पटनाः बिहार के पटना में साइबर अपराध (cyber crime in patna) के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. साइबर पुलिस ने बिहार में चल रहे ऐसे फर्जी लोन एप को बंद कराने जा रही है, जो लोन के माध्यम से लोगों को फंसाने का काम करता है. इसके लिए बिहार में पुलिस ने सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी को पत्र भेजा है, जिसमें 100 फर्जी लोन एप का नाम शामिल है, जो बिहार में लोगों को लोन देकर फंसाता है.
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नए एप्लीकेशन से ठगीः इसकी जानकारी पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने दी. उन्होंने बताया कि साइबर अपराधियों द्वारा फ्रॉड के नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं. साइबर अपराधी अब नए एप्लीकेशन के माध्यम से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. इसी कड़ी में बिहार पुलिस मुख्यालय के साइबर सेल के द्वारा ऐसे लगभग 100 एप्लीकेशन को चिह्नित किया गया है, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त नहीं है.
फ्रॉड एप्लीकेशन चिह्नितः ये एप पैसे ट्रांसफर का काम करते हैं और लोगों से फ्रॉड करते हैं. इस एप्लीकेशन के माध्यम से लोगों के अकाउंट से पैसा भी गायब करते हैं. ऐसा मामले आने के बाद साइबर सेल के द्वारा ऐसे फ्रॉड एप्लीकेशन को चिह्नित किया गया है. ऐसे फ्रॉड एप्लीकेशन के माध्यम से पूरे देश में लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं, जिसको देखते हुए धारा 69A के आईटी एक्ट अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर एक्सेस ब्लॉकिंग करने के लिए प्रिंसिपल सेक्रेटरी सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग को भेजा गया है.
ये हैं फर्जी एपः जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि ऐसे कुछ एप हैं जो फर्जीवारा करते हैं. जैसे तारा रूपी, आधार कैश ,लोनग्रोथ, डेली लोन, वंडर लोन , स्विफ्ट रूपी का कैश, फेथ ब्रो, फ्लेक्सी लोन, कैश लोन, माइटी रूपी लोन, क्लाउड लोन, पैसा जादू ऐसे कई ऐप को प्रतिबंधित करने के लिए पत्र भेजा गया है.
"नए-नए तरीकों से साइबर फ्रॉड ठगी कर रहे हैं, जिस पर अंकुश लगाने के लिए साइबर सेल के द्वारा गहनता से जांच कर साइबर फ्रॉड पर अंकुश लगाने का काम किया जा रहा है. फर्जी लोन देने वाले 100 एप को चिह्नित कर विभाग को पत्र भेजा गया है, जिसे बंद करने की मांग की गई है. ये सभी एप लोगों को लोन के नाम पर ठगी का काम करता है." - जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय