पटना: महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद अब आरक्षण के अंदर आरक्षण की मांग जोर पकड़ रही है. अति पिछड़ा महासंघ ने आज सोमवार 25 सितंबर को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महिला आरक्षण बिल में ओबीसी और अत्यंत पिछड़ा महिला को आरक्षण देने की मांग की. अति पिछड़ा महासंघ का कहना है कि जिस तरह महिला आरक्षण बिल संसद में पेश किया गया है इससे कहीं से भी सामाजिक न्याय नहीं हो सकता है.
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"महिला आरक्षण बिल जिस तरह का लाया गया है उससे कहीं भी अत्यंत पिछड़ा और पिछड़ा समाज का भला होने वाला नहीं है. निश्चित तौर पर सरकार को इसके अंदर कोटे की व्यवस्था करनी होगी. उसके बाद ही जाकर भागीदारी मिलेगी और सामाजिक न्याय हो सकता है."- कैलाश पाल, अति पिछड़ा महासंघ के अध्यक्ष
बिहार में 2 अक्टूबर से धरना-प्रदर्शनः कैलाश पाल ने कहा कि सच्चे सामाजिक न्याय के लिए समूचे देश में जातीय गणना के माध्यम से अति पिछड़ा वर्ग को चिह्नित करना होगा. उसके बाद जिसकी जितनी संख्या होगी उसकी उतनी हिस्सेदारी देनी होगी. उन्होंने कहा कि अगर सरकार महिला आरक्षण बिल में अति पिछड़ा समाज और पिछड़ा समाज की महिलाओं के लिए आरक्षण का कोटा निश्चित नहीं करती है तो 2 अक्टूबर से पूरे बिहार में हम लोग धरना प्रदर्शन करेंगे.
पूरे देश में प्रदर्शन की चेतावनीः अति पिछड़ा महासंघ के अध्यक्ष ने कहा कि हम सभी राजनीतिक पार्टी से भी मांग करते हैं कि वह जब टिकट का बंटवारा करें तो अति पिछड़ा और पिछड़ा समाज के लोगों को ज्यादा से ज्यादा टिकट दें. कैलाश पाल ने कहा कि अति पिछड़ा और पिछड़ा समाज की लड़ाई के लिए हम लोग कुछ भी करने को तैयार हैं. अगर केंद्र में बैठी सरकार महिला आरक्षण बिल में आरक्षण के अंदर आरक्षण का कोटा निर्धारित नहीं करेगी तो इस को लेकर पूरे देश में हम लोग प्रदर्शन करेंगे.