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जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग, डबल इंजन की सरकार में भी नहीं हुआ फैसला

जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की लंबे समय से मांग होती रही है. लेकिन डबल इंजन की सरकार में भी इस पर फैसला नहीं हो सका. वहीं जदयू सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी ने कहा कि जब तक भारत रत्न मिल नहीं जाएगा, तब तक हम लोगों का संघर्ष चलता रहेगा.

Jananayak Karpoori Thaku
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Published : Jan 24, 2021, 6:42 PM IST

Updated : Jan 24, 2021, 7:48 PM IST

पटना: बिहार में गरीबों के सबसे बड़े नेता के रूप में कर्पूरी ठाकुर जाने जाते रहे हैं और इसलिए प्रदेश के एकलौते जननायक भी थे. जननायक के नाम पर नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव से लेकर बिहार के अधिकांश पार्टियां राजनीति करती रही हैं. जननायक को भारत रत्न मिले, इसके लिए मांग भी लगातार होती रही है. लेकिन केंद्र और बिहार में एनडीए सरकार है और डबल इंजन की सरकार में भी अब तक फैसला नहीं हो पाया है.

दो बार बने बिहार के मुख्यमंत्री
जननायक कर्पूरी ठाकुर की सादगी की चर्चा खूब होती रही है. लोगों के लिए सहज उपलब्ध रहने वाले जननायक दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे. कर्पूरी ठाकुर अति पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आने वाले नाई समाज से आते थे. लेकिन अपनी सादगी और गरीबों के लिए लिए गए फैसलों के कारण ही जननायक बन गए. इसलिए लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार, रामविलास पासवान, सुशील कुमार मोदी जैसे नेता उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते रहे.

भारत रत्न देने की मांग
रामविलास तो नहीं रहे. लेकिन तीनों लालू, नीतीश और सुशील मोदी अभी भी हैं और उनके बताए रास्ते पर चलने की बात करते हैं. 64 साल की उम्र में जितनी लोकप्रियता हासिल की. नीतीश कुमार भी कहते रहे हैं कि वे जीवित रहते तो, देश के प्रधानमंत्री तक बन सकते थे. जननायक की उपलब्धियों को लेकर ही बिहार विधानसभा से लेकर संसद तक भारत रत्न देने की मांग होती रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर राजद सुप्रीमो लालू यादव तक ने कई बार इस मांग को रखा है. जदयू के सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी यहां तक कहते हैं, जब तक भारत रत्न मिल नहीं जाएगा, तब तक हम लोगों का संघर्ष चलता रहेगा.

Jananayak Karpoori Thaku
जदयू सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी

"हम लोगों को पूरी उम्मीद है कि जननायक को भारत रत्न मिलेगा और इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री और अमित शाह से भी अब बात करेंगे"- संतोष महतो, अध्यक्ष, जदयू अति पिछड़ा प्रकोष्ठ

"हम लोगों को पूरी उम्मीद है और उम्मीद पर ही दुनिया है कि भारत रत्न जननायक को मिलेगा. जब तक नहीं मिलेगा तब तक संघर्ष चलता रहेगा"- कुमुद वर्मा, विधान पार्षद

Jananayak Karpoori Thaku
विधान पार्षद कुमुद वर्मा

समाजवादी विचारधारा का विस्तार
कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में 4 बड़े फैसले लागू किए. पिछड़ा वर्ग का ध्रुवीकरण के लिए मुंगेरीलाल आयोग के फैसलों को लागू किया. हिंदी को सरकारी कार्य में अनिवार्य कर दिया. तो वहीं समाजवादी विचारधारा का विस्तार करने का फैसला लिया. कृषि का सही लाभ किसानों तक पहुंचाने का भी निर्णय लिया गया. इन चारों फैसलों की खूब चर्चा होती रही. पिछड़ों के लिए जो आरक्षण लागू किया, उसकी वजह से निशाने पर भी रहे और सरकार भी गई.

देखें रिपोर्ट

ये भी पढ़ें:पटना: जयंती पर याद किये गये जननायक कर्पूरी ठाकुर, DM ने दी श्रद्धांजलि
जननायक की जयंती के मौके पर हर बार भारत रत्न को लेकर चर्चा जोर पकड़ती है. इस बार भी खूब चर्चा हो रही है. हालांकि अब केंद्र और बिहार दोनों में एनडीए की सरकार है. यानी डबल इंजन की सरकार है. ऐसे जदयू नेताओं को लगता है कि जल्द ही फैसला हो जाएगा और पूरे बिहार के लोग जो चाहते हैं कि भारत रत्न मिले, वह मिलेगा.

