पटना: बिहार के बोचहां विधानसभा उपचुनाव में एनडीए प्रत्याशी की हार (NDA candidate defeat in Bochaha ) के बाद अब उसका 'साइड इफेक्ट ' भी दिखने लगा है. एनडीए में शामिल जनता दल यूनाइटेड ने एनडीए में अब समन्वय समिति (कोऑर्डिनेशन कमिटी) की मांग कर दी है. बोचहां उपचुनाव के नतीजे को बड़ा सियासी संदेश माना जा रहा है और इस हार के पीछे एनडीए में शामिल दलों के बीच समन्वय की कमी को बड़ा कारण माना जा रहा है.
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एनडीए में समन्वय समिति बनाने की मांग: बोचहां विधानसभा उपचुनाव में राजद प्रत्याशी अमर पासवान ने भाजपा की बेबी कुमारी को 36,000 से अधिक मतों से हरा दिया. इस हार के बाद जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने एनडीए में समन्वय समिति बनाने की मांग करते हुए कहा कि समिति के गठन से बिहार एनडीए में पैदा होने वाले बेवजह के विवादों से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि पहले बिहार एनडीए में ऐसी समिति हुआ करती थी लेकिन फिलहाल इसे खत्म कर दिया गया.
वीआईपी ने भाजपा प्रत्याशी को पहुंचाया नुकसान: माना जाता है कि बोचहां उपचुनाव में भाजपा की प्रत्याशी को अपने ही लोगों की नाराजगी के कारण हार का सामना करना पड़ा. एनडीए से बाहर हो चुकी पार्टी वीआईपी की उम्मीदवार ने भाजपा प्रत्याशी को काफी नुकसान पहुंचाया. वीआईपी की उम्मीदवार गीता कुमारी को 29 हजार से अधिक मत हासिल हुए.
एनडीए में समन्वय नहीं होने से हार: जदयू के नेता उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि जदयू, भाजपा और अन्य सहयोगी दलों के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत है. उन्होंने हालांकि इस हार को एनडीए के लिए झटका नहीं मानते. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में एनडीए में समन्वय नहीं दिखा, जिसके कारण हार हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि हाल के दिनों में एनडीए में शामिल दलों के नेताओं के बेवजह के बयानों पर विवाद पैदा हुआ है, अगर समन्वय समिति रहती तो ऐसे विवादों से भी बचा जा सकता था.
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