ETV Bharat / state

बिहार में 57 फीसदी विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले, टिकट देने को लेकर EC सख्त - आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी

एडीआर के मुताबिक बिहार के 57 प्रतिशत विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले विचाराधीन हैं. कुल 138 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. जिनमें 95 विधायकों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं.

Patna
Patna
author img

By

Published : Jul 12, 2020, 10:16 AM IST

पटनाः बिहार में विधानसभा चुनाव का शंखनाद होने वाला है. इससे पहले एक बार फिर चुनाव आयोग की सख्ती के बाद बाहुबलियों को टिकट न देने की मांग जोर पकड़ने लगी है. मौजूदा विधानसभा के 57 प्रतिशत विधायक के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. जिससे अब राजनीतिक दलों के लिए बाहुबलियों को टिकट देने की राह आसान नहीं होगी.

चुनाव आयोग ने भेजा पत्र
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने 150 राजनीतिक दलों को चिट्ठी भेजकर हलचल पैदा कर दी है. अब राजनीतिक दलों को यह बताना होगा कि दागियों को उन्होंने क्यों चुना? साथ ही इसकी सूचना लोकल और लीडिंग अखबार में प्रकाशित करानी होगी.

देखें रिपोर्ट

अपराधीकरण को लेकर बहस शुरू
आयोग की पहल के बाद एक बार फिर राजनीति के अपराधीकरण को लेकर बहस शुरू हो गई है. एक समय था जब राजनेता अपराधियों के मदद से चुनाव जीतते थे, लेकिन बाद में अपराधी खुद ही राजनीति के मैदान के माहिर खिलाड़ी हो गए और बाहुबल और धनबल की बदौलत सत्ता की सीढ़ियां चढ़ने लगे. उनमें से कई मंत्री बनने में भी कामयाब हो गए.

Patna
मंत्री नीरज कुमार

ज्यादातर विधायकों पर आपराधिक मामले
एडीआर के मुताबिक बिहार के 57 प्रतिशत विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले विचाराधीन हैं. कुल 138 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं. जिनमें 95 विधायकों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. कुल मिलाकर 39 प्रतिशत विधायकों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले विचाराधीन हैं. जिसमें 3 विधायकों के खिलाफ महिला उत्पीड़न के मामले भी दर्ज हैं. 49 प्रतिशत विधायकों के खिलाफ चार्जशीट दायर की जा चुकी है.

Patna
बीजेपी नेता नवल किशोर यादव

सभी दल में मौजूद हैं दागी नेता
ज्यादातर राजनीतिक दल यह दंभ भरते हैं कि उन्होंने अपराधियों को टिकट नहीं दिया है, लेकिन हकीकत उनके दावों से अलग है. आरजेडी में सबसे ज्यादा कुल 80 विधायकों में से 46 के खिलाफ, जेडीयू के 71 में से 37 विधायकों के खिलाफ, बीजेपी के 53 में से 34 विधायकों के खिलाफ और कांग्रेस के 27 में से 16 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.

Patna
आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी

क्या कहते हैं नेता?
चुनाव आयोग की पहल के बाद राजनीतिक दलों के सुर बदल गए हैं. ज्यादातर दल अपने आप को पाक साफ साबित करने में जुटे हुए हैं. जेडीयू नेता और बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार का कहना है कि नीतीश कुमार ने राजनीति में अपराधियों के दखल को कम करने के लिए मजबूत पहल की और किसी दागी को मंत्री नहीं बनने दिया. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि अपराधियों और बाहुबलियों के रिश्तेदारों को भी राजनीतिक दल टिकट न दे.

राजनीतिक साजिश के तहत मुकदमा
बीजेपी नेता नवल किशोर यादव का कहना है कि पहले तो चुनाव आयोग को यह डिफाइन करना चाहिए कि दागी और बाहुबली कौन है. बहुत बार ऐसा होता है कि बाहुबली नेता निर्दलीय चुनाव जीत कर चले आते हैं. वहीं, आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि जो वाकई बाहुबली या अपराधी हैं उन्हें टिकट तो नहीं ही मिलना चाहिए. लेकिन जिनके खिलाफ राजनीतिक साजिश के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया हो, उसे बाहुबली अपराधी की श्रेणी में नहीं रखा जाना चाहिए.

Patna
एडीआर बिहार के संयोजक राजीव कुमार

बाहुबलियों को टिकट देने में पीछे नहीं रहती पार्टियां
एडीआर बिहार के संयोजक राजीव कुमार का कहना है कि तमाम दल दावे तो करते हैं कि वह बाहुबलियों को टिकट नहीं देंगे. लेकिन चुनाव के समय उन्हें टिकट देने में पीछे नहीं रहते. पहले राजनीतिक दल बाहुबलियों को चुनते हैं, उसके बाद जनता उन्हें चुनती है.

