पटनाः बिहार में हुए सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में पटना पुलिस ने कमलेश कुमार नाम के एक सिपाही को गिरफ्तार किया है. पटना के कंकड़बाग थाने की पुलिस ने पेपर लीक मामले में कार्रवाई को दौरान उसे पकड़ा है. गिरफ्तार कांस्टेबल से पूछताछ की जा रही है. पुलिस के मुताबिक पूछताछ के दौरान कमलेश कुमार ने कई राज भी खोले हैं.
पेपर लीक मामले में सिपाही गिरफ्तारः पुलिस के मुताबिक 1 अक्टूबर को सिपाही बहाली भर्ती परीक्षा के दिन कांस्टेबल कमलेश की ड्यूटी पटना के कंकड़बाग स्थित रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज नहीं थी. इसके बावजूद वो कॉलेज में आंसर की लेकर पहुंचा था. दरअसल इस कॉलेज में कमलेश का भाई मोनू परीक्षा दे रहा था. सूत्रों की मानें तो उस दिन सुपरिंटेंडेंट ने अपनी जांच के दौरान नकल करते हुए 6 परीक्षार्थियों को पकड़ा था, इनके पास से आंसर की भी बरामद हुई थी. सभी से पूछताछ करने के बाद इन्हें कंकड़बाग थाने के हवाले किया गया था.
सिपाही के भाई ने बताई सारी सच्चाईः वहीं थाने में पूछताछ के दौरान पता चला कि इसमें एक परीक्षार्थी सिपाही कमलेश का भाई मोनू है. जिसने सारी असलियत पुलिस के सामने रख दी. कमलेश ने बताया कि सेंटर के जरिए सवालों का जवाब सिपाही के मोबाइल पर भेजा गया था, उसके बाद कमलेश ने उसके प्रिंट आउट निकलवाए, फिर परीक्षा हॉल में बैठे अपने भाई समेत 6 से 7 परीक्षार्थियों को आंसर उपलब्ध कराई. अब पुलिस के साथ-साथ आर्थिक अपराध इकाई की टीम भी इस मामले में काफी गहनता से जांच कर रही है.
पुलिस के हाथ लगे महत्वपूर्ण कागजातः वहीं आर्थिक अपराध इकाई के साथ-साथ बिहार पुलिस भी इस मामले पर काफी तेजी से कार्रवाई कर रही है. इससे पहले लखीसराय में गुप्त सूचना के आधार पर एक शख्स को गिरफ्तार किया गया था, जिनके पास से माइक्रो प्रिंटर,आंसर शीट परीक्षा से संबंधित कई महत्वपूर्ण कागजात भी बरामद किए गए हैं. वहीं इसके सरगना चंदन कुमार को भी लखीसराय की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जिससे पूछताछ चल रही है. ईओयू एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा भी था कि चाहे कोई भी हो वह बक्शा नहीं जाएगा.
मामले में ईओयू कर रही तेजी से जांचः दरअसल सिपाही भर्ती पेपर लीक कांड में आर्थिक अपराध इकाई काफी तेजी से जांच कर रही है. आर्थिक अपराध इकाई का दायरा भी काफी बढ़ गया है. इस प्रकरण में 21 जिलों में 67 मामले दर्ज हुए थे और 148 शातिरों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बुधवार की देर शाम तक या आंकड़ा काफी बढ़ गया. वहीं आर्थिक अपराध इकाई के अनुसार अब बिहार के 22 जिलों में अभी तक कुल 80 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं गिरफ्तारी का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. पटना के बाद लखीसराय और बक्सर जिले में भी बड़ी कार्रवाई हुई है.
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