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लॉकडाउन: पटना में दिहाड़ी मजदूरों को नहीं मिल रही सरकारी सहायता, दाने-दाने के हुए मोहताज

कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए पूरे देश में लॉकडाउन जारी किया है. इसका सबसे ज्यदा प्रभाव दिहाड़ी मजदूरों पर होता दिख रहा है. राजधानी के वीर चंद पटेल पथ पर स्थित कमला नेहरू मोहल्ले में रहने वाले लगभग सभी लोग मजदूर वर्ग के हैं. लॉकडाउन के कारण लोगों के रोजगार पर ग्रहण लग गया. ऐसे में लोग भोजन के दाने-दाने को मोहताज है. ऐसे में लाचार-असहाय लोगों ने ईटीवी भारत के माध्यम से सरकार से मदद की गुहार लगाई.

दिहाड़ी मजदूरों को नहीं मिल रही सरकारी सहायता
दिहाड़ी मजदूरों को नहीं मिल रही सरकारी सहायता
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Published : Mar 29, 2020, 8:33 PM IST

पटना: कोरोना वायरस के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन हैं. लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर हुआ है. जो दैनिक मजदूरी करके आपना पेट भरा करते थे. इसको लेकर जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने राजधानी स्थित कमला नेहरू नगर का जायजा लिया. तो वहां के लोगों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने लॉकडाउन तो कर दिया. लेकिन दिहाड़ी कर कमाने वाले मजदूरों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. हमारे बच्चे घर में भूखे रो रहे हैं. सरकार या फिर उनका कोई नुमाइंदा हमलोगों की सुध नही ले रही है.

सरकार से लगाई मदद की गुहार
वीर चंद पटेल पथ पर स्थित इस मोहल्ले में अधिकतर घर झुग्गी झोपडी का बना हुआ है. यह वही पथ है. जहां बिहार की भाग्य रेखा लिखने कई जनप्रतिनीधि निवास करते हैं. यहां सत्ता पक्ष से लेकर सत्ता के लिए संघर्षरत कई विपक्षी पार्टियों का आलिशान कार्यालय भी बना हुआ है. हर रोज सायरन की गुंज में यहां से कोई न कोई आलाधिकारी समेत जनप्रतिनिधि जरूर गुजरता हैं. रास्ते से गुजरने के समय यहां के लोगों में एक आशा की किरण चमकती है. लेकिन कुछ देर बाद ही उनके आशाओं पर आंसुओं की बरसात हो जाती है. इस मामले पर मोहल्ले में रहने वाली महिलाओं ने कहा कि हमलोगों ने जिला प्रशासन से कई बार राशन-पानी को लेकर गुहार लगाई. हमलोगों की पर लॉकडाउन का एक-एक दिन भारी होता जा रहा है. ऐसे में हमलोगों को समझ नहीं आ रहा है कि आगे का गुजारा कैसे होगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

दाने-दाने को हुए मोहताज
स्थानीय लोगो ने बताया कि लॉकडाउन के कारण हमलोगों के रोजगार पर ग्रहण लग गया. हमलोग रोज कमाने खाने वाले है. इसलिए जिला प्रशासन ऐसे हालातों में हमारी मदद करे. बता दें कि पटना जिला प्रशासन गरीब मजदूर, रिक्शावाले और ठेला वाले लोगों के लिए लगभग प्रतिदिन बेहतरी का दावा करती है. सरकार लोगों को राशन से लकर सहायता राशि देने की भी बात कर रही है. लेकिन राजधानी में कड़ों ऐसे लोग हैं जिनका राशन कार्ड नहीं है. ऐसे लोग प्रतिदिन कमा कर गुजारा करते हैं. ऐसे मे पटना के झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों पर लॉक डाउन होने के बाद मुसीबत का पहाड़ सा टूट पड़ा है. लोगो ने सरकार से मदद की गुहार लगाई.

