पटना: एनडीए सरकार बनने के बाद बिहार में सबसे ज्यादा काम रोड सेक्टर में किया गया है. 2020 में भी इस सेक्टर में कई बड़ी परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ. लेकिन चर्चा सबसे ज्यादा तब हुई, जब भारत-चीन सीमा विवाद के बाद पटना के गांधी सेतु समानांतर चार लेन पुल से चीनी कंपनियों का टेंडर रद्द कर दिया गया.
विदेशी चीनी कंपनी का टेंडर रद्द करने के बाद अब देसी कंपनियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है. गांधी सेतु के एक भाग के जीर्णोद्धार के बाद शुरुआत हुई तो वहीं साल के अंत में छह लेन वाले कोइलवर पुल के 3 लेन का भी उद्घाटन हो गया. केंद्र सरकार की ओर से 2020 में सबसे अधिक योजनाएं रोड सेक्टर में ही मिली हैं. देश के सबसे लंबा एलिवेटेड दीघा से एम्स तक बनकर तैयार हुआ. जिसका उद्घाटन भी नई सरकार ने कर दिया है. 12.27 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड पथ के निर्माण पर 1289.25 करोड़ की राशि खर्च की गई है, इसमें 106 मीटर लंबा ओपन वेव स्टील ग्रीडर आरओबी भी बनाया गया है, जो इंजीनियरिंग का एक अनूठा उदाहरण है.
कई योजनाओं को मिली स्वीकृति
विधानसभा चुनाव में भी एनडीए के ओर से रोड सेक्टर में सबसे अधिक काम करने का दावा किया गया था. गंगा, कोसी, सोन जैसी नदियों पर एनडीए सरकार में ही बड़े पुल का निर्माण शुरू हुआ और कई पुल बनकर तैयार हुए. 2020 में उसका उद्घाटन भी हुआ तो वहीं कई बड़ी योजना किसी स्वीकृति मिली और कुछ पर काम की शुरुआत भी हुई.
पीएम के सवा लाख करोड़ पैकेज में से 54700 करोड़ की राशि पथ निर्माण खर्च कर रहा है. कुछ पर काम चल रहा है, कुछ पूरा भी हो गया है. इसमें 14298 करोड़ की योजना का प्रधानमंत्री ने इस साल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शिलान्यास और उद्घाटन किया. बिहार में इस साल जो बड़ी परियोजना स्वीकृति दी गई या फिर शिलान्यास और उद्घाटन किया गया उनमें से कुछ ये रहीं...
- गांधी सेतु के समानांतर 14.5 किलोमीटर लंबे पुल और एप्रोच पथ. लागत 2926 करोड़
- कोसी नदी पर एनएच- 106 को जोड़ने के लिए 28.93 किलोमीटर पुल और एप्रोच रोड सहित नया पुल. इस पर 1478 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी.
- नरेनपुर-पूर्णिया सड़क निर्माण कार्य, लागत- 2288 करोड़
- पटना रिंग रोड जिस पर 15 हजार करोड़ की राशि खर्च होनी है. ये 6 लेन की होगी. पहले फेज में 39 किलोमीटर का शिलान्यास होगा, जिस पर 913 करोड़ की राशि खर्च होगी.
- रजौली-बख्तियारपुर 4 लेन, आरा मोहनिया पथ सहित 3800 करोड़ से अधिक की योजना.
- गंगा नदी पर विक्रमशिला सेतु के समानांतर चार लेन पुल का निर्माण 1110 करोड़ की योजना.
- गांधी सेतु के पश्चिमी लेन का जीर्णोद्धार का कार्य पूरा होने के बाद उद्घाटन हो गया तो वहीं पूर्वी लेन पर काम शुरू हो चुका है. इस पर भी लगभग 2000 करोड की राशि खर्च हो रही है.
- पटना के दीघा से एम्स तक 12.27 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड पथ के निर्माण पर 1289.25 करोड़ की राशि खर्च की गई.
- बिहार में 4917 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग, 4005 किलोमीटर राष्ट्रीय उच्च पथ है 11145 किलोमीटर वृहत जिला पथ है.
- बिहार में 4917 किलोमीटर नेशनल हाईवे की सड़क में से 663 किलोमीटर सड़क जर्जर स्थिति में है.
- 7650 करोड़ से अधिक की लागत में 393 किलोमीटर लंबे पथ को फोरलेन में तब्दील किया जाएगा, इसका टेंडर भी जारी हो चुका है.
राजधानी पटना के गंगा किनारे बन रहे दीदारगंज से दीघा तक गंगा पथ का निर्माण का कार्य भी 2020 में काफी धीमा रहा. 20.50 किलोमीटर लंबे गंगा पथ वे का कई बार एलाइनमेंट चेंज हुआ. इसके निर्माण पर 700 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होने का अनुमान है. इसमें 11 किलोमीटर से अधिक एलिवेटेड सड़क बनाने की योजना है. साथ ही 8.80 किलोमीटर तटबंध पर सड़क बनेगी.
चर्चा में रहा गोपालगंज का सत्तर घाट पुल
तकरीबन 263 करोड़ रुपये की लागत से बने गोपालगंज का सत्तर घाट पुल का उद्घाटन भी इसी साल हुआ. सीएम नीतीश कुमार ने इस पुल का उद्घाटन किया. इसके 29 दिन बाद ही पुल का एप्रोच पथ बाढ़ की भेंट चढ़ गया. चुनाव के पहले टूटे एप्रोच पथ ने तूल पकड़ लिया और विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया.
कोरोना काल का असर
इसी तरह राजधानी पटना के बेली रोड पर बन रहे हैं लोहिया चक्रपथ का काम भी काफी धीमा चल रहा है. दीघा और ब्लॉक का काम पर कोरोना महामारी का भी असर पड़ा. इसी तरह कोरोना महामारी के कारण कुछ महीने कई बड़े प्रोजेक्ट पर काम ठप रहे और उसके कारण योजना को पूरा होने में अब समय लगेगा. पटना मेट्रो का काम भी इस साल शुरू हुआ और कई स्थानों पर मिट्टी की जांच की गई लेकिन कोरोना महामारी के कारण इसके कार्य पर भी खासा असर दिखा. बावजूद बावजूद इसके, 2020 पथ निर्माण के क्षेत्र में बिहार के लिए उपलब्धियों भरा रहा है.