्धव ठाकरे से मिले देवेश चंद्र ठाकुर, CM नीतीश ने फोन पर दिया पटना आने का न्योता - etv bharat news

बिहार विधानपरिषद अध्यक्ष देवेश चंद्र ठाकुर ने मुम्बई में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की. उन्होंने इस मुलाकात में विपक्षी एकजुटता के लिए सीएम नीतीश कुमार से भी फोन पर उनलोगों की बात कराई. नीतीश कुमार ने उन नेताओं को इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रण दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

विपक्षी एकजुटता के लिए मुलाकात का दौर
विपक्षी एकजुटता के लिए मुलाकात का दौर
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Published : May 5, 2023, 6:56 AM IST

Updated : May 5, 2023, 7:13 AM IST

पटना: पूरे देश में विपक्षी एकजुटता (Opposition Unity In India) लेकर सीएम नीतीश कुमार एक-एक कर विपक्ष के प्रमुख नेताओं से लगातार मुलाकात करने में जुटे हैं. इसी कड़ी में बिहार विधान परिषद के सभापति और नीतीश कुमार के नजदीकी माने जाने वाले देवेश चंद्र ठाकुर ने मुंबई में शरद पवार और उद्धव ठाकरे से मुलाकात की है. दोनों नेताओं की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत भी कराई है. मुख्यमंत्री ने विपक्षी एकजुटता पर चर्चा के लिए विपक्षी एकजुटता की बैठक में आने के लिए आमंत्रण भी दिया है. बताया जा रहा है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद विपक्षी एकजुटता पर बड़ी बैठक राजधानी पटना में हो सकती है. इसकी तैयारी चल रही है. जिसमें मिशन 2024 को लेकर रणनीति तय होगी.

ये भी पढ़ें-Opposition Unity: नीतीश की ओडिशा यात्रा पर सस्पेंस, मुख्यमंत्री बोले-' जाऊंगा तो पता चल जाएगा'

देवेश चंद्र ने किया विपक्षी नेताओं से मुलाकात: सीएम नीतीश कुमार अपने नजदीकी नेताओं को भी विपक्षी एकजुटता की मुहिम में जोड़ रखा है. उन्होंने कई नेताओं से मिलने के लिए भेज रहे हैं. कुछ दिनों पहले ही जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात करने का टास्क दिया गया था. यहीं नहीं सीएम नीतीश पिछले महीने कांग्रेस के आला नेताओं से मिलने के बाद विपक्ष के कई नेताओं से मिल चुके हैं. कहा जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव के बाद बिहार में विपक्षी एकजुटता की बड़ी बैठक होने की बाते चर्चा में चल रही है. कई जगह तो यह भी चर्चा चल रही है कि यह बैठक 17- 18 मई को संभावित हो सकती है. हालांकि अभी तक तिथि को लेकर पुष्टि नहीं की गई है. लेकिन बिहार में कर्नाटक चुनाव के बाद एक सप्ताह के अंदर ही यह बैठक हो सकती है.

बीजेपी के खिलाफ मजबूती से लड़ने की तैयारी: इस विपक्षी एकता का सिर्फ एक ही प्रयास है कि किसी भी तरह से बीजेपी को सत्ता से उठाकर बाहर कर दिया जाए. इसीलिए एक मजबूत विपक्ष बनाते की ओर सीएम नीतीश ने कदम बढ़ाया है. इसलिए ही नीतीश कुमार खुद ममता बनर्जी को भी मनाने के लिए 24 अप्रैल को कोलकाता गए थे. उसके तुरंत बाद लखनऊ जाकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से भी उन्होंने मुलाकात की थी.

