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जनता दरबार के बाहर फरियादियों की भीड़, CM से नहीं मिल पाने के कारण निराश होकर लौटे

सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार (Janata Darbar In Patna) में कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को बुलाया जा रहा है. जिससे काफी संख्या में लोग सीएम से मिल कर अपनी बात उनके सामने नहीं रख पा रहे हैं. दूर-दराज से आए ऐसे फरियादी काफी निराश होकर पटना से लौट रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

जनता दरबार के बाहर फरियादियों की भीड़
जनता दरबार के बाहर फरियादियों की भीड़
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Published : Jun 13, 2022, 2:05 PM IST

पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का आज जनता दरबार का कार्यक्रम चल रहा है. जहां सीएम कई विभागों से जुड़ी लोगों की शिकायतें सुन रहे हैं. कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को बुलाया गया है. लेकिन जनता दरबार (Crowd of complainant outside Janata Darbar) के बाहर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ लगी है, जो अपनी समस्याओं को लेकर यहां आए हैं. जनता दरबार के बाहर पहुंचे लोगों की कई समस्याएं हैं लेकिन ज्यादातर फरियादी जमीन से जुड़े मामले लेकर पहुंचे हैं. बेगूसराय, औरंगाबाद पटना और अन्य जिले से भी लोग यहां पहुंचे हैं. लेकिन सीएम से नहीं मिल पाने के कारण मायूस हो जाते हैं.

ये भी पढ़ेंः CM नीतीश के दरबार में फूट-फूटकर रो पड़ा लाचार पिता, कहा- 'मेरी बेटी को मार डाला.. इंसाफ दिलाईये'

जमीन विवाद से जुड़े हैं ज्यादातर मामलेः जनता दरबार के बाहर बेगूसराय तेघड़ा से आए राणा प्रताप ने बताया कि उनकी जमीन पर भतीजे ने कब्जा कर लिया है और उसे बेच दिया है. हर जगह शिकायत कर चुके हैं. लेकिन कहीं से न्याय नहीं मिला. इसलिए मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाने आए हैं. 1 साल पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करवा चुके हैं. वहीं, पूर्णिया से आए शंकर यादव की समस्या भी जमीन से जुड़ी हुई है. कर्मचारियों ने इनकी किसी दूसरे के नाम पर कर दिया है और और इन्हें आप परेशान किया जा रहा है. नवादा से आए मनोहर पासवान नेत्रहीन हैं और इनके जमीन पर चचेरे भाइयों ने कब्जा कर लिया है. औरंगाबाद से आए श्री राम प्रजापति भूमिहीन है और जहां मकान बनाया है, वहीं जमीन चाहते हैं.

"मेरी जमीन पर भतीजे ने कब्जा कर उसे बेच दिया है. हर जगह शिकायत कर चुके हैं. लेकिन कहीं से न्याय नहीं मिला. इसलिए मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाने आए हैं. 1 साल पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करवा चुके हैं"- राणा प्रताप, फरियादी

"अपनी समस्या को लेकर थाना में भी गए. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई तो मुख्यमंत्री से गुहार लगाने आए हैं. कई महीना पहले रजिस्ट्रेशन करवा लिया है. लेकिन अब तक जनता दरबार के लिए बुलावा नहीं आया है. इसलिए जनता दरबार के बाहर पहुंचे हैं. शायद कुछ काम बन जाए"- मनोहर पासवान, फरियादी

लोगों को हो रही निराशाः जनता दरबार के बाहर पहुंचे अधिकांश लोगों की समस्या कहीं ना कहीं जमीन और पुलिस से जुड़ी हुई है. शिक्षा, स्वास्थ्य रोजगार से भी जुड़ी समस्याओं को लेकर लोग पहुंच रहे हैं लेकिन ऐसे लोगों की संख्या कम ही है. लेकिन मुख्यमंत्री जनता दरबार में उन्हीं लोगों से मिल रहे हैं, जिन्हें जिला प्रशासन पूरी जांच पड़ताल के बाद ला रहा है और ऐसे लोगों की संख्या सीमित है और इसलिए जनता दरबार के बाहर पहुंचने वाले लोगों को निराशा हाथ लग रही है.

जनता दरबार का आयोजन: मिली जानकारी के अनुसार संबंधित विभाग के सभी मंत्री और बिहार सरकार के सभी आला अधिकारी जनता दरबार में मौजूद हैं. बिहार में भी कोरोना संक्रमण (Corona Infection in Bihar) के मामले बढ़ने लगे हैं, तो इसको लेकर जनता दरबार में और भी एहतियात बरता जा रहा है. ऐसे भी पहले से ही सीमित संख्या में लोगों को कोरोना की पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही जिला प्रशासन के माध्यम से जनता दरबार लाया जाता है.

