पटना: राजधानी पटना के कदम कुआं में बिहार एजुकेशनल रिसर्च एंड डेवलपमेंट संस्थान (Bihar Institute of Educational Research and Development) ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन (Hindi Sahitya Sammelan) आयोजित किया. जहां तमाम साहित्यकारों के बीच उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Deputy Chief Minister Tarkishore Prasad) भी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने साहित्यकारों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया और लेखक अमरेन्द्र कुमार की कथा-संग्रह ‘समसामयिक कहानियां' का लोकार्पण किया.
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इस दौरान उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि साहित्यकार समाज के श्रेष्ठ लोग होते हैं. वे जो लिखते हैं, उससे समाज बदलता है. साहित्यकार का स्थान समाज में अग्रणी होता है. प्रधानमंत्री के जन्मोत्सव पर साहित्यकारों का सम्मानित करते हुए मैं अपने आप को गौरवान्नवित महसूस कर रहा हूं. देश और राष्ट्र के विकास में इन कलाकारों का अहम योगदान रहा है.
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हिन्दी साहित्य सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष डॉ. अनिल सुलभ ने कहा कि जब हमारा राष्ट्रीय पशु और राष्ट्रीय पक्षी हो सकता है तो राष्ट्रभाषा क्यों नहीं? संपूर्ण भारत की यह कामना है कि देश को एक सूत्र में जोड़ने वाली भाषा हिन्दी को शीघ्र ही राष्ट्रभाषा घोषित किया जाए. इस दौरान समसामयिक कहानियां पुस्तक के लेखक अमरेन्द्र कुमार ने अपना विचार व्यक्त किया और पुस्तक का लोकार्पण करने के लिए उपमुख्यमंत्री समेत वहां मौजूद अतिथियों और साहित्यकारों को धन्यवाद.
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