अखिलेश ने की आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लालू प्रसाद यादव से दिल्ली जाकर मुलाकात की थी. वामपंथी दलों के नेताओं से भी नीतीश कुमार लगातार संपर्क बनाने में जुटे हैं. उन्होंने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से भी मुलाकात कर विपक्षी एकजुटता पर बात की थी. अभी उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मिलने की चर्चा भी उनकी चर्चाएं हो रही है. सबसे बड़ी समस्या कांग्रेस के साथ विपक्षी दलों को एक साथ लाने की है. कई दल इसके लिए पहले से ही तैयार नहीं है. जिसमें ममता बनर्जी, केसीआर, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल, नवीन पटनायक भी शामिल हैं. ऐसे में देखना है कि जब बिहार में विपक्षी दलों की बैठक होती है. तब उसमें कौन-कौन नेता भाग लेने पहुंचते हैं.

पटना: पूरे देश में विपक्षी एकजुटता (Opposition Unity In India) लेकर सीएम नीतीश कुमार एक-एक कर विपक्ष के प्रमुख नेताओं से लगातार मुलाकात करने में जुटे हैं. इसी कड़ी में बिहार विधान परिषद के सभापति और नीतीश कुमार के नजदीकी माने जाने वाले देवेश चंद्र ठाकुर ने मुंबई में शरद पवार और उद्धव ठाकरे से मुलाकात की है. दोनों नेताओं की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बातचीत भी कराई है. मुख्यमंत्री ने विपक्षी एकजुटता पर चर्चा के लिए विपक्षी एकजुटता की बैठक में आने के लिए आमंत्रण भी दिया है. बताया जा रहा है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद विपक्षी एकजुटता पर बड़ी बैठक राजधानी पटना में हो सकती है. इसकी तैयारी चल रही है. जिसमें मिशन 2024 को लेकर रणनीति तय होगी.

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देवेश चंद्र ने किया विपक्षी नेताओं से मुलाकात: सीएम नीतीश कुमार अपने नजदीकी नेताओं को भी विपक्षी एकजुटता की मुहिम में जोड़ रखा है. उन्होंने कई नेताओं से मिलने के लिए भेज रहे हैं. कुछ दिनों पहले ही जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात करने का टास्क दिया गया था. यहीं नहीं सीएम नीतीश पिछले महीने कांग्रेस के आला नेताओं से मिलने के बाद विपक्ष के कई नेताओं से मिल चुके हैं. कहा जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव के बाद बिहार में विपक्षी एकजुटता की बड़ी बैठक होने की बाते चर्चा में चल रही है. कई जगह तो यह भी चर्चा चल रही है कि यह बैठक 17- 18 मई को संभावित हो सकती है. हालांकि अभी तक तिथि को लेकर पुष्टि नहीं की गई है. लेकिन बिहार में कर्नाटक चुनाव के बाद एक सप्ताह के अंदर ही यह बैठक हो सकती है.

बीजेपी के खिलाफ मजबूती से लड़ने की तैयारी: इस विपक्षी एकता का सिर्फ एक ही प्रयास है कि किसी भी तरह से बीजेपी को सत्ता से उठाकर बाहर कर दिया जाए. इसीलिए एक मजबूत विपक्ष बनाते की ओर सीएम नीतीश ने कदम बढ़ाया है. इसलिए ही नीतीश कुमार खुद ममता बनर्जी को भी मनाने के लिए 24 अप्रैल को कोलकाता गए थे. उसके तुरंत बाद लखनऊ जाकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से भी उन्होंने मुलाकात की थी.

अखिलेश ने की आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लालू प्रसाद यादव से दिल्ली जाकर मुलाकात की थी. वामपंथी दलों के नेताओं से भी नीतीश कुमार लगातार संपर्क बनाने में जुटे हैं. उन्होंने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से भी मुलाकात कर विपक्षी एकजुटता पर बात की थी. अभी उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मिलने की चर्चा भी उनकी चर्चाएं हो रही है. सबसे बड़ी समस्या कांग्रेस के साथ विपक्षी दलों को एक साथ लाने की है. कई दल इसके लिए पहले से ही तैयार नहीं है. जिसमें ममता बनर्जी, केसीआर, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल, नवीन पटनायक भी शामिल हैं. ऐसे में देखना है कि जब बिहार में विपक्षी दलों की बैठक होती है. तब उसमें कौन-कौन नेता भाग लेने पहुंचते हैं.

Last Updated : May 5, 2023, 7:13 AM IST
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