क्या होगा राजनीतिक दलों का रुख
बता दें कि 2015 के विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में बाहुबली और आपराधिक चरित्र के लोग चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच गए थे, लेकिन चुनाव आयोग की सख्ती के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार राजनीतिक दलों का रुख क्या होता है.

पटनाः बिहार में विधानसभा चुनाव का शंखनाद होने वाला है. इससे पहले एक बार फिर चुनाव आयोग की सख्ती के बाद बाहुबलियों को टिकट न देने की मांग जोर पकड़ने लगी है. मौजूदा विधानसभा के 57 प्रतिशत विधायक के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. जिससे अब राजनीतिक दलों के लिए बाहुबलियों को टिकट देने की राह आसान नहीं होगी.

चुनाव आयोग ने भेजा पत्र
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने 150 राजनीतिक दलों को चिट्ठी भेजकर हलचल पैदा कर दी है. अब राजनीतिक दलों को यह बताना होगा कि दागियों को उन्होंने क्यों चुना? साथ ही इसकी सूचना लोकल और लीडिंग अखबार में प्रकाशित करानी होगी.

देखें रिपोर्ट

अपराधीकरण को लेकर बहस शुरू
आयोग की पहल के बाद एक बार फिर राजनीति के अपराधीकरण को लेकर बहस शुरू हो गई है. एक समय था जब राजनेता अपराधियों के मदद से चुनाव जीतते थे, लेकिन बाद में अपराधी खुद ही राजनीति के मैदान के माहिर खिलाड़ी हो गए और बाहुबल और धनबल की बदौलत सत्ता की सीढ़ियां चढ़ने लगे. उनमें से कई मंत्री बनने में भी कामयाब हो गए.

Patna
मंत्री नीरज कुमार

ज्यादातर विधायकों पर आपराधिक मामले
एडीआर के मुताबिक बिहार के 57 प्रतिशत विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले विचाराधीन हैं. कुल 138 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं. जिनमें 95 विधायकों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. कुल मिलाकर 39 प्रतिशत विधायकों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले विचाराधीन हैं. जिसमें 3 विधायकों के खिलाफ महिला उत्पीड़न के मामले भी दर्ज हैं. 49 प्रतिशत विधायकों के खिलाफ चार्जशीट दायर की जा चुकी है.

Patna
बीजेपी नेता नवल किशोर यादव

सभी दल में मौजूद हैं दागी नेता
ज्यादातर राजनीतिक दल यह दंभ भरते हैं कि उन्होंने अपराधियों को टिकट नहीं दिया है, लेकिन हकीकत उनके दावों से अलग है. आरजेडी में सबसे ज्यादा कुल 80 विधायकों में से 46 के खिलाफ, जेडीयू के 71 में से 37 विधायकों के खिलाफ, बीजेपी के 53 में से 34 विधायकों के खिलाफ और कांग्रेस के 27 में से 16 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.

Patna
आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी

क्या कहते हैं नेता?
चुनाव आयोग की पहल के बाद राजनीतिक दलों के सुर बदल गए हैं. ज्यादातर दल अपने आप को पाक साफ साबित करने में जुटे हुए हैं. जेडीयू नेता और बिहार सरकार के मंत्री नीरज कुमार का कहना है कि नीतीश कुमार ने राजनीति में अपराधियों के दखल को कम करने के लिए मजबूत पहल की और किसी दागी को मंत्री नहीं बनने दिया. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि अपराधियों और बाहुबलियों के रिश्तेदारों को भी राजनीतिक दल टिकट न दे.

राजनीतिक साजिश के तहत मुकदमा
बीजेपी नेता नवल किशोर यादव का कहना है कि पहले तो चुनाव आयोग को यह डिफाइन करना चाहिए कि दागी और बाहुबली कौन है. बहुत बार ऐसा होता है कि बाहुबली नेता निर्दलीय चुनाव जीत कर चले आते हैं. वहीं, आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि जो वाकई बाहुबली या अपराधी हैं उन्हें टिकट तो नहीं ही मिलना चाहिए. लेकिन जिनके खिलाफ राजनीतिक साजिश के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया हो, उसे बाहुबली अपराधी की श्रेणी में नहीं रखा जाना चाहिए.

Patna
एडीआर बिहार के संयोजक राजीव कुमार

बाहुबलियों को टिकट देने में पीछे नहीं रहती पार्टियां
एडीआर बिहार के संयोजक राजीव कुमार का कहना है कि तमाम दल दावे तो करते हैं कि वह बाहुबलियों को टिकट नहीं देंगे. लेकिन चुनाव के समय उन्हें टिकट देने में पीछे नहीं रहते. पहले राजनीतिक दल बाहुबलियों को चुनते हैं, उसके बाद जनता उन्हें चुनती है.

क्या होगा राजनीतिक दलों का रुख
बता दें कि 2015 के विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में बाहुबली और आपराधिक चरित्र के लोग चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच गए थे, लेकिन चुनाव आयोग की सख्ती के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार राजनीतिक दलों का रुख क्या होता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.