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बिहार में साइबर फ्रॉड के मामले 20 गुना बढ़े, एक्सपर्ट से जानिए बचने के उपाय - साइबर एक्सपर्ट राजन सिंह

बिहार में साइबर फ्रॉड का बोलबाला है. आम से लेकर खास तक को निशाना बनाया जा रहा है. पहले की तुलना में साइबर क्राइम में 20 गुना की वृद्धि दर्ज (Cyber crime increased 20 times in Bihar) की गई है. ऐसे में क्या करें और क्या ना करें बता रहे हैं साइबर एक्सपर्ट राजन सिंह..

Cyber crime increased 20 times in Bihar
Cyber crime increased 20 times in Bihar
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Published : Jun 15, 2022, 1:26 PM IST

पटना: बिहार सहित पूरे देश में इनदिनों में साइबर फ्रॉड (cyber fraud in bihar)जैसे वारदातों में लगातार वृद्धि हो रही है. साइबर फ्रॉड नए नए तरीकों को इजाद कर आम लोगों के साथ-साथ खास लोगों को भी अपना शिकार बना रहे हैं. ताजा मामला एक आईएएस अधिकारी की तस्वीर लगाकर सरकारी कर्मी को ही शिकार बनाने के प्रयास से जुड़ा हुआ है.

पढ़ें- बिहार के पूर्व DIG से की थी लाखों की ठगी.. 3 दिन के अंदर 5 गिरफ्तार

अधिकारियों के साथ साइबर फ्रॉड: आपको बता दें कि साइबर फ्रॉड के द्वारा बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष प्रबंधन निदेशक संजीव हंस की तस्वीर का साइबर अपराधियों ने गलत इस्तेमाल कर एक मोबाइल नंबर पर आईएएस की तस्वीर लगाकर कई सरकारी कर्मियों को मैसेज किया. कहीं ना कहीं आईएएस अधिकारी की तस्वीर लगाकर साइबर अपराधियों ने कई सरकारी कर्मियों को चूना लगाने की कोशिश की है. किसी को शक नहीं हो इसके लिए साइबर अपराधी, कर्मियों से अंग्रेजी में बात कर रहे थे ताकि सामने वाले को आसानी से शिकार बनाया जा सके.

लिंक पर क्लिक करते ही खाते से पैसे हुए गायब: इस मामले का खुलासा होने के बाद कंपनी के मुख्य शिक्षा अधिकारी अजीत कुमार सिंह के द्वारा कोतवाली थाने में लिखित शिकायत दी गई है. इस पूरे मामले की पुलिस द्वारा छानबीन की जा रही है. हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है. राजधानी पटना की जगदेव पथ की प्राची को अज्ञात नंबर से साइबर फ्रॉड द्वारा आई लिंक पर क्लिक करना भारी पड़ गया है. उनके खाते से साइबर अपराधियों ने एक बार में ₹40000 की निकासी कर ली है. प्राची का खाता एसबीआई के एसके पूरी ब्रांच में है. उन्होंने एसके पूरी पुलिस थाना में केस दर्ज कराया है. उन्होंने पुलिस को बताया है कि उनके मोबाइल पर एक अज्ञात मोबाइल नंबर से दिल्ली की एक कूरियर कंपनी का लिंक आया था. उन्होंने उस लिंक पर जैसे ही क्लिक किया उनका मोबाइल हैक कर लिया गया और साइबर अपराधियों ने मोबाइल का सारा डाटा चुरा कर उनके खाते से निकासी की है.

ऑनलाइन ट्रांसफर करना पड़ा भारी: राजीव नगर के चंद्र विहार कॉलोनी के रहने वाले ओंकार सिंह से तो पतंजलि में इलाज करा देने के नाम पर ₹50000 की ठगी कर ली गई है. ओंकार ने पुलिस को बताया कि गूगल पर पतंजलि के कस्टमर केयर का नंबर उनके द्वारा तलाश रहा था जो नंबर मिला वह जालसाज का निकला. साइबर अपराधी ने कस्टमर केयर अधिकारी बनकर बात की. ओंकार झांसे में आ गया और उसने खाते से ₹50000 भेज दिया. बाद में पैसे की डिमांड की तब एहसास हुआ कि वह साइबर फ्रॉड का शिकार हो गया है.

