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Child Trafficking : पटना जंक्शन से 3 बाल तस्कर गिरफ्तार, RPF ने 7 बच्चों को किया बरामद

पटना जंक्शन से मजदूरी के लिए तस्करी कर सूरत ले जाए जा रहे सात बच्चों को आरपीएफ ने बरामद किया है. साथ ही इन्हें ले जाने वाले तीन बाल तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Jun 13, 2023, 4:40 PM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना में सात बच्चों को बाल तस्करों के चंगुल से छुड़ाया गया. सभी बच्चे पटना जंक्शन से बरामद किये गए हैं. साथ ही तीन बाल तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है. दरअसल, बचपन बचाओ आंदोलन अभियान के तहत सोमवार को 1:44 बजे ट्रेन संख्या 22948 पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 5 पर पहुंची. उस दौरान आरपीएफ ने ट्रेन के सभी कोचों की जांच की. इसी दौरान शक होने पर कुछ बच्चों से पूछताछ की गई. तब जाकर पता चला कि उन्हें मजदूरी कराने के लिए ले जाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: patna Child trafficking Case: 'डॉक्टर और दलाल ने मिलकर मेरे बच्चे को बेचा', नवजात के परिजन का आरोप

तीन बाल तस्कर गिरफ्तार: आरपीएफ पोस्ट प्रभारी सुशील कुमार के नेतृत्व में एसआई मनीष कुमार, एसआई केके कनक, अभय कुमार ने बचपन बचाओ आंदोलन के तहत बाल तस्करी करने वाले गिरोह के तीन सदस्य को गिरफ्तार किया है. साथ ही 7 बच्चों को मुक्त कराया है. सुशील कुमार ने बताया कि बाल तस्करी में शामिल प्रमोद कुमार उम्र 25 वर्ष पिता जोगिंदर सिंह साहेबगंज, झारखंड का रहने वाला है. मुख्य सरगना के साथ साथ दो और लोग हैं.

काम के नाम पर ले जा रहे थे सूरत: पोस्ट प्रभारी सुशील कुमार ने बताया कि कोचों की जांच के दौरान खिड़की के पास में बैठे दो बच्चों को देखकर शक हुआ. इसके बाद जब दोनों से पूछताछ की गई तो पता चला कि दोनों भागलपुर के रहने वाले हैं. इन दोनों बच्चों ने बताया कि सूरत काम करने जा रहे हैं. कुछ लोग हमें काम के लिए ले जा रहे हैं. इसके बाद आरपीएफ ने आनन फानन में कोच को चारो तरफ से घेर लिया और पूछताछ करनी शुरू कर दी. फिर बच्चों से तस्करों की पहचान कराई गई. बच्चों ने 3 लोगों की पहचान की, जो उन्हें ले जा रहे थे.

तीनों ने सूरत ले जाने की स्वीकारी बात: इसके बाद तीनों से पूछताछ की गई तो वेलोग बात घुमाने लगे. फिर आरपीएफ ने पोस्ट पर लाकर सख्ती से पूछताछ शुरू की, तो तीनों बाल तस्करों ने स्वीकार किया कि बच्चों को सूरत में मजदूरी कराने को लेकर ले जा रहे हैं. इन तीनों लोगों को गिरफ्तार कर अग्रिम कार्रवाई के लिए जीआरपी पटना के सुपुर्द कर दिया गया है. साथ ही सभी बच्चों को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है.

"कोचों की जांच के दौरान खिड़की के पास में बैठे दो बच्चों को देखकर शक हुआ. इसके बाद जब दोनों से पूछताछ की गई तो पता चला कि दोनों भागलपुर के रहने वाले हैं. इन दोनों बच्चों ने बताया कि सूरत काम करने जा रहे हैं. कुछ लोग हमें काम के लिए ले जा रहे हैं. बच्चों ने 3 लोगों की पहचान की, जो उन्हें ले जा रहे थे. तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है" - सुशील कुमार, पोस्ट प्रभारी, आरपीएफ

पटना: बिहार की राजधानी पटना में सात बच्चों को बाल तस्करों के चंगुल से छुड़ाया गया. सभी बच्चे पटना जंक्शन से बरामद किये गए हैं. साथ ही तीन बाल तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है. दरअसल, बचपन बचाओ आंदोलन अभियान के तहत सोमवार को 1:44 बजे ट्रेन संख्या 22948 पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 5 पर पहुंची. उस दौरान आरपीएफ ने ट्रेन के सभी कोचों की जांच की. इसी दौरान शक होने पर कुछ बच्चों से पूछताछ की गई. तब जाकर पता चला कि उन्हें मजदूरी कराने के लिए ले जाया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: patna Child trafficking Case: 'डॉक्टर और दलाल ने मिलकर मेरे बच्चे को बेचा', नवजात के परिजन का आरोप

तीन बाल तस्कर गिरफ्तार: आरपीएफ पोस्ट प्रभारी सुशील कुमार के नेतृत्व में एसआई मनीष कुमार, एसआई केके कनक, अभय कुमार ने बचपन बचाओ आंदोलन के तहत बाल तस्करी करने वाले गिरोह के तीन सदस्य को गिरफ्तार किया है. साथ ही 7 बच्चों को मुक्त कराया है. सुशील कुमार ने बताया कि बाल तस्करी में शामिल प्रमोद कुमार उम्र 25 वर्ष पिता जोगिंदर सिंह साहेबगंज, झारखंड का रहने वाला है. मुख्य सरगना के साथ साथ दो और लोग हैं.

काम के नाम पर ले जा रहे थे सूरत: पोस्ट प्रभारी सुशील कुमार ने बताया कि कोचों की जांच के दौरान खिड़की के पास में बैठे दो बच्चों को देखकर शक हुआ. इसके बाद जब दोनों से पूछताछ की गई तो पता चला कि दोनों भागलपुर के रहने वाले हैं. इन दोनों बच्चों ने बताया कि सूरत काम करने जा रहे हैं. कुछ लोग हमें काम के लिए ले जा रहे हैं. इसके बाद आरपीएफ ने आनन फानन में कोच को चारो तरफ से घेर लिया और पूछताछ करनी शुरू कर दी. फिर बच्चों से तस्करों की पहचान कराई गई. बच्चों ने 3 लोगों की पहचान की, जो उन्हें ले जा रहे थे.

तीनों ने सूरत ले जाने की स्वीकारी बात: इसके बाद तीनों से पूछताछ की गई तो वेलोग बात घुमाने लगे. फिर आरपीएफ ने पोस्ट पर लाकर सख्ती से पूछताछ शुरू की, तो तीनों बाल तस्करों ने स्वीकार किया कि बच्चों को सूरत में मजदूरी कराने को लेकर ले जा रहे हैं. इन तीनों लोगों को गिरफ्तार कर अग्रिम कार्रवाई के लिए जीआरपी पटना के सुपुर्द कर दिया गया है. साथ ही सभी बच्चों को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है.

"कोचों की जांच के दौरान खिड़की के पास में बैठे दो बच्चों को देखकर शक हुआ. इसके बाद जब दोनों से पूछताछ की गई तो पता चला कि दोनों भागलपुर के रहने वाले हैं. इन दोनों बच्चों ने बताया कि सूरत काम करने जा रहे हैं. कुछ लोग हमें काम के लिए ले जा रहे हैं. बच्चों ने 3 लोगों की पहचान की, जो उन्हें ले जा रहे थे. तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है" - सुशील कुमार, पोस्ट प्रभारी, आरपीएफ

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