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DGP ने जताई आशंका- लॉकडाउन के बाद बढ़ सकती है आपराधिक घटनाएं

लॉकडाउन के दौरान भी राज्य में हत्या, लूट, चोरी और छिनतई की अनेक घटनाएं लगातार हो रही हैं. सूत्रों के अनुसार लॉकडाउन के दौरान पिछले 13 दिनों में 43 हत्या की घटना सामने आई है.

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Published : Apr 16, 2020, 3:14 PM IST

पटनाः बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के अनुसार लॉकडाउन की वजह से बिहार में अपराध और सड़क दुर्घटनाओं की संख्या लगभग शून्य हो गई है. उन्होंने कहा कि छिटपुट घटनाओं को छोड़ दें तो बिहार में अपराधिक घटनाएं थम गया है. लेकिन उन्होंने आशंका जताई है कि लॉकडाउन के बाद प्रदेश में अपराध का ग्राफ बढ़ सकता है. इनके लिए उन्होंने पुलिस को अभी से अगाह कर दिया है.

थमा नहीं है अपराध का सिलसिला
लॉकडाउन के दूसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है. जिसमें केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन भी बखूबी किया जा रहा है. लोग घरों में बंद हैं. सड़कों पर सन्नाटा है. गाड़ियां नहीं चल रही हैं. ऐसे में रोड एक्सीडेंट और अपराध का ग्राफ भी बहुत गिरा है. कुछ छिटपुट घटनाएं जरूर हो रही हैं, उन्हें नगण्य ही कहा जायेगा. लेकिन अपराध का सिलसिला पूरी तरह थमा नहीं है.

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पटना का कोतवाली थाना

पहले की अपेक्षा कम हुई है घटनाएं
सामान्य दिनों के मुकाबले आपराधिक घटनाओं में कमी जरूर आई है. लॉकडाउन के दौरान भी राज्य में हत्या, लूट, चोरी और छिनतई की अनेक घटनाएं लगातार हो रही हैं. सूत्रों के अनुसार लॉकडाउन के दौरान पिछले 13 दिनों में 43 हत्या की घटना सामने आई है.

जिलावार अपराध का आंकड़ा
उत्तर बिहार में 10 लोगों की हत्याएं हुई हैं। जबकि भागलपुर के अलावा सीमांचल में 12, दक्षिण बिहार में चार और मध्य बिहार के शाहाबाद व मगध में 17 हत्या का मामला दर्ज हुआ है. पटना जिला में लूट की 2, रंगदारी की एक, हत्या की एक और चोरी की 4 घटनाएँ घटी है. वहीं, नालंदा जिले में हत्या के 2 मामले सामने आए हैं. जबकि भोजपुर जिले में 2 लोगों की हत्या हुई है. बक्सर जिले में हत्या की एक और लूट के दो मामले सामने आए हैं. सिवान जिले में हत्या की 3 और चोरी की 10 घटना घटी है. जबकि पहले एक दिन में दर्जनों हत्याएं होती थीं. इसी प्रकार चोरी और छिनतई की भी एक शहर में दर्जन भर घटनाएं हो जाया करती थी. लॉकडाउन के कारण इसका अधिकृत आंकड़ा उपलब्ध नहीं हो सका.

पेश है एक रिपोर्ट

लॉकडाउन की वजह से अपराध शून्य
हमने इस मामले पर जब बिहार के डीजीपी से बात की तो उन्होंने कहा कि बिहार में 12 करोड़ की आबादी है और उनके हिसाब से बिहार में अभी अपराध एकदम शून्य हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि लॉक डाउन की वजह से वाहन कम चल रहे हैं, इसलिए सड़क दुर्घटना में कमी आना स्वाभाविक है.

सम्मानित होंगे पुलिस वाले
अपराध और सड़क दुर्घटनाओं में भारी कमी को लॉकडाउन का लाभ कहा जा सकता है. बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि लॉक डाउन के दौरान जो पुलिसकर्मी अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से कर रहे हैं. लॉकडाउन के उपरांत करोना वीर सम्मान के तहत उन्हें सम्मानित किया जाएगा.

पटनाः बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के अनुसार लॉकडाउन की वजह से बिहार में अपराध और सड़क दुर्घटनाओं की संख्या लगभग शून्य हो गई है. उन्होंने कहा कि छिटपुट घटनाओं को छोड़ दें तो बिहार में अपराधिक घटनाएं थम गया है. लेकिन उन्होंने आशंका जताई है कि लॉकडाउन के बाद प्रदेश में अपराध का ग्राफ बढ़ सकता है. इनके लिए उन्होंने पुलिस को अभी से अगाह कर दिया है.

थमा नहीं है अपराध का सिलसिला
लॉकडाउन के दूसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है. जिसमें केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन भी बखूबी किया जा रहा है. लोग घरों में बंद हैं. सड़कों पर सन्नाटा है. गाड़ियां नहीं चल रही हैं. ऐसे में रोड एक्सीडेंट और अपराध का ग्राफ भी बहुत गिरा है. कुछ छिटपुट घटनाएं जरूर हो रही हैं, उन्हें नगण्य ही कहा जायेगा. लेकिन अपराध का सिलसिला पूरी तरह थमा नहीं है.

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पटना का कोतवाली थाना

पहले की अपेक्षा कम हुई है घटनाएं
सामान्य दिनों के मुकाबले आपराधिक घटनाओं में कमी जरूर आई है. लॉकडाउन के दौरान भी राज्य में हत्या, लूट, चोरी और छिनतई की अनेक घटनाएं लगातार हो रही हैं. सूत्रों के अनुसार लॉकडाउन के दौरान पिछले 13 दिनों में 43 हत्या की घटना सामने आई है.

जिलावार अपराध का आंकड़ा
उत्तर बिहार में 10 लोगों की हत्याएं हुई हैं। जबकि भागलपुर के अलावा सीमांचल में 12, दक्षिण बिहार में चार और मध्य बिहार के शाहाबाद व मगध में 17 हत्या का मामला दर्ज हुआ है. पटना जिला में लूट की 2, रंगदारी की एक, हत्या की एक और चोरी की 4 घटनाएँ घटी है. वहीं, नालंदा जिले में हत्या के 2 मामले सामने आए हैं. जबकि भोजपुर जिले में 2 लोगों की हत्या हुई है. बक्सर जिले में हत्या की एक और लूट के दो मामले सामने आए हैं. सिवान जिले में हत्या की 3 और चोरी की 10 घटना घटी है. जबकि पहले एक दिन में दर्जनों हत्याएं होती थीं. इसी प्रकार चोरी और छिनतई की भी एक शहर में दर्जन भर घटनाएं हो जाया करती थी. लॉकडाउन के कारण इसका अधिकृत आंकड़ा उपलब्ध नहीं हो सका.

पेश है एक रिपोर्ट

लॉकडाउन की वजह से अपराध शून्य
हमने इस मामले पर जब बिहार के डीजीपी से बात की तो उन्होंने कहा कि बिहार में 12 करोड़ की आबादी है और उनके हिसाब से बिहार में अभी अपराध एकदम शून्य हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि लॉक डाउन की वजह से वाहन कम चल रहे हैं, इसलिए सड़क दुर्घटना में कमी आना स्वाभाविक है.

सम्मानित होंगे पुलिस वाले
अपराध और सड़क दुर्घटनाओं में भारी कमी को लॉकडाउन का लाभ कहा जा सकता है. बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि लॉक डाउन के दौरान जो पुलिसकर्मी अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से कर रहे हैं. लॉकडाउन के उपरांत करोना वीर सम्मान के तहत उन्हें सम्मानित किया जाएगा.

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