पटना: राजधानी के बाढ़ अनुमंडल के विभिन्न गंगा घाटों पर माघ की सप्तमी को लेकर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ इकट्ठा हुई है. श्रद्धालु दूर-दूर से गंगा घाटों पर पहुंचकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं. बाढ़ में गंगा उत्तरायण होने की वजह से यहां श्रद्धालुओं की भारी इकट्ठा होती है. मान्यता है कि उत्तरायण गंगा में स्नान कर पूजा करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है.
मनोवांछित फल की होती है प्राप्ती
बता दें कि वैसे तो माघ का पूरा महीना ही पुण्य मास के नाम से जाना जाता है. इस महीने में शुक्ल पक्ष की अमावस्या और पूर्णिमा का बहुत महत्व है. इस सप्तमी को साल भर की सप्तमी में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इसे करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. माघ शुक्ल सप्तमी को सुबह नियम के साथ स्नान करने से मनोवांछित फल मिलता है. गंगा पूरे भारत में सिर्फ चार जगह उत्तरायण है. जिसमें हरिद्वार, वाराणसी, बाढ़ और सुल्तानगंज का नाम शामिल है.
माघ की सप्तमी की मान्यता
मान्यता है कि हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को अंचला सपने का पर्व मनाया जाता है. इसे सूर्य सप्तमी व्रत आरोग्य सूर्य सप्तमी आदि नामों से भी जाना जाता है. अगर यह पर्व रविवार को पड़ता है तो इसे भानु सप्तमी भी कहा जाता है. शास्त्रों के अनुसार भगवान सूर्य ने इसी दिन सारे जगत को अपने प्रकाश से आलोकित किया था. इसीलिए इस सप्तमी को सूर्य जयंती के रूप में भी मनाया जाता है.