पटना: राजधानी में प्रदेश के कई जिलों के बच्चे रह कर पढ़ाई करते हैं. ऐसे बच्चों के लिए पटना का उद्योग भवन कोई अनजाना नाम नहीं है. ये छात्रों के लिए इसलिए खास है क्योंकि यहां उन्हें सस्ते दामों में पुरानी और नई किताबें आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं. वहीं, अब इन किताब दुकानों के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है. बियाडा द्वारा इन दुकानों के सामने दीवार घेराव किया जा रहा है.
गौरतलब है कि शहर के प्रमुख उद्योग भवन की पहचान बन चुके किताब दुकानों के सामने दीवार उठाई जा रही है. जिससे ये दुकानें छिप जाएंगी. बताया जाता है कि किताब की ये दुकानें पिछले लगभग 50 वर्षों से यहां लगाई जाती है. लेकिन इनके सामने दीवार उठ जाने के बाद दुकानदारों के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाएगी. वहीं, मामले में दुकानदारों ने कहा कि हमारे दादा-परदादा पिछले 50-60 वर्षों से यहां दुकान लगाते हैं.
स्थानीय विधायक ने दिया आश्वासन
दुकानदारों ने कहा कि वर्ष 2008 में बिहटा के निदेशक केके पाठक के कार्यकाल में हम लोगों को बुक स्टॉल एलॉटमेंट किया गया था. जिसका हम लोग किराया भी देते हैं. वहीं, बिहटा ने छल से लॉकडाउन की अवधि में दुकान बंद होने की दशा में बगैर किसी सूचना के दुकान के सामने दीवार लगाने का काम शुरू कर दिया. हालांकि, बाकीपुर विधानसभा के विधायक ने हम लोगों को आश्वासन दिया है.
'हम लोगों की एकमात्र रोजी-रोटी'
किताब दुकानदार ने कहा कि हम लोगों की एकमात्र रोजी-रोटी यही है. ये बंद हो जाएगा तो हम लोग किराए के मकान में रहते हैं. हम लोगों के भूखे मरने की नौबत आ जाएगी. हम लोग बिहटा के निदेशक से मिलकर समस्या को लेकर उनको आवेदन भी सौंपा है, जो अभी विचाराधीन है.