पटना: विश्वविद्यालय और कॉलेजों पर बेटियां अब बोझ नहीं बनेगी. शिक्षा विभाग ने नामांकन शुल्क नहीं लेने का आदेश जारी किया है. राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों पर छात्राएं और एससी-एसटी छात्रों के लिए एक सराहनीय पहल किया गया है. जहां कॉलेजों में नामांकन शुल्क की भरपाई के लिए विभाग ने कार्रवाई प्रारंभ कर दी है. राज्य सरकार के निर्णय के आलोक में विश्वविद्यालय अंगीभूत और संबद्ध कॉलेजों में सामान्य पाठ्यक्रमों में छात्राओं और एससी-एसटी छात्रों से स्नातकोत्तर स्तर तक की शिक्षा के लिए किसी भी प्रकार का नामांकन शुल्क नहीं लेने का प्रावधान जारी किया गया है.
संबंधित विद्यार्थियों 3 साल से मिल रहा है लाभ
पिछले 3 साल से इसका लाभ संबंधित विद्यार्थियों को मिल रहा था. शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कुछ विश्वविद्यालय से रिपोर्ट मिलना अभी शेष है, सभी से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद राशि उपलब्ध कराने की कार्रवाई की जाएगी. लेकिन शिक्षा विभाग के इस पहल के बाद कुछ कॉलेजों में करोड़ों रुपए की नुकसान बताया गया है. सूत्रों के मुताबिक पटना और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय को पिछले 3 साल में नामांकन मद में 80 करोड़ रूपये से अधिक का नुकसान हुआ है. एएन कॉलेज ने 5 करोड़, कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट्स एंड साइंस ने 3 करोड़ रुपए के नुकसान की रिपोर्ट भेजी है.
शिक्षा विभाग का क्या है कहना
शिक्षा विभाग की मानें तो विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने पिछले माह राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर अंगीभूत कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 2016- 17, 2017 -18 और 2018- 19 के लिए प्रतिपूर्ति योग्य राशि का आकलन कर रिपोर्ट तलब की थी. पत्र के अनुसार विश्वविद्यालयों द्वारा रिपोर्ट समय पर उपलब्ध नहीं कराने के कारण इसकी प्रतिपूर्ति के लिए बजट में प्रावधान कराने के विभाग को असुविधा हो रही है.