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जल जीवन हरियाली के लिए 19 जनवरी को बनेगी मानव श्रृंखला, ये रही पूरी जानकारी

19 जनवरी 2020 को दिन के साढ़े 11 से 12 बजे के बीच आधे घंटे तक जल जीवन हरियाली, नशा मुक्ति और दहेज उन्मूलन के लिए लोग एक-दूसरे का हाथ पकड़कर 16,200 किलोमीटर लंबी श्रृंखला तैयार करेंगे

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Published : Dec 5, 2019, 9:51 PM IST

पटना: जल जीवन हरियाली मिशन में सीएम नीतीश कुमार ने पूरी ताकत झोंक दी है. आगामी 19 जनवरी 2020 को इसके लिए वे मानव श्रृंखला भी बनाने वाले हैं. दावा किया जा रहा है कि यह श्रृंखला नशा मुक्ति और दहेज उन्मूलन के पिछले रिकॉर्ड तोड़ देगी. जल जीवन हरियाली अभियान पर 3 साल में 24,000 करोड़ से अधिक खर्च करने वाली है.

बता दें कि19 जनवरी 2020 को दिन के साढ़े 11 से 12 बजे के बीच आधे घंटे तक जल जीवन हरियाली, नशा मुक्ति और दहेज उन्मूलन के लिए लोग एक-दूसरे का हाथ पकड़कर 16,200 किलोमीटर लंबी श्रृंखला तैयार करेंगे. सरकार ने यह भी तय कर दिया है कि किस जिले में कितनी लंबाई की मानव श्रृंखला तैयार की जाएगी.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

प्रदेशभर में तैयार की जाएगी मानव श्रृंखला:

  1. पूर्वी चंपारण में 648 किलोमीटर
  2. पश्चिम चंपारण में 648 किलोमीटर
  3. समस्तीपुर में 732 किलोमीटर
  4. पटना में 696 किलोमीटर
  5. भोजपुर में 420 किलोमीटर
  6. नालंदा में 504 किलोमीटर
  7. रोहतास में 504 किलोमीटर
  8. बक्सर में 336 किलोमीटर
  9. गया में 516 किलोमीटर
  10. जमुई में 408 किलोमीटर
  11. बेगूसराय में 324 किलोमीटर
  12. औरंगाबाद में 468 किलोमीटर
  13. सिवान में 348 किलोमीटर
  14. सारण में 576 किलोमीटर
  15. पूर्णिया में 468 किलोमीटर
  16. वैशाली में 420 किलोमीटर
  17. सीतामढ़ी में 564 किलोमीटर
  18. मधुबनी में 493 किलोमीटर
  19. दरभंगा में 444 किलोमीटर
  20. सुपौल में 384 किलोमीटर
  21. सहरसा में 240 किलोमीटर
  22. शेखपुरा में 144 किलोमीटर
  23. जहानाबाद में 192 किलोमीटर
  24. अरवल में 156 किलोमीटर
  25. मुंगेर 240 किलोमीटर
  26. लखीसराय 276 किलोमीटर की मानव श्रृंखला बनेगी.

जिलों में तैयार किए जा रहे विशेष रूट
मानव श्रृंखला के लिए जिलों में एसपी और डीएम को विशेष रूट तय करना है ताकि परेशानी ना हो. पूरे मानव श्रृंखला पर मुख्यमंत्री की नजर होगी लेकिन शिक्षा विभाग पूरे कार्यक्रम को संचालित करेगा. हालांकि, पहले 21 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाने की घोषणा की गई थी. लेकिन, मंगलवार होने के कारण मुख्यमंत्री ने इसे 19 जनवरी के दिन करने का फैसला लिया.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञ डीएम दिवाकर कहते हैं कि जागरुकता के लिए मानव श्रृंखला अच्छी पहल है. लेकिन, केवल एक दिन की मानव श्रृंखला से अभियान सफल नहीं हो सकता. इसकी बराबर मॉनिटरिंग करनी होगी तभी कोई फायदा होगा.

