पटनाः बिहार में साइबर फ्रॉड का मामला तेजी से बढ़ रहा है. अब साइबर अपराधी ठगी करने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं. बारिश के मौसम में ऑनलाइन छाता बेचने और शादी के समय में गहने और कपड़े बेचने के नाम पर ठगी की जा रही है. सोशल मीडिया पर पोस्ट को लाइक और शेयर करने के नाम पर भी ठगी की जा रही है. पहले तो झांसा देकर पोस्ट लाइक करने पर रुपए देने का झांसा दिया जाता है, उसके बाद अकाउंट खाली कर दिया जा रहा है.
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बिहार पुलिस सतर्कः बिहार में ऑनलाइन ठगी का मामला बढ़ने से बिहार पुलिस भी सतर्क हो गई है. बिहार में साइबर क्राइम का ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें सोशल मीडिया पर पोस्ट लाइक करने के नाम पर ठगी की गई है. इसकी जानकारी पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने दी है. उन्होंने बताया कि अपराधियों ने यूजर को पोस्ट लाइक करने के लिए कहा था और इसके बदले रुपए देने की बात कही थी.
9 लाख की ठगीः शुरुआत में यूजर को पोस्ट लाइक और शेयर करने के बदले कुछ रुपए मिले, इसके बाद अकाउंट का डिटेल लेकर उसके खाते से 9 लाख 63 हजार 228 रुपए की निकासी कर ली गई. यूजर ने शिकायत दर्ज कराई तो बिहार आर्थिक अपराध इकाई की ओर से कार्रवाई कर ठगी की पूरी राशि जिस खाते में भेजी गई थी, उसे फ्रीज करा दिया गया है.
कमीशन का लोभः गंगवार ने बताया कि रोज नए-नए तरीके से साइबर अपराधी लोगों को शिकार बना रही है. मौसम और महीने के हिसाब से लोगों को झांसे में लेकर ठगी की जा रही है. विभिन्न वेबसाइट के माध्यम से पार्ट टाइम नौकरी, मनी इंवेस्टमेंट, बारिश के समय में छाता बेचने के नाम पर ठगी की जा रही है. सोशल मीडिया के यूजर को यह बताया जाता है कि मेरे छाते के विज्ञापन को लाइक और शेयर करें. बिक्री बढ़ने पर कमीशन दिया जाएगा.
"साइबर अपराधी मौसम के अनुसार ठगी करते हैं. बारिश में छाता बेचने, पार्ट टाइम नौकरी के नाम पर शिकार बनाया जाता है. हाल में एक यूजर से सोशल मीडिया पर पोस्ट लाइक करने के नाम पर 9 लाख 63 हजार 228 रुपए ठगी कर ली गई है. आर्थिक अपराध ईकाई ने कार्रवाई शुरू कर दी है. जिस खाते में राशि ट्रांसफर की गई है, उसे फ्रीज कर लिया गया है. लोगों से अपील है कि इस तरह के झांसे में नहीं आएं. 1930 पर कॉल कर सूचित करें." -जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय
पुलिस की अपीलः एडीजी ने लोगों से अपील कि है कि किसी भी लिंक को खोलने से पहले उसके विषय में पूरी जानकारी लें. भी लिंक को बिना सोचे समझे न खोलें नहीं तो साइबर ठगी के शिकार हो सकते हैं. साइबर क्राइम के तहत अभी तक 4 महीने के भीतर लगभग 800 साइबर अपराध के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. लगभग 8 करोड़ 56 लाख की राशि को लोगों से मिली शिकायत पर बचाया गया है. मार्च में 2 करोड़ रुपए, अप्रैल में 1.9 करोड़, मई में 2.18 करोड़ और जून में 2.25 करोड़ रुपए रिकवर किया गया है.