पटना: बिहार में अक्टूबर माह में फिरौती के लिए हुए अपहरण के मामलों में जनवरी से सितंबर की तुलना में 125 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. पुलिस मुख्यालय के आंकड़े के अनुसार जनवरी से लेकर सितंबर तक अपहरण के औसतन 638 मामले सामने आए हैं. जबकि, अक्टूबर में यह आंकड़ा बढ़कर 765 पहुंच गया. पुलिस मुख्यालय से मिल रही जानकारी के अनुसार फिरौती के लिए अपहरण के मामले में पिछले 9 महीने मैं औसतन 2.22 मामले सामने आए.
फिरौती के लिए हुए अपहरण के मामलों पर एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि जनवरी से लेकर सितंबर तक फिरौती के लिए हुए अपहरण के मामले पिछेल वर्ष के मुताबिक बहुत कम रहे. उन्होंने अक्टूबर माह में हुई वृद्धि के बारे में बताया कि ऐसा नहीं है कि 125 फीसदी आंकड़े बढ़ गए. एडीजी की मानें तो सिर्फ फिरौती के लिए अक्टूबर माह तक अपहरण के कुल 25 मामले दर्ज हुए. ऐसे में अक्टूबर में फिरौती के लिए 5 नए मामले दर्ज हुए. इससे ये प्रतिशत बढ़ गया.
2019 की अपेक्षा कम हुआ क्राइम
पुलिस मुख्यालय एडीजी जितेंद्र कुमार ने बताया कि 2019 की तुलना में 2020 में अब फिरौती हेतु अपहरण मामले में काफी कमी आई है. एडीजी मुख्यालय के मुताबिक वर्ष 2019 में फिरौती के लिए कुल 43 अपहरण हुए. जबकि 2020 के जनवरी से अक्टूबर माह तक कुल 25 मामले दर्ज हुए हैं, यह आंकड़ा बढ़कर साल के अंत तक 5 और हो सकता है फिर भी 2019 की तुलना में फिरौती हेतु अपहरण 2020 में काफी गिरावट आई है. वर्ष 2020 के जनवरी से सितंबर तक औसतन 267 हत्याएं हुई हैं, जबकि अक्टूबर माह में 243 मर्डर हुए हैं. पुलिस मुख्यालय के मुताबिक 1% की कमी आई है.
क्राइम रिपोर्ट
बिहार में जनवरी से सितंबर के मुकाबले अक्टूबर माह में क्राइम रेट में 3.12 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. जनवरी से सितंबर तक के कुल संज्ञेय अपराध 21419 हुए जबकि अक्टूबर 2020 में 22068 केस दर्ज हुए. संगीन अपराधों में हत्या, डकैती, लूट, गृहभेदन, चोरी, दंगा, दुष्कर्म, रोड डकैती, रोड लूट के मामलों में कमी आई है. हालांकि, जनवरी से सितंबर के मुकाबले अपहरण और फिरौती के लिए अपहरण में बढ़ोतरी हुई है. विगत 2 दिन पहले पुलिस मुख्यालय की तरफ से एनसीआरबी के तर्ज पर एससीआरबी का डाटा जारी किया गया था, जिसमें 2018 के मुकाबले 2019 में दंगा को छोड़ सभी संगीन अपराधों में बढ़ोतरी दिखाया गई है.