बिहार में हाई अलर्ट जारी
गौरतलब है कि वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण के लिए पीएम मोदी ने पूरे देश में लॉक डाउन करने का आदेश जारी किया गया है. जिला प्रशासन राजधानी पटना में पूरी सख्ती से लॉक डाउन का पालन करवा रही है. बतां दें कि देश में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को रात 12 बजे से पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया था. पूरे देशभर में लॉक डाउन 14 अप्रैल तक लागू रहेगा. देश में कोरोना से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पूरे देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 800 की संख्या पार कर चुका है. वहीं, इस वायरस के दंश से लगभग 18 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, प्रदेश में कोरोना के 10 मामले पॉजिटिव पाए गए है. जबकि, इस वायरस के कारण 1 की मौत हो चुकी है.

पटना: कोरोना वायरस के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन हैं. लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर हुआ है. जो दैनिक मजदूरी करके आपना पेट भरा करते थे. इसको लेकर जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने राजधानी स्थित कमला नेहरू नगर का जायजा लिया. तो वहां के लोगों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने लॉकडाउन तो कर दिया. लेकिन दिहाड़ी कर कमाने वाले मजदूरों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. हमारे बच्चे घर में भूखे रो रहे हैं. सरकार या फिर उनका कोई नुमाइंदा हमलोगों की सुध नही ले रही है.

सरकार से लगाई मदद की गुहार
वीर चंद पटेल पथ पर स्थित इस मोहल्ले में अधिकतर घर झुग्गी झोपडी का बना हुआ है. यह वही पथ है. जहां बिहार की भाग्य रेखा लिखने कई जनप्रतिनीधि निवास करते हैं. यहां सत्ता पक्ष से लेकर सत्ता के लिए संघर्षरत कई विपक्षी पार्टियों का आलिशान कार्यालय भी बना हुआ है. हर रोज सायरन की गुंज में यहां से कोई न कोई आलाधिकारी समेत जनप्रतिनिधि जरूर गुजरता हैं. रास्ते से गुजरने के समय यहां के लोगों में एक आशा की किरण चमकती है. लेकिन कुछ देर बाद ही उनके आशाओं पर आंसुओं की बरसात हो जाती है. इस मामले पर मोहल्ले में रहने वाली महिलाओं ने कहा कि हमलोगों ने जिला प्रशासन से कई बार राशन-पानी को लेकर गुहार लगाई. हमलोगों की पर लॉकडाउन का एक-एक दिन भारी होता जा रहा है. ऐसे में हमलोगों को समझ नहीं आ रहा है कि आगे का गुजारा कैसे होगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

दाने-दाने को हुए मोहताज
स्थानीय लोगो ने बताया कि लॉकडाउन के कारण हमलोगों के रोजगार पर ग्रहण लग गया. हमलोग रोज कमाने खाने वाले है. इसलिए जिला प्रशासन ऐसे हालातों में हमारी मदद करे. बता दें कि पटना जिला प्रशासन गरीब मजदूर, रिक्शावाले और ठेला वाले लोगों के लिए लगभग प्रतिदिन बेहतरी का दावा करती है. सरकार लोगों को राशन से लकर सहायता राशि देने की भी बात कर रही है. लेकिन राजधानी में कड़ों ऐसे लोग हैं जिनका राशन कार्ड नहीं है. ऐसे लोग प्रतिदिन कमा कर गुजारा करते हैं. ऐसे मे पटना के झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों पर लॉक डाउन होने के बाद मुसीबत का पहाड़ सा टूट पड़ा है. लोगो ने सरकार से मदद की गुहार लगाई.

बिहार में हाई अलर्ट जारी
गौरतलब है कि वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण के लिए पीएम मोदी ने पूरे देश में लॉक डाउन करने का आदेश जारी किया गया है. जिला प्रशासन राजधानी पटना में पूरी सख्ती से लॉक डाउन का पालन करवा रही है. बतां दें कि देश में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को रात 12 बजे से पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया था. पूरे देशभर में लॉक डाउन 14 अप्रैल तक लागू रहेगा. देश में कोरोना से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पूरे देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 800 की संख्या पार कर चुका है. वहीं, इस वायरस के दंश से लगभग 18 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, प्रदेश में कोरोना के 10 मामले पॉजिटिव पाए गए है. जबकि, इस वायरस के कारण 1 की मौत हो चुकी है.

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