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Cyber Fraud: पटना विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग के अकाउंट से उड़ाए 7.5 लाख, क्लोन चेक के जरिए ठगी - बैंकिंग प्रणाली

पटना में साइबर क्राइम का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है. इस बार शातिरों ने पटना यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्र विभाग का अकाउंट क्लोन चेक के जरिए खाली कर दिया है. पुलिस के मुताबिक पटना के बाहर इस रकम को ट्रांसफर किया गया था.

Cyber Fraud
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Published : Jan 14, 2023, 5:12 PM IST

पटना : आज सबकुछ ऑनलाइन हो चुका है. जरा सी असावधानी आपकी जेब पर भारी पड़ सकती है. हमारी बैंकिंग प्रणाली सेफ है. उसमें सेंधमारी करना मुश्किल है, लेकिन साइबर अपराधी आपकी कमजोरी को पकड़कर आपके जेब और अकाउंट में सेंध लगाते हैं, फिर खाता ही सफाचट कर देते हैं. इस बार कुछ ऐसा ही हुआ पटना विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र डिपार्टमेंट में. जहां शातिरों ने क्लोन चेक के जरिए विश्वविद्यालय प्रशासन को चूना लगा दिया. डिपार्टमेंट के अकाउंट 7 लाख 56 हजार 600 की रुपए की अवैध निकासी कर ली गई. शातिरों ने चेक के 8 क्लोन बनाकर अवैध निकासी की थी. अकाउंट यूनिवर्सिटी कैंपस के इंडिन बैंक शाखा में ही था. ये रकम एक हफ्ते में निकाली गई थी, लेकिन न तो डिपार्टमेंट को कोई भनक लगी और न ही बैंक के अधिकारियों को कोई शंका हुई.

ये भी पढ़ें- बिहार में High Court जज के सेक्रेटरी से साइबर फ्रॉड, उड़ाए 1.38 लाख

क्लोन चेक से ठगी: बैंक से मिली जानकारी के मुताबिक 16 नवंबर 2022 को 3 चेक से रुपए निकाले गए. 18 नवंबर को दो और 19 नवंबर को एक क्लोन चेक के जरिए राशि उतारी गई. वहीं 21 नवबंर को फिर शातिरों ने 2 चेक के जरिए कुल 7.566 लाख रुपए की रकम उड़ा ली. पटना पुलिस की मानें तो ये पैस बिहार के बाहर के अकाउंट में ट्रांसफर किया गया है.

विभाग की तरफ से किसी को दो लाख का चेक दिया गया था. वह चेक पास होने के लिए बैंक में पहुंचा तब पता चला कि विभाग के अकाउंट में पर्याप्त राशि नहीं है. 11 जनवरी को ये मामला सामने आते ही विभाग के बड़े अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए. आनन-फानन में मामले को पुलिस में दर्ज कराया गया. बैंक में ये हालत तब है जब पिछले साल भी पटना कॉलेज के अकाउंट से 62.8 लाख रुपए की अवैध निकासी की जा चुकी थी. हालांकि छानबीन के बाद ये रकम वापस भी आ गई थी.


केस नंबर-2: दूसरा बड़ा मामला राजधानी पटना के शास्त्रीनगर और दीघा थाना क्षेत्र का है. शातिर ने इंद्रपुरी के सुदामा राय को एसबीआई का कर्मी बन कर फोन किया और कहा कि अगर केवाईसी अपडेट नहीं कराया तो खाता बंद कर दिया जाएगा. बैंक कर्मी बने साइबर फ्रॉड ने अपना नाम एस के मिश्रा बताया. कुछ जरूरी कागजात उसने अपने मोबाइल पर मंगवाया और सुदामा को एक बैंक अकाउंट नंबर दिया. उसने उनसे कहा कि उस पर ₹1 भेजने की केवाईसी अपडेट हो जाएगा.

सुदामा के द्वारा जैसे उसे खाते में ₹1 भेजा गया, कुछ देर बाद उसके खाते से ₹95000 की निकासी कर ली गई. उनके द्वारा उनके दूसरे एचडीएफसी बैंक के खाते को भी अपडेट करवाया तो पता चला कि उससे भी ₹43400 की निकासी कर ली गई है. कुल ₹138000 की निकासी की गई है.

केस नंबर-3 : वहीं दीघा थाना इलाके के रहने वाले अजीत कुमार के खाते से भी ₹156000 की निकासी हो गई है. दरअसल दीघा थाना की मानें तो डीटीएच इस्तेमाल करते हैं. उसके मोबाइल पर डीटीएच की किसी समस्या को लेकर फोन आया. फोन करने वाले ने ऐप इंस्टॉल करवाया. कुछ ही देर में अजीत के दो खातों से ₹86070 की निकासी कर ली गई. तीनों ही केस में कहीं न कहीं लापरवाही थी. अगर आपके साथ कभी कोई साइबर फ्रॉड होता है तो तुरंत ही उसपर रिप्लाई करना चाहिए.