बिहार में 20 गुना बढ़े साइबर क्राइम: बिहार में साइबर फ्रॉड की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है. हाल के कुछ सालों के आंकड़ों की तुलना करें तो बिहार में लगभग 20 गुना की वृद्धि दर्ज की गई है. राजधानी पटना में साइबर क्राइम की घटनाओं में 17 फीसदी का इजाफा हुआ है. यह हम नहीं बल्कि cybercrime.gov.in पर दर्ज बिहार के आंकड़े गवाह हैं.

साइबर क्राइम का आंकड़ा: आंकड़ों के अनुसार साल 2019 में बिहार में साइबर क्राइम के महज 560 मामले आए थे. साल 2020 में कुल 7743 मामले दर्ज किए गए थे. साल 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 12258 हो गया. साल 2019 में पटना में सिर्फ 144 मामले आए थे जो कि साल 2021 में बढ़कर 2462 हो गया है. साल 2022 की बात करें तो मई महीने में ही अब तक बिहार में 8003 मामले चुके हैं जिसमें पटना में 1632 शिकायतें मिल चुकी हैं.

डिजिटल ट्रांजेक्शन के प्रचलन से बढ़ा साइबर क्राइम: साइबर फ्रॉड के लिए बिहार के 38 जिलों में से पटना सबसे ज्यादा हॉटस्पॉट बन गया है. पटना, नालंदा, नवादा से पूरा जमुई और गया साइबर अपराधियों का कहीं ना कहीं सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बन गया है. आर्थिक अपराध इकाई के एसपी सुशील कुमार की मानें तो जबसे डिजिटल ट्रांजेक्शन का प्रचलन बढ़ा है तबसे साइबर क्राइम की घटनाओं में भी वृद्धि हो रही है.

इन जिलों से आए कई मामले: पटना नवादा नालंदा शेखपुरा गया और जमुई जिले में साइबर अपराधी सबसे ज्यादा सक्रिय हैं. इन जिलों में बैठकर साइबर अपराधी देशभर के लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. यहां तक कि दूसरे राज्यों से भी बिहार के साइबर छात्रों का डिटेल्स लिया जा रहा है. उनका साफ तौर पर कहना है कि डिजिटल अवेयरनेस पर हमारी टीम यानी कि साइबर अपराध इकाई पूरी तरह से काम कर रही है. लोगों को जागरूक करने के लिए तरह-तरह के बैनर पोस्टर का सहारा लिया जा रहा है. गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूलों में भी अवेयरनेस कैंप आर्थिक अपराध इकाई द्वारा चलाई जाएगी ताकि बच्चे अपने पेरेंट्स को भी जागरुक कर सकें.

एक्सपर्ट की राय: साइबर एक्सपर्ट राजन सिंह (Cyber Expert Rajan Singh) की मानें तो किसी भी अनजान शख्स पर विश्वास नहीं करना चाहिए. किसी के कहने पर कोई भी ऐप डाउनलोड भूलकर भी ना करें. ट्रूकॉलर पर किसी भी नाम से आए नंबर पर विश्वास ना करें. अपने बैंक का आईडी पासवर्ड किसी से शेयर ना करें. बिजली कंपनी कभी भी इस तरह के उपभोक्ताओं को बैंक डिटेल नहीं मांगती है. बिहार में इन दिनों कुछ मामले बिजली विभाग से जुड़े सामने आ रहे हैं. इसमें कुछ कस्टमर को साइबर फ्रॉड बिजली बकाया का मैसेज कर किया गया. मैसेज किया गया कि जल्द से जल्द बिल भरे अन्यथा उनका लाइन काट दिया जाएगा.