PATNA
डीएम दिवाकर, विशेषज्ञ

विपक्ष के निशाने पर नीतीश कुमार
मानव श्रृंखला को लेकर आरजेडी और कांग्रेस के नेता लगातार सरकार पर निशाना साध रहे हैं. उन्होंने साफ कहा है कि यह चुनावी रणनीति है. हालांकि, जब 2017 में महागठबंधन की सरकार थी तो दोनों दलों के लोग नीतीश कुमार के साथ शराबबंदी के समर्थन में नजर आए थे. लेकिन, अब विरोध में खड़े हैं.

PATNA
भाई वीरेंद्र और राजेश कुमार

मंत्री कर रहे सराहना
बिहार सरकार के मंत्री जयकुमार सिंह का कहना है कि नीतीश कुमार हर 5 साल पर एक बड़ी योजना लेकर आते हैं. जिसका व्यापक असर होता है. जल जीवन हरियाली योजना भी आज की जलवायु परिवर्तन को देखते हुए एक बड़ी योजना है. निश्चित तौर पर सभी को इसका समर्थन करना चाहिए.

PATNA
जय कुमार सिंह, मंत्री साइंस-टेक्नोलॉजी

पहले भी सीएम बना चुके हैं मानव श्रृंखला

  • बता दें कि बिहार में सबसे पहले शराबबंदी को लेकर साल 2017 में 21 जनवरी को नीतीश कुमार ने मानव श्रृंखला बनवाई थी. इसमें 4 करोड़ लोगों के भाग लेने का दावा किया गया. मानव श्रृंखला 11292 किलोमीटर लंबी बनी थी. यह उस समय विश्व की सबसे लंबी मानव श्रृंखला थी.
  • फिर 1 साल बाद यानी 21 जनवरी 2018 को पूरे बिहार में दहेज प्रथा और बाल विवाह के विरोध में जागरुकता के लिए नीतीश कुमार ने मानव श्रृंखला बनवाई. जो 13654 किलोमीटर से भी अधिक लंबी थी. इसमें 16 लाख से अधिक नारे लिखे गए थे.
  • अब 2020 में 19 जनवरी को जल जीवन हरियाली को लेकर 16200 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाने की तैयारी में हैं.

पटना: जल जीवन हरियाली मिशन में सीएम नीतीश कुमार ने पूरी ताकत झोंक दी है. आगामी 19 जनवरी 2020 को इसके लिए वे मानव श्रृंखला भी बनाने वाले हैं. दावा किया जा रहा है कि यह श्रृंखला नशा मुक्ति और दहेज उन्मूलन के पिछले रिकॉर्ड तोड़ देगी. जल जीवन हरियाली अभियान पर 3 साल में 24,000 करोड़ से अधिक खर्च करने वाली है.

बता दें कि19 जनवरी 2020 को दिन के साढ़े 11 से 12 बजे के बीच आधे घंटे तक जल जीवन हरियाली, नशा मुक्ति और दहेज उन्मूलन के लिए लोग एक-दूसरे का हाथ पकड़कर 16,200 किलोमीटर लंबी श्रृंखला तैयार करेंगे. सरकार ने यह भी तय कर दिया है कि किस जिले में कितनी लंबाई की मानव श्रृंखला तैयार की जाएगी.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

प्रदेशभर में तैयार की जाएगी मानव श्रृंखला:

  1. पूर्वी चंपारण में 648 किलोमीटर
  2. पश्चिम चंपारण में 648 किलोमीटर
  3. समस्तीपुर में 732 किलोमीटर
  4. पटना में 696 किलोमीटर
  5. भोजपुर में 420 किलोमीटर
  6. नालंदा में 504 किलोमीटर
  7. रोहतास में 504 किलोमीटर
  8. बक्सर में 336 किलोमीटर
  9. गया में 516 किलोमीटर
  10. जमुई में 408 किलोमीटर
  11. बेगूसराय में 324 किलोमीटर
  12. औरंगाबाद में 468 किलोमीटर
  13. सिवान में 348 किलोमीटर
  14. सारण में 576 किलोमीटर
  15. पूर्णिया में 468 किलोमीटर
  16. वैशाली में 420 किलोमीटर
  17. सीतामढ़ी में 564 किलोमीटर
  18. मधुबनी में 493 किलोमीटर
  19. दरभंगा में 444 किलोमीटर
  20. सुपौल में 384 किलोमीटर
  21. सहरसा में 240 किलोमीटर
  22. शेखपुरा में 144 किलोमीटर
  23. जहानाबाद में 192 किलोमीटर
  24. अरवल में 156 किलोमीटर
  25. मुंगेर 240 किलोमीटर
  26. लखीसराय 276 किलोमीटर की मानव श्रृंखला बनेगी.

