पटना: राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में पुस्तक मेला का (Patna Pustak Mela 2022) आयोजन किया गया है. जिसमें युवा बढ़ चढ़कर पुस्तकों की खरीदारी कर रहे हैं. पुस्तक मेला में लोग गजल, शायरी और उपन्यास वाले साहित्यिक किताबों की मांग ज्यादा है. वहीं भारतीय संविधान को जानने और समझने के लिए भी लोग पुस्तकोंं का सहारा ले रहे हैं. जिसके कारण इंटरनेट के दौर में जहां एक क्लिक में लोग कुछ भी पढ़ सकते हैं. वहां लोग किताब में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. पुस्तक मेला में संविधान को जानने के लिए बीआर अंबेडकर द्वारा लिखित पुस्तक 'भारत का संविधान' की भी बिक्री काफी अधिक (Demand Of Bhimrao Ambedkars constitution book) हो रही है. मेले में लगभग इस पुस्तक की 200 प्रति बिक चुकी है. इसके अलावा मेले में मनोज मुंतशिर की लिखित पुस्तक 'मेरी फितरत है मस्ताना' और कुमार विश्वास की लिखित पुस्तक 'मैं हूं जॉन एलिया' की भी बिक्री काफी अधिक हो रही है. दोनों पुस्तकों की 300 से अधिक प्रति मेले में बिक चुकी है.
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कोरोना के बाद पुस्तक मेला में लौटी रौनक: मेले में पुस्तक खरीदने पहुंचे सीमाब अख्तर ने बताया कि 2 वर्षों के बाद पटना में पुस्तक मेला लगा है. इस मेले का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं. मेले में युवाओं की काफी भीड़ लग रही है. वहीं युवा साहित्य, गीत, गजल, शायरी के किताबों को पसंद कर रहे हैं. वह हिंदी और उर्दू दोनों के कंपोजीशन में मिक्स किताबों को ढूंढ रहे हैं.
"भाषा जोड़ती है और लोग हिंदी को अलग उर्दू को अलग करते हैं. लेकिन सामान्य बातचीत में हिंदी और उर्दू दोनों का प्रयोग किया जाता है. ऐसे में इन दोनों भाषाओं के मिक्स किताबों को ढूंढ रहे हैं. ताकि अपना ज्ञान और बढ़ा सकें"- सीमाब अख्तर, पाठक
मेले में हो रहा है पुस्तक का विमोचन: पुस्तक मेले में मौजूद पटना के प्रख्यात इतिहासकार मोहम्मद दानिश ने बताया कि इस बार उनकी लिखित पुस्तक शब्द साक्षी नई प्रकाशन के तहत विमोचन की गई है. मेले में सभी प्रकार के पाठक पहुंच रहे हैं. इस बार युवाओं में साहित्यिक किताबों के प्रति रुझान अधिक देखने को मिल रहा है. प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाला युवा अपनी तैयारियों से संबंधित किताबों को ढूंढ रहे हैं और इस पुस्तक मेला में हर प्रकार के पाठकों के लिए पुस्तकें उपलब्ध है.
कुमार विश्वास के पुस्तक की हो रही है डिमांड: वाणी प्रकाशन के श्रीकांत ने बताया कि उनके स्टॉल पर कुमार विश्वास द्वारा संपादित 'मैं हूं जॉन एलिया' की डिमांड सबसे अधिक है. 3 बार इस पुस्तक के स्टॉक को दिल्ली से मंगाना पड़ा है और इसकी 300 से अधिक प्रति बिक चुकी है. इसके अलावा मनोज मुंतशिर की पुस्तक 'मेरी फितरत है मस्ताना' की भी बिक्री सबसे अधिक हो रही है. इसकी भी प्रति लगभग 300 के करीब बिक चुकी है. इसके अलावा पाठक शेरो-शायरी गजल की पुस्तकें भी खूब खरीद रहे हैं. नरेंद्र कोहली की महाभारत परी की पुस्तक भी काफी बिक रही है.
भारत का संविधान पढ़ने में युवा दिखा रहे हैं रुचि: प्रभात प्रकाशन के मैनेजर अमित शर्मा ने बताया कि उनके काउंटर से सबसे अधिक जो पुस्तक बिकी है वह बी आर अंबेडकर द्वारा लिखित 'भारत का संविधान' पुस्तक है. इन दिनों संसद में विधानसभा में जिस प्रकार से हंगामे हो रहे हैं, न्यायपालिका और विधायिका के बीच कॉलेजियम सिस्टम को लेकर आपसी खींचतान चल रही है. और इसका असर यह है कि अब लोग भारत के संविधान को जानना चाहते हैं और इसके लिए बी आर अंबेडकर द्वारा लिखित पुस्तक भारत का संविधान पढ़कर संविधान के संदर्भ में अपनी जानकारी बढ़ाना चाहते हैं. हर आयु वर्ग के पाठक इस पुस्तक को खरीद रहे हैं और अब तक लगभग 200 प्रति इस पुस्तक की बिक चुकी है.
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