पटना: राजधानी पटना में 4 दिनों तक चलने वाले लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत शुक्रवार से नहाए खाए के साथ हो गई है. आज शनिवार को खरना के दिन प्रसाद (Kharna Prasad in Patna) को बनाने के लिए उपयोग में वाले गंगाजल के लिए घाटों पर छठ व्रतियों की भीड़ उमड़ पड़ी है. इसी कड़ी में पटना कॉलेज घाट पर हजारों छठ व्रतियों और उनके परिजन ने गंगा स्नान कर घरों से लाए जलपात्रों में गंगाजल भरकर ले जाते हुए नजर आएं.
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गंगाजल का होता है काफी महत्व: दरअसल खरना का प्रसाद बनाने की विधि में गंगाजल का काफी महत्व है. खरना के प्रसाद में बनने वाले खीर को गंगाजल से ही बनाया जाता है और इसको लेकर पटना के गंगा घाटों पर सुबह से ही व्रतियों की भीड़ जुटी रहती है. पटना कॉलेज घाट पर सुबह से ही जुटी व्रतियों की भीड़ ने सबसे पहले गंगा स्नान किया और उसके बाद घरों से लाए गए जल पात्रों में गंगा जल भरकर घरों की ओर प्रस्थान किया.
प्रशासन ने किया अच्छा इंतजाम: वहीं अगर घाटों पर पटना जिला प्रशासन की ओर से किए गए सुविधाओं की बात करें तो वह सभी का दिल जीत रहा है. पटना के छठ घाटों पर पहुंचने वाले श्रद्धालु भी पटना जिला प्रशासन की ओर से किए गए इस वर्ष के इंतजाम की जमकर सराहना करते नजर आ रहे हैं. ईटीवी भारत संवाददाता ने जब पटना कॉलेज घाट पर मौजूद एक छठ व्रती से बात की तो उसने बताया कि पूर्व की भांति इस वर्ष की गई सुविधाओं में काफी इजाफा किया गया है और खास करके व्रतियों के वाहनों को घाट तक पहुंचने के भी बेहतरीन इंतजाम पटना जिला प्रशासन की ओर से किए गए हैं.
"इस साल की गई सुविधाओं में काफी कुछ बेहतर है. व्रतियों के वाहनों को घाट तक पहुंचने के भी बेहतरीन इंतजाम पटना जिला प्रशासन की ओर से किए गए हैं. पटना के सभी घाटों पर छठ व्रतियों के लिए चेंजिंग रूम के साथ-साथ शौचालय की व्यवस्था की गई है."-संजू, छठ व्रती
चेंजिंग रूम के साथ शौचालय की व्यवस्था: गौरतलब हो कि पटना के सभी घाटों पर छठ व्रतियों के लिए चेंजिंग रूम के साथ-साथ शौचालय की व्यवस्था की गई है. गंगा नदी में बैरिकेटिंग कर लगातार एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान गश्त लगा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर छठ घाटों पर मेडिकल कैंप की व्यवस्था भी की गई है. नगर निगम के कर्मचारी लगातार छठ घाटों और उसके एप्रोच पथ की साफ सफाई में जुटे हुए नजर आ रहे हैं. बता दें कि रविवार की शाम पटना के इन्हीं छठ घाटों पर लाखों की संख्या में छठ व्रती डूबते हुए सूर्य को अपना पहला अर्घ्य देंगे.
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