पिछले जनता दरबार में 137 मामलों की हुई थी सुनवाई: गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित जनता दरबार में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Janta Darbar) ने 173 लोगों की समस्याओं को सुना था. उन्होंने संबंधित विभागों को समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए. जून महीने के पहले जनता दरबार में सामान्य प्रशासन विभाग, गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी विभाग, खान एवं भू-तत्व विभाग से संबंधित मामलों पर सुनवाई हुई थी.

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पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का आज जनता दरबार का कार्यक्रम चल रहा है. जहां सीएम कई विभागों से जुड़ी लोगों की शिकायतें सुन रहे हैं. कोरोना के कारण सीमित संख्या में ही लोगों को बुलाया गया है. लेकिन जनता दरबार (Crowd of complainant outside Janata Darbar) के बाहर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ लगी है, जो अपनी समस्याओं को लेकर यहां आए हैं. जनता दरबार के बाहर पहुंचे लोगों की कई समस्याएं हैं लेकिन ज्यादातर फरियादी जमीन से जुड़े मामले लेकर पहुंचे हैं. बेगूसराय, औरंगाबाद पटना और अन्य जिले से भी लोग यहां पहुंचे हैं. लेकिन सीएम से नहीं मिल पाने के कारण मायूस हो जाते हैं.

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जमीन विवाद से जुड़े हैं ज्यादातर मामलेः जनता दरबार के बाहर बेगूसराय तेघड़ा से आए राणा प्रताप ने बताया कि उनकी जमीन पर भतीजे ने कब्जा कर लिया है और उसे बेच दिया है. हर जगह शिकायत कर चुके हैं. लेकिन कहीं से न्याय नहीं मिला. इसलिए मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाने आए हैं. 1 साल पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करवा चुके हैं. वहीं, पूर्णिया से आए शंकर यादव की समस्या भी जमीन से जुड़ी हुई है. कर्मचारियों ने इनकी किसी दूसरे के नाम पर कर दिया है और और इन्हें आप परेशान किया जा रहा है. नवादा से आए मनोहर पासवान नेत्रहीन हैं और इनके जमीन पर चचेरे भाइयों ने कब्जा कर लिया है. औरंगाबाद से आए श्री राम प्रजापति भूमिहीन है और जहां मकान बनाया है, वहीं जमीन चाहते हैं.

"मेरी जमीन पर भतीजे ने कब्जा कर उसे बेच दिया है. हर जगह शिकायत कर चुके हैं. लेकिन कहीं से न्याय नहीं मिला. इसलिए मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाने आए हैं. 1 साल पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करवा चुके हैं"- राणा प्रताप, फरियादी

"अपनी समस्या को लेकर थाना में भी गए. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई तो मुख्यमंत्री से गुहार लगाने आए हैं. कई महीना पहले रजिस्ट्रेशन करवा लिया है. लेकिन अब तक जनता दरबार के लिए बुलावा नहीं आया है. इसलिए जनता दरबार के बाहर पहुंचे हैं. शायद कुछ काम बन जाए"- मनोहर पासवान, फरियादी

लोगों को हो रही निराशाः जनता दरबार के बाहर पहुंचे अधिकांश लोगों की समस्या कहीं ना कहीं जमीन और पुलिस से जुड़ी हुई है. शिक्षा, स्वास्थ्य रोजगार से भी जुड़ी समस्याओं को लेकर लोग पहुंच रहे हैं लेकिन ऐसे लोगों की संख्या कम ही है. लेकिन मुख्यमंत्री जनता दरबार में उन्हीं लोगों से मिल रहे हैं, जिन्हें जिला प्रशासन पूरी जांच पड़ताल के बाद ला रहा है और ऐसे लोगों की संख्या सीमित है और इसलिए जनता दरबार के बाहर पहुंचने वाले लोगों को निराशा हाथ लग रही है.

जनता दरबार का आयोजन: मिली जानकारी के अनुसार संबंधित विभाग के सभी मंत्री और बिहार सरकार के सभी आला अधिकारी जनता दरबार में मौजूद हैं. बिहार में भी कोरोना संक्रमण (Corona Infection in Bihar) के मामले बढ़ने लगे हैं, तो इसको लेकर जनता दरबार में और भी एहतियात बरता जा रहा है. ऐसे भी पहले से ही सीमित संख्या में लोगों को कोरोना की पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही जिला प्रशासन के माध्यम से जनता दरबार लाया जाता है.

पिछले जनता दरबार में 137 मामलों की हुई थी सुनवाई: गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित जनता दरबार में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Janta Darbar) ने 173 लोगों की समस्याओं को सुना था. उन्होंने संबंधित विभागों को समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए. जून महीने के पहले जनता दरबार में सामान्य प्रशासन विभाग, गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी विभाग, खान एवं भू-तत्व विभाग से संबंधित मामलों पर सुनवाई हुई थी.

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