"लोगों को काफी जागरूक रहने की जरूरत है क्योंकि साइबर फ्रॉड नए नए तरीकों को इजाद कर आम लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं. एटीएम में मदद के बहाने चूना लगाया जाता है. किसी के झांसे में ना आएं."- राजन सिंह, साइबर एक्सपर्ट

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पटना: बिहार सहित पूरे देश में इनदिनों में साइबर फ्रॉड (cyber fraud in bihar)जैसे वारदातों में लगातार वृद्धि हो रही है. साइबर फ्रॉड नए नए तरीकों को इजाद कर आम लोगों के साथ-साथ खास लोगों को भी अपना शिकार बना रहे हैं. ताजा मामला एक आईएएस अधिकारी की तस्वीर लगाकर सरकारी कर्मी को ही शिकार बनाने के प्रयास से जुड़ा हुआ है.

पढ़ें- बिहार के पूर्व DIG से की थी लाखों की ठगी.. 3 दिन के अंदर 5 गिरफ्तार

अधिकारियों के साथ साइबर फ्रॉड: आपको बता दें कि साइबर फ्रॉड के द्वारा बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष प्रबंधन निदेशक संजीव हंस की तस्वीर का साइबर अपराधियों ने गलत इस्तेमाल कर एक मोबाइल नंबर पर आईएएस की तस्वीर लगाकर कई सरकारी कर्मियों को मैसेज किया. कहीं ना कहीं आईएएस अधिकारी की तस्वीर लगाकर साइबर अपराधियों ने कई सरकारी कर्मियों को चूना लगाने की कोशिश की है. किसी को शक नहीं हो इसके लिए साइबर अपराधी, कर्मियों से अंग्रेजी में बात कर रहे थे ताकि सामने वाले को आसानी से शिकार बनाया जा सके.

लिंक पर क्लिक करते ही खाते से पैसे हुए गायब: इस मामले का खुलासा होने के बाद कंपनी के मुख्य शिक्षा अधिकारी अजीत कुमार सिंह के द्वारा कोतवाली थाने में लिखित शिकायत दी गई है. इस पूरे मामले की पुलिस द्वारा छानबीन की जा रही है. हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है. राजधानी पटना की जगदेव पथ की प्राची को अज्ञात नंबर से साइबर फ्रॉड द्वारा आई लिंक पर क्लिक करना भारी पड़ गया है. उनके खाते से साइबर अपराधियों ने एक बार में ₹40000 की निकासी कर ली है. प्राची का खाता एसबीआई के एसके पूरी ब्रांच में है. उन्होंने एसके पूरी पुलिस थाना में केस दर्ज कराया है. उन्होंने पुलिस को बताया है कि उनके मोबाइल पर एक अज्ञात मोबाइल नंबर से दिल्ली की एक कूरियर कंपनी का लिंक आया था. उन्होंने उस लिंक पर जैसे ही क्लिक किया उनका मोबाइल हैक कर लिया गया और साइबर अपराधियों ने मोबाइल का सारा डाटा चुरा कर उनके खाते से निकासी की है.

ऑनलाइन ट्रांसफर करना पड़ा भारी: राजीव नगर के चंद्र विहार कॉलोनी के रहने वाले ओंकार सिंह से तो पतंजलि में इलाज करा देने के नाम पर ₹50000 की ठगी कर ली गई है. ओंकार ने पुलिस को बताया कि गूगल पर पतंजलि के कस्टमर केयर का नंबर उनके द्वारा तलाश रहा था जो नंबर मिला वह जालसाज का निकला. साइबर अपराधी ने कस्टमर केयर अधिकारी बनकर बात की. ओंकार झांसे में आ गया और उसने खाते से ₹50000 भेज दिया. बाद में पैसे की डिमांड की तब एहसास हुआ कि वह साइबर फ्रॉड का शिकार हो गया है.

