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भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा के लिए गंगा स्नान करने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

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Published : Oct 29, 2019, 10:29 AM IST

​​​​​​​मंगलवार को भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. जैसे-जैसे कार्तिक महीना बढ़ रहा है. उसी के साथ श्रद्धालुओं की भीड़ भी घाटों पर बढ़ती जा रही है. सुबह-सुबह दूर-दूर से महिलाएं आकर अलखनाथ घाट में गंगा स्नान कर पूजा करती हैं और अपने परिवार के लिए सुख और समृद्धि की कामना करती हैं.

भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा के लिए गंगा स्नान करने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

पटना: प्रदेश में भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा के लिए गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. इस दिन कायस्थ लोग स्नान करके अपने कलम के देवता चित्रगुप्त भगवान की पूजा अर्चना करते हैं. वहीं इसके अलावा बहन लोग अपने भाई लोगों की लम्बी उम्र के लिए भैया दूज मनाती है.

crowds of devotees gathered to bath in the ganga
महिलाएं गाना गाते हुए

कार्तिक महीने में वातावरण हो जाता है भक्तिमय
शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक महीने के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 महीनों में से कार्तिक महीने को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है. यानी इस महीने को त्यौहारों का महीना भी कहा जाता है. इस महीने लक्ष्मी पूजा, छठ पूजा, दीप पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते हैं.

भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा के लिए गंगा स्नान करने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

पर्व के दिन स्नान करने गंगा घाट पर उमड़ी भीड़
मंगलवार को भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. जैसे-जैसे कार्तिक महीना बढ़ रहा है. उसी के साथ श्रद्धालुओं की भीड़ भी घाटों पर बढ़ती जा रही है. सुबह-सुबह दूर-दूर से महिलाएं आकर अलखनाथ घाट में गंगा स्नान कर पूजा करती हैं और अपने परिवार के लिए सुख और समृद्धि की कामना करती हैं.

crowds of devotees gathered to bath in the ganga
घाट पर लगी हुई है स्नान के लिए भीड़

लोग मना रहे है भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा
स्थानीय लोगों की ओर से पूजा-पाठ सिंगार सहित कई तरह के दुकान लगाए गए हैं. वहीं सोमवार से भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया है. जैसे-जैसे कार्तिक महीने का दिन बीत रहा है और छठ नजदीक आ रही है वैसे ही घाट का पूरा माहौल भक्तिमय होता जा रहा है. महिलाएं गंगा स्नान कर भाई की लम्बी उम्र की कामना करती है और कायस्थ लोग स्नान कर अपने देवता चित्रगुप्त भगवान की पूजा अर्चना करते हैं.

पटना: प्रदेश में भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा के लिए गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. इस दिन कायस्थ लोग स्नान करके अपने कलम के देवता चित्रगुप्त भगवान की पूजा अर्चना करते हैं. वहीं इसके अलावा बहन लोग अपने भाई लोगों की लम्बी उम्र के लिए भैया दूज मनाती है.

crowds of devotees gathered to bath in the ganga
महिलाएं गाना गाते हुए

कार्तिक महीने में वातावरण हो जाता है भक्तिमय
शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक महीने के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 महीनों में से कार्तिक महीने को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है. यानी इस महीने को त्यौहारों का महीना भी कहा जाता है. इस महीने लक्ष्मी पूजा, छठ पूजा, दीप पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते हैं.

भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा के लिए गंगा स्नान करने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

पर्व के दिन स्नान करने गंगा घाट पर उमड़ी भीड़
मंगलवार को भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. जैसे-जैसे कार्तिक महीना बढ़ रहा है. उसी के साथ श्रद्धालुओं की भीड़ भी घाटों पर बढ़ती जा रही है. सुबह-सुबह दूर-दूर से महिलाएं आकर अलखनाथ घाट में गंगा स्नान कर पूजा करती हैं और अपने परिवार के लिए सुख और समृद्धि की कामना करती हैं.

crowds of devotees gathered to bath in the ganga
घाट पर लगी हुई है स्नान के लिए भीड़

लोग मना रहे है भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा
स्थानीय लोगों की ओर से पूजा-पाठ सिंगार सहित कई तरह के दुकान लगाए गए हैं. वहीं सोमवार से भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया है. जैसे-जैसे कार्तिक महीने का दिन बीत रहा है और छठ नजदीक आ रही है वैसे ही घाट का पूरा माहौल भक्तिमय होता जा रहा है. महिलाएं गंगा स्नान कर भाई की लम्बी उम्र की कामना करती है और कायस्थ लोग स्नान कर अपने देवता चित्रगुप्त भगवान की पूजा अर्चना करते हैं.

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Body:शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है।कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है मतलब 1 महीने तक लगातार वे पृथ्वी पर रहते हैं। इस महीने को त्यौहार को का महीना भी कहा जाता है लक्ष्मी पूजा छठ पूजा, दीपा पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते।

भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा को लेकर आज श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी जैसे-जैसे कार्तिक माह बढ़ रही हो और श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ती जा रही है सुबह-सुबह दूर-दूर से महिलाएं आकर अलखनाथ घाट में गंगा स्नान कर पूजा करती हैं और अपने परिवार के लिए सुख और समृद्धि की कामना करती हैं वह स्थानीय लोगों द्वारा पूजा-पाठ सिंगार सहित कई तरह के दुकान लगाए गए वही कल से भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया है जैसे-जैसे कार्तिक माह के दिन बीत रहे और छठ नजदीक आ रही है वैसे उसे पूरा माहौल भक्तिमय होता जा रहा है। वही महिला श्रद्धालुओं ने गंगा नदी के किनारे माता गंगा की पूजा अर्चना की गीत गाए।

भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा को लेकर के विभिन्न घाटों में गंगा स्नान लेकर महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। आज भैया दूज और चित्रगुप्त पूजा के दिन में गंगा स्नान कर पूजा पाठ करती है और अपने परिवार की धन सुख समृद्धि की कामना करती है। महिलाओं ने भगवान की पूजा की और धन की प्राप्ति को लेकर कामना की। कोई अपने भाई की लंबी उम्र की कामना भी की।

सुबह से ही गंगा स्नान करने के लिए महिलाओं की भीड़ अलखनाथ घाट,उमानाथ घाट और बाढ़ के विभिन्न घाटों में उमड़ पड़ी है।वहीं महिलाएं स्नान कर पूजा पाठ की और अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। कई महिलाएं लगातार एक महीने तक गंगा स्नान कर पूजा पाठ करती हैं।

उत्तरायण गंगा के तट पर गंगा स्नान का इस महीने में इतना महत्व है कि लोग 1 महीने के लिए बनारस सिमरिया बाढ़ के उमा नाथधाम बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और 1 महीने तक लगातार गंगा स्नान पूजा पाठ करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है जो आषाढ़ महीने का अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है।

वाइट- आनंद मोहन पांडे lअलखनाथ घाट के पुजारी)




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