पटना: बिहार में गरीबों के सबसे बड़े नेता के रूप में कर्पूरी ठाकुर जाने जाते रहे हैं और इसलिए प्रदेश के एकलौते जननायक भी थे. जननायक के नाम पर नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव से लेकर बिहार के अधिकांश पार्टियां राजनीति करती रही हैं. जननायक को भारत रत्न मिले, इसके लिए मांग भी लगातार होती रही है. लेकिन केंद्र और बिहार में एनडीए सरकार है और डबल इंजन की सरकार में भी अब तक फैसला नहीं हो पाया है.

दो बार बने बिहार के मुख्यमंत्री
जननायक कर्पूरी ठाकुर की सादगी की चर्चा खूब होती रही है. लोगों के लिए सहज उपलब्ध रहने वाले जननायक दो बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे. कर्पूरी ठाकुर अति पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत आने वाले नाई समाज से आते थे. लेकिन अपनी सादगी और गरीबों के लिए लिए गए फैसलों के कारण ही जननायक बन गए. इसलिए लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार, रामविलास पासवान, सुशील कुमार मोदी जैसे नेता उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते रहे.

भारत रत्न देने की मांग
रामविलास तो नहीं रहे. लेकिन तीनों लालू, नीतीश और सुशील मोदी अभी भी हैं और उनके बताए रास्ते पर चलने की बात करते हैं. 64 साल की उम्र में जितनी लोकप्रियता हासिल की. नीतीश कुमार भी कहते रहे हैं कि वे जीवित रहते तो, देश के प्रधानमंत्री तक बन सकते थे. जननायक की उपलब्धियों को लेकर ही बिहार विधानसभा से लेकर संसद तक भारत रत्न देने की मांग होती रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर राजद सुप्रीमो लालू यादव तक ने कई बार इस मांग को रखा है. जदयू के सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी यहां तक कहते हैं, जब तक भारत रत्न मिल नहीं जाएगा, तब तक हम लोगों का संघर्ष चलता रहेगा.

Jananayak Karpoori Thaku
जदयू सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी

"हम लोगों को पूरी उम्मीद है कि जननायक को भारत रत्न मिलेगा और इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री और अमित शाह से भी अब बात करेंगे"- संतोष महतो, अध्यक्ष, जदयू अति पिछड़ा प्रकोष्ठ

"हम लोगों को पूरी उम्मीद है और उम्मीद पर ही दुनिया है कि भारत रत्न जननायक को मिलेगा. जब तक नहीं मिलेगा तब तक संघर्ष चलता रहेगा"- कुमुद वर्मा, विधान पार्षद

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विधान पार्षद कुमुद वर्मा

समाजवादी विचारधारा का विस्तार
कर्पूरी ठाकुर ने बिहार में 4 बड़े फैसले लागू किए. पिछड़ा वर्ग का ध्रुवीकरण के लिए मुंगेरीलाल आयोग के फैसलों को लागू किया. हिंदी को सरकारी कार्य में अनिवार्य कर दिया. तो वहीं समाजवादी विचारधारा का विस्तार करने का फैसला लिया. कृषि का सही लाभ किसानों तक पहुंचाने का भी निर्णय लिया गया. इन चारों फैसलों की खूब चर्चा होती रही. पिछड़ों के लिए जो आरक्षण लागू किया, उसकी वजह से निशाने पर भी रहे और सरकार भी गई.

देखें रिपोर्ट

ये भी पढ़ें:पटना: जयंती पर याद किये गये जननायक कर्पूरी ठाकुर, DM ने दी श्रद्धांजलि
जननायक की जयंती के मौके पर हर बार भारत रत्न को लेकर चर्चा जोर पकड़ती है. इस बार भी खूब चर्चा हो रही है. हालांकि अब केंद्र और बिहार दोनों में एनडीए की सरकार है. यानी डबल इंजन की सरकार है. ऐसे जदयू नेताओं को लगता है कि जल्द ही फैसला हो जाएगा और पूरे बिहार के लोग जो चाहते हैं कि भारत रत्न मिले, वह मिलेगा.

Last Updated : Jan 24, 2021, 7:48 PM IST
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