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धर्मांतरण पर सियासत: डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद ने कहा जबरदस्ती और प्रलोभन से धर्मांतरण सही नहीं - Former Chief Minister Jitan Ram Manjhi

धर्मांतरण के मुद्दे को लेकर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने अपना बयान दिया है. पूर्व सीएम के बयान के बाद से बिहार में सियासत गरमा गई है. पढ़ें पूरी खबर...

डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद
डिप्टी सीएम तार किशोर प्रसाद
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Published : Jul 24, 2021, 2:53 AM IST

पटना: बिहार में एक बार फिर से धर्मांतरण (Conversion In Bihar) के मुद्दे को लेकर सियासत शुरू हो गई है. धर्मांतरण को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) ने अपना बयान दिया है. पूर्व सीएम के बयान पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद (Deputy CM Tar Kishore Prasad) ने कहा कि संविधान में सारी चीजें तय है. यदि कोई जबरदस्ती या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराता है तो यह गलत है.

ये भी पढ़ें:धर्मांतरण पर पूर्व CM मांझी का बयान, घर में नहीं मिलेगा सम्मान तो लोग जायेंगे

पूर्व मुख्यमंत्री और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के धर्मांतरण पर दिए गए बयान पर उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने कहा जीतन राम मांझी किस संदर्भ में बयान दिए हैं, यह उन्हें ज्ञात नहीं है. इसलिए उस पर कुछ बोलना सही नहीं होगा. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जीतन राम मांझी हमारे अभिभावक हैं और हम लोग कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत एक साथ हैं. उनका व्यक्तिगत बयान भी हो सकता है.

बता दें कि बिहार के गया जिले में खास करके महादलित के लोग हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपना रहे हैं. यह खेल लगभग डेढ़ दशक से जिले में चल रहा है. वर्तमान में जिले में हजारों लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया है. इसको लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है.

इसी मुद्दे को लेकर सूबे के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने अपना बयान दिया है. जिसके बाद सियासत शुरू हो गई है. पूर्व सीएम ने इस मामले को लेकर अप्रत्यक्ष तौर पर सरकार पर भी निशाना साधा है. दरअसल गया शहर स्थित अपने आवास पर बैठक में जीतनराम मांझी के समक्ष धर्मांतरण का मुद्दा उठाया गया.

देखें ये वीडियो

जिस पर उन्होंने कहा कहा कि जैसे हम जिस घर में हैं, वहां मान-मर्यादा नहीं हो और कहीं और मिलती है तो स्वाभाविक तौर पर लोग जा रहे हैं. कहीं न कहीं कमी तो रह गई होगी. इसके चलते लोग दूसरी ओर जा रहे हैं. आजादी के इतने वर्षों बाद भी जात-पात, छुआछूत, ऊंच-नीच सारी बाते हैं. अब बिहार का मुख्यमंत्री किसी मंदिर में जाता है और मंदिर को धोया जाता है तो ये क्या है, कैसा वो मंदिर है.

ये भी पढ़ें:धर्म हिन्दू पर ईसाई में आस्था, गया में ऐसे चल रहा धर्मांतरण का खेल?

मांझी ने कहा कि धर्म परिवर्तन से भारत की सार्वभौमता पर क्या कोई खतरा है? ये धर्म निरपेक्ष देश है. यहां अपनी इच्छा के अनुसार धर्म का पालन, धर्म का प्रचार करने की स्वतंत्रता है. इसलिए कौन कहां जा रहा है, मेरी समझ से यह समस्या का विषय नहीं है. घर के मालिक को समझना चाहिए कि आखिर वे क्यों जा रहे हैं? आपके यहां उनका विकास संभव नहीं है. आप छुआछूत की बात करते हैं. पूर्व सीएम ने कहा कि जब-जब धर्म लचीला हुआ है, तब-तब उस धर्म का प्रचार हुआ और जब-जब धर्म रिजिड हुआ, तब तब उस धर्म का नास हुआ है.

पटना: बिहार में एक बार फिर से धर्मांतरण (Conversion In Bihar) के मुद्दे को लेकर सियासत शुरू हो गई है. धर्मांतरण को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) ने अपना बयान दिया है. पूर्व सीएम के बयान पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद (Deputy CM Tar Kishore Prasad) ने कहा कि संविधान में सारी चीजें तय है. यदि कोई जबरदस्ती या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराता है तो यह गलत है.

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पूर्व मुख्यमंत्री और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के धर्मांतरण पर दिए गए बयान पर उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद ने कहा जीतन राम मांझी किस संदर्भ में बयान दिए हैं, यह उन्हें ज्ञात नहीं है. इसलिए उस पर कुछ बोलना सही नहीं होगा. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जीतन राम मांझी हमारे अभिभावक हैं और हम लोग कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत एक साथ हैं. उनका व्यक्तिगत बयान भी हो सकता है.

बता दें कि बिहार के गया जिले में खास करके महादलित के लोग हिंदू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपना रहे हैं. यह खेल लगभग डेढ़ दशक से जिले में चल रहा है. वर्तमान में जिले में हजारों लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया है. इसको लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है.

इसी मुद्दे को लेकर सूबे के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने अपना बयान दिया है. जिसके बाद सियासत शुरू हो गई है. पूर्व सीएम ने इस मामले को लेकर अप्रत्यक्ष तौर पर सरकार पर भी निशाना साधा है. दरअसल गया शहर स्थित अपने आवास पर बैठक में जीतनराम मांझी के समक्ष धर्मांतरण का मुद्दा उठाया गया.

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जिस पर उन्होंने कहा कहा कि जैसे हम जिस घर में हैं, वहां मान-मर्यादा नहीं हो और कहीं और मिलती है तो स्वाभाविक तौर पर लोग जा रहे हैं. कहीं न कहीं कमी तो रह गई होगी. इसके चलते लोग दूसरी ओर जा रहे हैं. आजादी के इतने वर्षों बाद भी जात-पात, छुआछूत, ऊंच-नीच सारी बाते हैं. अब बिहार का मुख्यमंत्री किसी मंदिर में जाता है और मंदिर को धोया जाता है तो ये क्या है, कैसा वो मंदिर है.

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मांझी ने कहा कि धर्म परिवर्तन से भारत की सार्वभौमता पर क्या कोई खतरा है? ये धर्म निरपेक्ष देश है. यहां अपनी इच्छा के अनुसार धर्म का पालन, धर्म का प्रचार करने की स्वतंत्रता है. इसलिए कौन कहां जा रहा है, मेरी समझ से यह समस्या का विषय नहीं है. घर के मालिक को समझना चाहिए कि आखिर वे क्यों जा रहे हैं? आपके यहां उनका विकास संभव नहीं है. आप छुआछूत की बात करते हैं. पूर्व सीएम ने कहा कि जब-जब धर्म लचीला हुआ है, तब-तब उस धर्म का प्रचार हुआ और जब-जब धर्म रिजिड हुआ, तब तब उस धर्म का नास हुआ है.

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