पटनाः भारत-नेपाल सीमा के पास विराटनगर में 2 किलो यूरेनियम (uranium seized On Indo Nepal border) जैसे प्रतिबंधित पदार्थ मिलने से जांच एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं. जांच एजेंसियां इस बात पर भी विचार कर रही है कि कहीं यूरेनियम पदार्थ के माध्यम से भारत में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश तो नहीं थी.
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बड़ी घटना को अंजाम देने की थी साजिश! : बताया जा रहा है कि यूरेनियम के साथ गिरफ्तार सभी 15 तस्कर बिहार के अररिया जिले के जोगबनी बॉर्डर के आसपास से बिहार में एंट्री लेने वाले थे. जिन्हें नेपाल के विराटनगर से गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं, इस पूरे मामले पर रक्षा विशेषज्ञ ललन सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि इतनी भारी मात्रा में यूरेनियम जैसे पदार्थ से किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश नहीं थी, जबकि यह पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इतने खतरनाक पदार्थ को नक्सली या आतंकवादी जैसे संगठन ही इस्तेमाल करते हैं.
"भारत नेपाल एक अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर है, जो कि खुला हुआ है और इसका इतिहास रहा है कि पहले भी कई आतंकवादी नेपाल के रास्ते बिहार में घुसे हैं और उनकी गिरफ्तारी भी हुई है. यूरेनियम एक के रेडियोएक्टिव पदार्थ है यह सुंदर और सफेद चमकदार धातु है. जिसकी कीमत करोड़ों में है. यह दुनिया के सबसे महंगी धातु में से एक है. एक किलो यूरेनियम लगभग 3 करोड़ में बिकता है. यूरेनियम का एटॉमिक नंबर 92 है. इसका इस्तेमाल न्यूक्लियर रिएक्टर्स में होता है, परमाणु रिएक्टरों में बतौर इंधन इसका इस्तेमाल होता है. यूनियन के इस्तेमाल कर इससे बिजली भी बनाई जाती है. जिस वजह से कहीं भी आसानी से इसके माध्यम से हमला किया जा सकता है"- ललन सिंह, रक्षा विशेषज्ञ
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उधर, नेपाल में मोरंग के एसपी शांतिराज कोईराला ने मामले की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि यूरेनियम को काठमांडू के रास्ते भारतीय सीमा में एंट्री कराई जानी थी. हालांकि उससे पहले ही नेपाल पुलिस ने तस्करों को अलग-अलग होटलों से दबोच लिया.