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आपराधिक गतिविधियों का अड्डा बना मगध डिवीजन, माओवादी घटनाओं से बढ़ा क्राइम का ग्राफ

माओवादी गतिविधियों कारण बिहार के मगध डिवीजन में अपराध (Crime In Bihar) सबसे ज्यादा होते हैं. आंकड़ों की मानें तो पिछले साल भी इन जिलों में सबसे ज्यादा क्राइम हुए थे. पढ़ें पूरी खबर...

बिहार में क्राइम
बिहार में क्राइम
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Published : Feb 14, 2022, 2:30 PM IST

Updated : Feb 14, 2022, 2:44 PM IST

पटना: बिहार में मगध डिवीजन (Crime In Magadha Division Bihar) माओवादी गतिविधियों सहित आपराधिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है, जो अब बिहार पुलिस के आंकड़ों से फिर से साबित हो गया है. मगध डिवीजन में गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद और नवादा जिले शामिल हैं, एक ऐसा क्षेत्र जो अपने घने जंगल के कारण माओवादी गतिविधियों (Naxalites Activity In Bihar) के लिए जाना जाता है.

ये भी पढ़ेंः औरंगाबाद में नक्सलियों ने मोबाइल टावर को उड़ाया

इन जिलों की पुलिस और अर्धसैनिक बल 16 मार्च, 2021 को गया जिले के डुमरिया थाना क्षेत्र के मोनावर गांव में हुई, जिसमें गया पुलिस और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन का संयुक्त अभियान सफल रहा है. इस दौरान चार शीर्ष माओवादी कमांडरों को मार गिराया. इनमें अमरेश सिंह भोक्ता उर्फ टुनटुन, जोनल कमांडर उप-क्षेत्रीय कमांडर शिव पूजन यादव, उदय पासवान, उप-क्षेत्रीय कमांडर और सीता भुइया, एक उप-क्षेत्रीय कमांडर भी शामिल था.

गया के एडिशनल एसपी (ऑपरेशन), राजेश कुमार सिंह, (जो उस मुठभेड़ का हिस्सा थे) के नेतृत्व में गया में चलाए गए उस संयुक्त अभियान के दौरान, 2 एके 47 राइफल, 1 एचके 33 राइफल, 1 इंसास राइफल, 528 जिंदा कारतूस, एके 47 की 5 मैगजीन, 5 डेटोनेटर, 3 सुरक्षा फ्यूज, 4 मोबाइल और अन्य लड़ाकू उपकरण जब्त किए थे.

इन जिलों में माओवादी गतिविधियां अक्सर होती रहती हैं. ऐसी ही एक घटना पिछले साल 22 नवंबर को हुई थी जब औरंगाबाद जिले में एक माओवादी समूह ने एक मोबाइल टावर में विस्फोट किया था. उन्होंने जाहिर तौर पर झारखंड के शीर्ष माओवादी कमांडर प्रशांत बोस उर्फ किशन दा और उनकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी पर अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए विस्फोट को अंजाम दिया.

दंपति को कुछ दिन पहले झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया था. उच्च तीव्रता वाले विस्फोट के कारण मोबाइल टावर पूरी तरह से नष्ट हो गया. औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना अंतर्गत जुहारी गांव में हुई इस घटना में पास स्थित एक किशन भवन भी क्षतिग्रस्त हो गया.

माओवादी गतिविधियों के अलावा, हाल के दिनों में बड़ी संख्या में अपराधियों ने इन जिलों में कई अपराध भी किए हैं. आंकड़ों के अनुसार, 2021 में गया में 7,817, नवादा में 6,374, औरंगाबाद में 3,483, जहानाबाद में 1,724, जबकि विभिन्न अपराधों के लिए अरवल में 1,126 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

ये भी पढ़ेंः नक्सलियों के बंद के दौरान पुलिस मुख्यालय अलर्ट मोड पर, कुछ जिलों में विशेष चौकसी

गया पुलिस ने 2021 में 12,990 प्राथमिकी दर्ज की, इसके बाद नवादा (7,666), औरंगाबाद (6,259), जहानाबाद (3,175) और अरवल (1,994) का स्थान रहा. मगध रेंज के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, माओवादी समूह और स्थानीय अपराधी प्रतिबंधित पदार्थों के उत्पादन और तस्करी के जरिए धन जुटाते हैं. इन जिलों में मारिजुआना और अफीम जैसी प्रतिबंधित वस्तुओं की खेती अक्सर होती है.

