ETV Bharat / state

कल्पवास और कार्तिक के दसवीं को लेकर गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है, जो अषाढ़ महीने के अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है.

गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
author img

By

Published : Nov 6, 2019, 9:47 AM IST

पटना: आज कार्तिक माह की दसवीं तिथि है. इसको लेकर गंगा घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. यहां दूर-दूर से महिलाएं आकर अलखनाथ घाट पर गंगा स्नान कर पूजा करती हैं और अपने परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. यहां स्थानीय लोगों द्वारा पूजा-पाठ और श्रृंगार सहित कई तरह की दुकान लगाई गई हैं. वहीं, भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया गया है.

हिन्दू धर्म में कार्तिक महीने का बहुत महत्व है. शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेले की शुरुआत हो जाती है, जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर जारी रहता है. उत्तरायण गंगा के तट पर गंगा स्नान का इस महीने में इतना महत्व है कि लोग 1 महीने के लिए बनारस सिमरिया बाढ़ के उमा नाथधाम बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और 1 महीने तक लगातार गंगा स्नान और पूजा पाठ करते हैं.

जानकारी देते पुजारी

कार्तिक माह में देवी-देवताओं का पृथ्वी पर होता है पदार्पण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है, जो अषाढ़ महीने के अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है. कहा जाता है कि इस महीने में सारे देवी-देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण होता है. मतलब एक महीने तक लगातार वो पृथ्वी पर रहते हैं.

पटना: आज कार्तिक माह की दसवीं तिथि है. इसको लेकर गंगा घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. यहां दूर-दूर से महिलाएं आकर अलखनाथ घाट पर गंगा स्नान कर पूजा करती हैं और अपने परिवार के लिए सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. यहां स्थानीय लोगों द्वारा पूजा-पाठ और श्रृंगार सहित कई तरह की दुकान लगाई गई हैं. वहीं, भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया गया है.

हिन्दू धर्म में कार्तिक महीने का बहुत महत्व है. शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेले की शुरुआत हो जाती है, जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है. कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर जारी रहता है. उत्तरायण गंगा के तट पर गंगा स्नान का इस महीने में इतना महत्व है कि लोग 1 महीने के लिए बनारस सिमरिया बाढ़ के उमा नाथधाम बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और 1 महीने तक लगातार गंगा स्नान और पूजा पाठ करते हैं.

जानकारी देते पुजारी

कार्तिक माह में देवी-देवताओं का पृथ्वी पर होता है पदार्पण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है. इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है, जो अषाढ़ महीने के अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है. कहा जाता है कि इस महीने में सारे देवी-देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण होता है. मतलब एक महीने तक लगातार वो पृथ्वी पर रहते हैं.

Intro:


Body:शरद पूर्णिमा की समाप्ति होते ही कल्पवास मेला की शुरुआत हो जाती है जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है।कार्तिक माह के पहले दिन से लेकर पूर्णिमा तक अनवरत गंगा स्नान और पूजा-पाठ का दौर शुरू हो जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार 12 माह में कार्तिक माह को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। क्योंकि इस महीने में सारे देवी देवताओं का पृथ्वी पर पदार्पण हो जाता है मतलब 1 महीने तक लगातार वे पृथ्वी पर रहते हैं। इस महीने को त्यौहार को का महीना भी कहा जाता है लक्ष्मी पूजा छठ पूजा, दीपा पूजा, सूर्य पूजा, विष्णु पूजा जैसे उत्सव मनाए जाते।

कार्तिक माह के दसवीं को लेकर श्रद्धालुओं के भीड़ उमड़ पड़ी। सुबह-सुबह दूर-दूर से महिलाएं आकर अलखनाथ घाट में गंगा स्नान कर पूजा करती हैं और अपने परिवार के लिए सुख और समृद्धि की कामना करती हैं वह स्थानीय लोगों द्वारा पूजा-पाठ सिंगार सहित कई तरह के दुकान लगाए गए वही भजन कीर्तन का भी आयोजन किया गया है।


सुबह से ही गंगा स्नान करने के लिए महिलाओं की भीड़ अलखनाथ घाट,उमानाथ घाट और बाढ़ के विभिन्न घाटों में उमड़ पड़ी है।वहीं महिलाएं स्नान कर पूजा पाठ की और अपने परिवार के सुख समृद्धि की कामना की। कई महिलाएं लगातार एक महीने तक गंगा स्नान कर पूजा पाठ करती हैं।

उत्तरायण गंगा के तट पर गंगा स्नान का इस महीने में इतना महत्व है कि लोग 1 महीने के लिए बनारस सिमरिया बाढ़ के उमा नाथधाम बाढ़ के अलखनाथ धाम चले आते हैं और 1 महीने तक लगातार गंगा स्नान पूजा पाठ करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस महीने को चतुर्दिक मास भी कहा जाता है जो आषाढ़ महीने का अमावस्या से शुरू होकर कार्तिक की पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है।

वाइट- सुरेंद्र पांडे lअलखनाथ घाट के पुजारी)




Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.