जिलों में तैयार किए जा रहे विशेष रूट
मानव श्रृंखला के लिए जिलों में एसपी और डीएम को विशेष रूट तय करना है ताकि परेशानी ना हो. पूरे मानव श्रृंखला पर मुख्यमंत्री की नजर होगी लेकिन शिक्षा विभाग पूरे कार्यक्रम को संचालित करेगा. हालांकि, पहले 21 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाने की घोषणा की गई थी. लेकिन, मंगलवार होने के कारण मुख्यमंत्री ने इसे 19 जनवरी के दिन करने का फैसला लिया.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञ डीएम दिवाकर कहते हैं कि जागरुकता के लिए मानव श्रृंखला अच्छी पहल है. लेकिन, केवल एक दिन की मानव श्रृंखला से अभियान सफल नहीं हो सकता. इसकी बराबर मॉनिटरिंग करनी होगी तभी कोई फायदा होगा.

PATNA
डीएम दिवाकर, विशेषज्ञ

विपक्ष के निशाने पर नीतीश कुमार
मानव श्रृंखला को लेकर आरजेडी और कांग्रेस के नेता लगातार सरकार पर निशाना साध रहे हैं. उन्होंने साफ कहा है कि यह चुनावी रणनीति है. हालांकि, जब 2017 में महागठबंधन की सरकार थी तो दोनों दलों के लोग नीतीश कुमार के साथ शराबबंदी के समर्थन में नजर आए थे. लेकिन, अब विरोध में खड़े हैं.

PATNA
भाई वीरेंद्र और राजेश कुमार

मंत्री कर रहे सराहना
बिहार सरकार के मंत्री जयकुमार सिंह का कहना है कि नीतीश कुमार हर 5 साल पर एक बड़ी योजना लेकर आते हैं. जिसका व्यापक असर होता है. जल जीवन हरियाली योजना भी आज की जलवायु परिवर्तन को देखते हुए एक बड़ी योजना है. निश्चित तौर पर सभी को इसका समर्थन करना चाहिए.

PATNA
जय कुमार सिंह, मंत्री साइंस-टेक्नोलॉजी

पहले भी सीएम बना चुके हैं मानव श्रृंखला

  • बता दें कि बिहार में सबसे पहले शराबबंदी को लेकर साल 2017 में 21 जनवरी को नीतीश कुमार ने मानव श्रृंखला बनवाई थी. इसमें 4 करोड़ लोगों के भाग लेने का दावा किया गया. मानव श्रृंखला 11292 किलोमीटर लंबी बनी थी. यह उस समय विश्व की सबसे लंबी मानव श्रृंखला थी.
  • फिर 1 साल बाद यानी 21 जनवरी 2018 को पूरे बिहार में दहेज प्रथा और बाल विवाह के विरोध में जागरुकता के लिए नीतीश कुमार ने मानव श्रृंखला बनवाई. जो 13654 किलोमीटर से भी अधिक लंबी थी. इसमें 16 लाख से अधिक नारे लिखे गए थे.
  • अब 2020 में 19 जनवरी को जल जीवन हरियाली को लेकर 16200 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाने की तैयारी में हैं.
Intro:पटना-- 19 जनवरी को जल जीवन हरियाली को लेकर पूरे बिहार में एक बार फिर से मानव श्रृंखला बनाने की तैयारी हो रही है मुख्यमंत्री अपनी यात्राओं में भी मानव श्रृंखला बनाने के बारे में लोगों को बता रहे हैं। 2017 और 2018 की मानव श्रृंखला से बड़ी मानव श्रृंखला इस बार बनाए जाने की तैयारी हो रही है। 19 जनवरी को दिन के 11:30 से 12:00 के बीच आधे घंटे तक जल जीवन हरियाली नशा मुक्ति और दहेज उन्मूलन के लिए लोग एक-दूसरे का हाथ पकड़कर 16200 किलोमीटर लंबी श्रृंखला तैयार करेंगे।
पेश खास रिपोर्ट---