पटना : आज सबकुछ ऑनलाइन हो चुका है. जरा सी असावधानी आपकी जेब पर भारी पड़ सकती है. हमारी बैंकिंग प्रणाली सेफ है. उसमें सेंधमारी करना मुश्किल है, लेकिन साइबर अपराधी आपकी कमजोरी को पकड़कर आपके जेब और अकाउंट में सेंध लगाते हैं, फिर खाता ही सफाचट कर देते हैं. इस बार कुछ ऐसा ही हुआ पटना विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र डिपार्टमेंट में. जहां शातिरों ने क्लोन चेक के जरिए विश्वविद्यालय प्रशासन को चूना लगा दिया. डिपार्टमेंट के अकाउंट 7 लाख 56 हजार 600 की रुपए की अवैध निकासी कर ली गई. शातिरों ने चेक के 8 क्लोन बनाकर अवैध निकासी की थी. अकाउंट यूनिवर्सिटी कैंपस के इंडिन बैंक शाखा में ही था. ये रकम एक हफ्ते में निकाली गई थी, लेकिन न तो डिपार्टमेंट को कोई भनक लगी और न ही बैंक के अधिकारियों को कोई शंका हुई.

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क्लोन चेक से ठगी: बैंक से मिली जानकारी के मुताबिक 16 नवंबर 2022 को 3 चेक से रुपए निकाले गए. 18 नवंबर को दो और 19 नवंबर को एक क्लोन चेक के जरिए राशि उतारी गई. वहीं 21 नवबंर को फिर शातिरों ने 2 चेक के जरिए कुल 7.566 लाख रुपए की रकम उड़ा ली. पटना पुलिस की मानें तो ये पैस बिहार के बाहर के अकाउंट में ट्रांसफर किया गया है.

विभाग की तरफ से किसी को दो लाख का चेक दिया गया था. वह चेक पास होने के लिए बैंक में पहुंचा तब पता चला कि विभाग के अकाउंट में पर्याप्त राशि नहीं है. 11 जनवरी को ये मामला सामने आते ही विभाग के बड़े अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए. आनन-फानन में मामले को पुलिस में दर्ज कराया गया. बैंक में ये हालत तब है जब पिछले साल भी पटना कॉलेज के अकाउंट से 62.8 लाख रुपए की अवैध निकासी की जा चुकी थी. हालांकि छानबीन के बाद ये रकम वापस भी आ गई थी.


केस नंबर-2: दूसरा बड़ा मामला राजधानी पटना के शास्त्रीनगर और दीघा थाना क्षेत्र का है. शातिर ने इंद्रपुरी के सुदामा राय को एसबीआई का कर्मी बन कर फोन किया और कहा कि अगर केवाईसी अपडेट नहीं कराया तो खाता बंद कर दिया जाएगा. बैंक कर्मी बने साइबर फ्रॉड ने अपना नाम एस के मिश्रा बताया. कुछ जरूरी कागजात उसने अपने मोबाइल पर मंगवाया और सुदामा को एक बैंक अकाउंट नंबर दिया. उसने उनसे कहा कि उस पर ₹1 भेजने की केवाईसी अपडेट हो जाएगा.

सुदामा के द्वारा जैसे उसे खाते में ₹1 भेजा गया, कुछ देर बाद उसके खाते से ₹95000 की निकासी कर ली गई. उनके द्वारा उनके दूसरे एचडीएफसी बैंक के खाते को भी अपडेट करवाया तो पता चला कि उससे भी ₹43400 की निकासी कर ली गई है. कुल ₹138000 की निकासी की गई है.

केस नंबर-3 : वहीं दीघा थाना इलाके के रहने वाले अजीत कुमार के खाते से भी ₹156000 की निकासी हो गई है. दरअसल दीघा थाना की मानें तो डीटीएच इस्तेमाल करते हैं. उसके मोबाइल पर डीटीएच की किसी समस्या को लेकर फोन आया. फोन करने वाले ने ऐप इंस्टॉल करवाया. कुछ ही देर में अजीत के दो खातों से ₹86070 की निकासी कर ली गई. तीनों ही केस में कहीं न कहीं लापरवाही थी. अगर आपके साथ कभी कोई साइबर फ्रॉड होता है तो तुरंत ही उसपर रिप्लाई करना चाहिए.

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