बिहार में 20 गुना बढ़े साइबर क्राइम: बिहार में साइबर फ्रॉड की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है. हाल के कुछ सालों के आंकड़ों की तुलना करें तो बिहार में लगभग 20 गुना की वृद्धि दर्ज की गई है. राजधानी पटना में साइबर क्राइम की घटनाओं में 17 फीसदी का इजाफा हुआ है. यह हम नहीं बल्कि cybercrime.gov.in पर दर्ज बिहार के आंकड़े गवाह हैं.

साइबर क्राइम का आंकड़ा: आंकड़ों के अनुसार साल 2019 में बिहार में साइबर क्राइम के महज 560 मामले आए थे. साल 2020 में कुल 7743 मामले दर्ज किए गए थे. साल 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर 12258 हो गया. साल 2019 में पटना में सिर्फ 144 मामले आए थे जो कि साल 2021 में बढ़कर 2462 हो गया है. साल 2022 की बात करें तो मई महीने में ही अब तक बिहार में 8003 मामले चुके हैं जिसमें पटना में 1632 शिकायतें मिल चुकी हैं.

डिजिटल ट्रांजेक्शन के प्रचलन से बढ़ा साइबर क्राइम: साइबर फ्रॉड के लिए बिहार के 38 जिलों में से पटना सबसे ज्यादा हॉटस्पॉट बन गया है. पटना, नालंदा, नवादा से पूरा जमुई और गया साइबर अपराधियों का कहीं ना कहीं सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बन गया है. आर्थिक अपराध इकाई के एसपी सुशील कुमार की मानें तो जबसे डिजिटल ट्रांजेक्शन का प्रचलन बढ़ा है तबसे साइबर क्राइम की घटनाओं में भी वृद्धि हो रही है.

इन जिलों से आए कई मामले: पटना नवादा नालंदा शेखपुरा गया और जमुई जिले में साइबर अपराधी सबसे ज्यादा सक्रिय हैं. इन जिलों में बैठकर साइबर अपराधी देशभर के लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. यहां तक कि दूसरे राज्यों से भी बिहार के साइबर छात्रों का डिटेल्स लिया जा रहा है. उनका साफ तौर पर कहना है कि डिजिटल अवेयरनेस पर हमारी टीम यानी कि साइबर अपराध इकाई पूरी तरह से काम कर रही है. लोगों को जागरूक करने के लिए तरह-तरह के बैनर पोस्टर का सहारा लिया जा रहा है. गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूलों में भी अवेयरनेस कैंप आर्थिक अपराध इकाई द्वारा चलाई जाएगी ताकि बच्चे अपने पेरेंट्स को भी जागरुक कर सकें.

एक्सपर्ट की राय: साइबर एक्सपर्ट राजन सिंह (Cyber Expert Rajan Singh) की मानें तो किसी भी अनजान शख्स पर विश्वास नहीं करना चाहिए. किसी के कहने पर कोई भी ऐप डाउनलोड भूलकर भी ना करें. ट्रूकॉलर पर किसी भी नाम से आए नंबर पर विश्वास ना करें. अपने बैंक का आईडी पासवर्ड किसी से शेयर ना करें. बिजली कंपनी कभी भी इस तरह के उपभोक्ताओं को बैंक डिटेल नहीं मांगती है. बिहार में इन दिनों कुछ मामले बिजली विभाग से जुड़े सामने आ रहे हैं. इसमें कुछ कस्टमर को साइबर फ्रॉड बिजली बकाया का मैसेज कर किया गया. मैसेज किया गया कि जल्द से जल्द बिल भरे अन्यथा उनका लाइन काट दिया जाएगा.

"लोगों को काफी जागरूक रहने की जरूरत है क्योंकि साइबर फ्रॉड नए नए तरीकों को इजाद कर आम लोगों को ठगने का काम कर रहे हैं. एटीएम में मदद के बहाने चूना लगाया जाता है. किसी के झांसे में ना आएं."- राजन सिंह, साइबर एक्सपर्ट

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