आंकड़ों के मुताबिक गया पुलिस ने 2021 में 803 किलो गांजा, 516 किलो अफीम और 5,111 किलो डोडा बरामद किया. नवादा पुलिस ने 750 किलो गांजा, 151 गांजा और 23 किलो नौसादार जब्त किया. अरवल पुलिस ने 74.61 किलो गांजा के पौधे, 1.04 किलो गांजा और 930 ग्राम हेरोइन बरामद की है. औरंगाबाद और जहानाबाद पुलिस ने 560 किलोग्राम और 278 किलोग्राम प्रतिबंधित सामग्री जब्त की.

नोटः ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP


पटना: बिहार में मगध डिवीजन (Crime In Magadha Division Bihar) माओवादी गतिविधियों सहित आपराधिक गतिविधियों के लिए जाना जाता है, जो अब बिहार पुलिस के आंकड़ों से फिर से साबित हो गया है. मगध डिवीजन में गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद और नवादा जिले शामिल हैं, एक ऐसा क्षेत्र जो अपने घने जंगल के कारण माओवादी गतिविधियों (Naxalites Activity In Bihar) के लिए जाना जाता है.

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इन जिलों की पुलिस और अर्धसैनिक बल 16 मार्च, 2021 को गया जिले के डुमरिया थाना क्षेत्र के मोनावर गांव में हुई, जिसमें गया पुलिस और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन का संयुक्त अभियान सफल रहा है. इस दौरान चार शीर्ष माओवादी कमांडरों को मार गिराया. इनमें अमरेश सिंह भोक्ता उर्फ टुनटुन, जोनल कमांडर उप-क्षेत्रीय कमांडर शिव पूजन यादव, उदय पासवान, उप-क्षेत्रीय कमांडर और सीता भुइया, एक उप-क्षेत्रीय कमांडर भी शामिल था.

गया के एडिशनल एसपी (ऑपरेशन), राजेश कुमार सिंह, (जो उस मुठभेड़ का हिस्सा थे) के नेतृत्व में गया में चलाए गए उस संयुक्त अभियान के दौरान, 2 एके 47 राइफल, 1 एचके 33 राइफल, 1 इंसास राइफल, 528 जिंदा कारतूस, एके 47 की 5 मैगजीन, 5 डेटोनेटर, 3 सुरक्षा फ्यूज, 4 मोबाइल और अन्य लड़ाकू उपकरण जब्त किए थे.

इन जिलों में माओवादी गतिविधियां अक्सर होती रहती हैं. ऐसी ही एक घटना पिछले साल 22 नवंबर को हुई थी जब औरंगाबाद जिले में एक माओवादी समूह ने एक मोबाइल टावर में विस्फोट किया था. उन्होंने जाहिर तौर पर झारखंड के शीर्ष माओवादी कमांडर प्रशांत बोस उर्फ किशन दा और उनकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी पर अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए विस्फोट को अंजाम दिया.

दंपति को कुछ दिन पहले झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया था. उच्च तीव्रता वाले विस्फोट के कारण मोबाइल टावर पूरी तरह से नष्ट हो गया. औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना अंतर्गत जुहारी गांव में हुई इस घटना में पास स्थित एक किशन भवन भी क्षतिग्रस्त हो गया.

माओवादी गतिविधियों के अलावा, हाल के दिनों में बड़ी संख्या में अपराधियों ने इन जिलों में कई अपराध भी किए हैं. आंकड़ों के अनुसार, 2021 में गया में 7,817, नवादा में 6,374, औरंगाबाद में 3,483, जहानाबाद में 1,724, जबकि विभिन्न अपराधों के लिए अरवल में 1,126 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

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गया पुलिस ने 2021 में 12,990 प्राथमिकी दर्ज की, इसके बाद नवादा (7,666), औरंगाबाद (6,259), जहानाबाद (3,175) और अरवल (1,994) का स्थान रहा. मगध रेंज के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, माओवादी समूह और स्थानीय अपराधी प्रतिबंधित पदार्थों के उत्पादन और तस्करी के जरिए धन जुटाते हैं. इन जिलों में मारिजुआना और अफीम जैसी प्रतिबंधित वस्तुओं की खेती अक्सर होती है.

आंकड़ों के मुताबिक गया पुलिस ने 2021 में 803 किलो गांजा, 516 किलो अफीम और 5,111 किलो डोडा बरामद किया. नवादा पुलिस ने 750 किलो गांजा, 151 गांजा और 23 किलो नौसादार जब्त किया. अरवल पुलिस ने 74.61 किलो गांजा के पौधे, 1.04 किलो गांजा और 930 ग्राम हेरोइन बरामद की है. औरंगाबाद और जहानाबाद पुलिस ने 560 किलोग्राम और 278 किलोग्राम प्रतिबंधित सामग्री जब्त की.

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Last Updated : Feb 14, 2022, 2:44 PM IST
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