वैशाली: विश्वप्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेला का उद्घाटन बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने रविवार काे किया. इस दौरान राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रूढ़ी, मंत्री आलोक मेहता के अलावा कई विधायक भी मौजूद रहे. उद्घाटन के साथ 32 दिवसीय विश्वप्रसिद्ध सोनपुर मेले का शुभारंभ हो गया. हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला के उद्घाटन अवसर पर मुख्य सांस्कृतिक पंडाल में उप मुख्यमंत्री व अन्य विशिष्ट अतिथियों को मंच पर पुष्प गुच्छ स्मृति चिन्ह व शॉल देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में तेजस्वी यादव के पहुंचने के बाद सांसद राजीव प्रताप रूढ़ी जरूरी काम होने का हवाला देते हुए चले गये.
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7 दिसंबर तक चलेगा मेलाः मेला उद्घाटन के बाद डिप्टी सीएम ने मेला एप का लोकार्पण किया. बता दें कि उदघाटन कार्यक्रम के बाद रात दस बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा. कार्यक्रम में प्राची पल्लवी साहू और ऋचा शर्मा भाग लेंगी. गौरतलब हो कि सोनपुर मेला में कुल 2136 स्टाल लगाए गए हैं. मेले में हर विभागों के अलावा दैनिक उपयोग के सामान भी मिलेंगे. यह मेला 7 दिसंबर तक चलेगा.
दो साल बाद किया जा रहा मेले का आयोजनः कोरोना संकट के कारण 2 साल बाद मेले का आयोजन किया जा रहा है. मेले का आनंद लेने के लिए डीएम ने देश-विदेश के पर्यटकों को खुला आमंत्रण दिया है. साथ ही पर्यटकों के लिए सुरक्षा सहित सभी जरूरी सुविधा उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया है. मेले के उद्घाटन को लेकर पर्यटन विभाग और सारण जिला प्रशासन के द्वारा आकर्षक आमंत्रण पत्र जारी किया गया है. जिसमें हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले का गौरवशाली इतिहास भी अंकित किया गया है
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तीन थिएटर लगाने की इजाजत: दो साल बाद इस बार सोनपुर मेला लग रहा है. थिएटर देखने के शौकीन लोगों के लिए खुशखबरी भी है, कि प्रशासन की ओर से तीन थिएटरों को चलाने की अनुमति दे दी गई है. जिनके पंडाल कार्य पूर्ण होते ही लाइसेंस दे दिया जाएगा. सोनपुर के एसडीएम सुनील कुमार ने इस विषय में जानकारी देते हुए बताया कि सोनपुर हरिहर क्षेत्र मेला के नखास क्षेत्र में 3 थिएटर चलाने की अनुमति दे दी गई है. प्रशासनिक देख-रेख में थिएटरों का संचालन होगा. बताते चलें कि आजादी के पहले से ही सोनपुर के हरिहर क्षेत्र मेला में नाच गाना के प्रोग्राम का आयोजन किया जाता रहा है.
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मेले की अंतर्राष्ट्रीय पहचान: सोनपुर के इस मेले का ऐतिहासिक, पौराणिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक दृष्टिकोण के साथ ही राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय पहचान है. पर्यटन विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, कला संस्कृति तथा युवा विभाग तथा जिला प्रशासन अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस महामेले को सजाने संवारने की दिशा में निरंतर प्रयास कर रहा है. आधुनिक रूप देने के उद्देश्य से सांस्कृतिक कार्यक्रम, एडवेंचर, खेलकूद प्रतियोगिता, वाटर स्पोर्ट्स आर्ट्स और क्राफ्ट्स के प्रदर्शन के तहत देश विदेश के सुंदर हस्तशिल्प कारिक नमूना देखने को मिलता है. इस मेले में बड़े पैमाने पर ग्राहकों के द्वारा खरीद-बिक्री की जाती है.
आस्था और भक्ति का अद्भुत केंद्र है सोनपुर: सारण में गंगा एवं गंडक के संगम पर स्थित सोनपुर नामक कस्बे को प्राचीन काल से ही हरिहर क्षेत्र कहते हैं. देश के चार महाक्षेत्रों में एक हरिहर क्षेत्र आस्था और भक्ति का अद्भुत केंद्र है. ऐसा माना जाता है कि संगम की धारा में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहां पर विशाल मेला लगता है. जो मवेशियों के लिए एशिया का सबसे विशाल मेला माना जाता है. सारण जिले में यह मेला क्षेत्र सोनपुर पहलेजा घाट से लेकर हाजीपुर तक फैला है.