पटना: आरक्षण के मुद्दे पर बिहार विधानसभा के दलित विधायकों ने 10 दिनों के अंदर सोमवार को दूसरी बैठक की. बैठक में सभी दलों के विधायक और बिहार सरकार के मंत्री भी पहुंचे. साथ ही मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी मौजूद रहे. दलित विधायकों ने एकजुटता दिखाते हुए संघर्ष के लिए 'आरक्षण बचाओ मोर्चा' का गठन भी किया.
दलित विधायकों ने बनाया मोर्चा
विधानसभा के विस्तारित भवन के एक मीटिंग हॉल में सभी दलों के दलित विधायक एकजुटता दिखाने और आरक्षण के मुद्दे पर संघर्ष के ऐलान के लिये इकट्ठा हुए. बैठक में सभी दलों की महिला विधायक भी पहुंची थीं. बताया जा रहा है कि 3 घंटे तक चली लंबी बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा और लॉकडाउन के बाद प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मिलने पर विचार किया गया.
मौके पर बिहार विधानसभा अनुसूचित जाति-जनजाति विधायकों ने 'आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा' का गठन भी किया गया. वहीं, अगली बैठक जेडीयू मंत्री महेश्वर हजारी के आवास पर 28 मई को निर्धारित किया गया है. बैठक खत्म होने के बाद मंत्री श्याम रजक ने जानकारी देते हुए कहा कि लड़ाई लंबी है. सभी राज्यों के विधायकों से भी संपर्क किया जा रहा है.
बैठक में 41 दलित विधायकों में 32 हुए शामिल
बिहार विधानसभा में कुल 41 दलित विधायक हैं. जिनमें आज संपन्न हुये बैठक में 32 विधायक शामिल हुए. वहीं, सप्ताह भर पहले हुए बैठक में भी केवल 28 दलित विधायक ही पहुंचे थे. बैठक में परिवहन मंत्री संतोष निराला और योजना एवं विकास मंत्री महेश्वर हजारी ने शामिल होकर एकजुटता को बल देने की कोशिश की.