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पटना: गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, पूजा-पाठ कर की सुख-समृद्धि की कामना

गंगा स्नान करने के लिए महिलाओं की भीड़ अलखनाथ घाट, उमानाथ घाट और बाढ़ के विभिन्न घाटों में उमड़ पड़ी है. वहीं, महिलाएं गंगा में स्नान कर पूजा पाठ की और अपने परिवार के सुख समृद्धि के लिए भी कामना की. जानकारी के अनुसार कई महिलाएं लगातार एक महीने तक गंगा स्नान कर पूजा पाठ करती है.

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Published : Oct 20, 2019, 11:48 AM IST

पटना: शरद पूर्णिमा की समाप्ति के साथ ही कल्पवास मेले की शुरुआत हो जाती है. इसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक माह के सप्तमी के दिन गंगा स्नान और पूजा-पाठ का खास महत्व है. जिसको लेकर बाढ़ के अलखनाथ घाट पर गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी पड़ी.

कार्तिक महीना को माना जाता है पवित्र
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक महीना को सबसे पवित्र माना जाता है. क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है. इस महीने में लक्ष्मी पूजा छठ पूजा, दीपा पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते है. धार्मिक दृष्टि से इस महीने का महत्व इसलिए भी है, क्योंकि इसी महीने कुमार कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया था.

Patna
भजन कीर्तन का हुआ आयोजन

भजन कीर्तन का आयोजन
वहीं, स्थानीय लोगों की ओर से गंगा घाटों पर सिंगार के दुकान लगाए गए है. वहीं, मंदिरों में भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया है. बताया जाता है कि कुछ ही दिनों में लोक आस्था का महापर्व छठ आने वाला है. जिसको लेकर प्रदेश में तैयारी चल रही है.

गंगा स्नान के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

1 महीने तक लगातार स्नान करते है लोग
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार उत्तरायण गंगा के तट पर स्नान करने का खास महत्व है. जिसके कारण लोग कार्तिक के महीने में लोग बनारस, सिमरिया, उमा नाथधाम, बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और वहां पर 1 महीने तक लगातार गंगा स्नान और पूजा पाठ करते है. वहीं, इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है. जो आषाढ़ महीने का अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है.

पटना: शरद पूर्णिमा की समाप्ति के साथ ही कल्पवास मेले की शुरुआत हो जाती है. इसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक माह के सप्तमी के दिन गंगा स्नान और पूजा-पाठ का खास महत्व है. जिसको लेकर बाढ़ के अलखनाथ घाट पर गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी पड़ी.

कार्तिक महीना को माना जाता है पवित्र
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक महीना को सबसे पवित्र माना जाता है. क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है. इस महीने में लक्ष्मी पूजा छठ पूजा, दीपा पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते है. धार्मिक दृष्टि से इस महीने का महत्व इसलिए भी है, क्योंकि इसी महीने कुमार कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया था.

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भजन कीर्तन का हुआ आयोजन

भजन कीर्तन का आयोजन
वहीं, स्थानीय लोगों की ओर से गंगा घाटों पर सिंगार के दुकान लगाए गए है. वहीं, मंदिरों में भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया है. बताया जाता है कि कुछ ही दिनों में लोक आस्था का महापर्व छठ आने वाला है. जिसको लेकर प्रदेश में तैयारी चल रही है.

गंगा स्नान के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

1 महीने तक लगातार स्नान करते है लोग
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार उत्तरायण गंगा के तट पर स्नान करने का खास महत्व है. जिसके कारण लोग कार्तिक के महीने में लोग बनारस, सिमरिया, उमा नाथधाम, बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और वहां पर 1 महीने तक लगातार गंगा स्नान और पूजा पाठ करते है. वहीं, इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है. जो आषाढ़ महीने का अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है.

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Body:शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है।कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है मतलब 1 महीने तक लगातार वे पृथ्वी पर रहते हैं। इस महीने को त्यौहार को का महीना भी कहा जाता है लक्ष्मी पूजा छठ पूजा, दीपा पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते।

कार्तिक माह के सप्तमी के दिन आज श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी जैसे-जैसे कार्तिक माह बढ़ रही हो और श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ती जा रही है सुबह-सुबह दूर-दूर से महिलाएं आकर अलखनाथ घाट में गंगा स्नान कर पूजा करती हैं और अपने परिवार के लिए सुख और समृद्धि की कामना करती हैं वह स्थानीय लोगों द्वारा पूजा-पाठ सिंगार सहित कई तरह के दुकान लगाए गए वही कल से भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया है जैसे-जैसे कार्तिक माह के दिन बीत रहे और छठ नजदीक आ रही है वैसे उसे पूरा माहौल भक्तिमय होता जा रहा है। वही महिला श्रद्धालुओं ने गंगा नदी के किनारे माता गंगा की पूजा अर्चना की गीत गाए।

सुबह से ही गंगा स्नान करने के लिए महिलाओं की भीड़ अलखनाथ घाट,उमानाथ घाट और बाढ़ के विभिन्न घाटों में उमड़ पड़ी है।वहीं महिलाएं स्नान कर पूजा पाठ की और अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। कई महिलाएं लगातार एक महीने तक गंगा स्नान कर पूजा पाठ करती हैं।

उत्तरायण गंगा के तट पर गंगा स्नान का इस महीने में इतना महत्व है कि लोग 1 महीने के लिए बनारस सिमरिया बाढ़ के उमा नाथधाम बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और 1 महीने तक लगातार गंगा स्नान पूजा पाठ करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है जो आषाढ़ महीने का अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है।

वाइट- सोनू पांडे lअलखनाथ घाट के पुजारी)




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