दरभंगा: 'बेटी बनी श्रवण कुमार' यह लाइनें ईटीवी भारत ने दरभंगा की ज्योति के लिए लिखी थीं, जो लॉकडाउन के दौरान अपने घायल पिता को गुरूग्राम से लेकर बिहार के दरभंगा पहुंची थी. ज्योति के इस साहसिक कदम को देखते हुए डीएम से लेकर कई जनप्रतिनिधियों ने उसे सम्मानित किया है. इसके बाद अब ज्योति को भारतीय साइक्लिंग फेडरेशन (सीएफआई) ने ट्रायल के लिए बुलाया है. फेडरेशन के चेयरमैन वीएन सिंह ने ये ऑफर दिया है.
चेयरमैन की मानें तो अगर ज्योति सीएफआई के मानकों पर थोड़ी भी खरी उतरती है, तो उसे विशेष ट्रेनिंग और कोचिंग मुहैया कराई जाएगी. जिले में सिंहवाड़ा प्रखंड के सिरहुल्ली गांव की बेटी ज्योति ने अपने पिता के लिए वो कर दिखाया था, जिसकी उम्मीद किसी को अपने बेटों से भी नहीं होती. 13 साल की ज्योति ने अपने जख्मी पिता को साइकिल पर बिठाकर तकरीबन 1 हजार 300 किमी की दूरी तय कर उन्हें सकुशल घर पहुंचाया. इस बहादुर लड़की की चर्चा हर जगह हो रही है. पिता मोहन पासवान भी अपनी बेटी की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं.
साइक्लिंग स्टार बन सकती हैं ज्योति
ज्योति ने रोजाना 100 से 150 किमी साइकिल चलाई. इसपर वीएन सिंह ने कहा कि महासंघ हमेशा प्रतिभावान खिलाड़ियों की तलाश में रहता है और अगर ज्योति में क्षमता है, तो उसकी पूरी मदद की जाएगी.
दिल्ली में होगा टेस्ट
चेयरमैन ने बताया कि उन्होंने ज्योति से बात की है और उसे बता दिया है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद जब भी मौका मिलेगा, वो दिल्ली आए और इंदिरा गांधी स्टेडियम में उसका ट्रायल होगा.
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