Body:पूरे बिहार में 16200 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनेगी और सरकार ने यह तय कर दिया है कि जिलों में कितनी लंबाई की मानव श्रृंखला तैयार होगी जैसे कि पूर्वी चंपारण में 648 किलोमीटर , पश्चिम चंपारण में भी 648 किलोमीटर, समस्तीपुर में 732 किलोमीटर, पटना में 696 किलोमीटर,भोजपुर में 420 किलोमीटर नालंदा में 504 किलोमीटर, रोहतास में 504 किलोमीटर, बक्सर में 336 किलोमीटर, गया में 516 किलोमीटर, जमुई में 408 किलोमीटर, बेगूसराय में 324 किलोमीटर, औरंगाबाद में 468 किलोमीटर, सिवान में 348 किलोमीटर, सारण में 576 किलोमीटर, पूर्णिया में 468 किलोमीटर, वैशाली में 420 किलोमीटर, सीतामढ़ी में 564 किलोमीटर, मधुबनी में 493 किलोमीटर, दरभंगा में 444 किलोमीटर, सुपौल में 384 किलोमीटर, सहरसा में 240 किलोमीटर, शेखपुरा में 144 किलोमीटर, जहानाबाद में 192 किलोमीटर, अरवल में 156 किलोमीटर, मुंगेर 240 किलोमीटर, लखीसराय 276 किलोमीटर मानव श्रृंखला बनेगी। जिलों में एसपी और डीएम के को तय करना है कि मानव श्रृंखला का क्या रूट होगा। ऐसे पूरे मानव श्रृंखला पर मुख्यमंत्री की नजर होगी लेकिन शिक्षा विभाग पूरे कार्यक्रम को संचालित करेगा पहले 21 जनवरी को ही मानव श्रृंखला बनाने की घोषणा की गई थी लेकिन मंगलवार होने के कारण मुख्यमंत्री ने 19 जनवरी को रविवार का दिन है करने का फैसला लिया। विशेषज्ञ डीएम दिवाकर कहते हैं जागरूकता के लिए मानव श्रृंखला अच्छी पहल है लेकिन केवल एक दिन के मानव श्रृंखला से जो अभियान है वह सफल नहीं हो सकता है इसकी बराबर मॉनिटरिंग करनी होगी।
बाईट-- डीएम दिवाकर पूर्व निदेशक एन सिंहा इंस्टीट्यूट
आरजेडी और कांग्रेस के नेता मानव श्रृंखला पर सरकार पर निशाना साध रहे हैं हालांकि 2017 में जब महागठबंधन की सरकार थी तो दोनों दलों के लोग नीतीश कुमार के साथ शराब बंदी के समर्थन में नजर आए थे लेकिन अब विरोध में खड़े हैं।
बाइट्स-- भाई वीरेंद्र आरजेडी विधायक
राजेश कुमार मुख्य सचेतक कांग्रेस।
बिहार सरकार के मंत्री जयकुमार सिंह का कहना है कि नीतीश कुमार हर 5 साल पर एक बड़ी योजना लेकर आते हैं इसका जबरदस्त असर होता है जल जीवन हरियाली भी आज की जलवायु परिवर्तन को देखते हुए एक बड़ी योजना है जिसका व्यापक असर होगा।
बाईट-- जय कुमार सिंह मंत्री साइंस टेक्नोलॉजी


Conclusion: बिहार में सबसे पहले शराबबंदी को लेकर 2017 में 21 जनवरी को नीतीश कुमार ने मानव श्रृंखला बनवाया था इसमें चार करोड़ लोगों के भाग लेने का दावा किया गया और मानव श्रृंखला 11292 किलोमीटर लंबी बनी थी विश्व की सबसे लंबी मानव श्रृंखला बनाने का दावा किया गया था फिर 1 साल बाद यानी 21 जनवरी 2018 को पूरे बिहार में दहेज प्रथा और बाल विवाह के विरोध में जागरूकता के लिए नीतीश कुमार ने मानव श्रृंखला बनवाया था और इस बार 13654 किलोमीटर से भी अधिक लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई इसमें 16 लाख से अधिक नारे लिखे गए थे और 2020 में 19 जनवरी को जल जीवन हरियाली को लेकर 16200 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाने की तैयारी है जो पिछला सभी रिकॉर्ड तोड़ देगा।
अविनाश, पटना।
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